मंडला। जून 2020 में 12वीं कक्षा के छात्र-छात्रों की बोर्ड परीक्षा में स्टेनोग्राफी की परीक्षाएं आयोजित हुई थीं, जिसमें मंडला जिले के कई छात्रों ने हिस्सा लिया था. इस परीक्षा में शामिल हुए परिक्षार्थियों का रिजल्ट जुलाई के महीने में आया, जिसमें ज्यादातर परिक्षार्थी फैल हो गए हैं. रिजल्ट देख छात्र-छात्राओं ने आरोप लगाया है कि उनकी कॉपियां ठीक चैक नहीं की गई हैं. इस शिकायत के साथ जिले भर के छात्र-छात्राएं ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर आंसर शीट फिर से चैक कराने की मांग की है. साथ ही उनका आरोप है कि उन्हें जबरन फैल किया गया है.
जिले के 12वीं के छात्र-छात्राओं ने माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा आयोजित स्टेनोग्राफी की परीक्षा दी थी जो कि जून के महीने में आयोजित हुई थी. इस परीक्षा का रिजल्ट जुलाई में जब आया तो इसमें ज्यादातर बच्चे फेल हो गए, जिसके बाद सभी ने रीटोटलिंग करवाई, जिसका रिजल्ट भी नो चेंज दे दिया गया. ऐसे में अब इन छात्र-छात्राओं ने अपने एग्जाम की कॉपियों को सूचना के अधिकार के तहत डाकघर के जरिए आवेदन कर बुलाया.
आंसरशीट आने के बाद जब प्रशनों के उत्तरों का मिलान किया गया तो उनके नंबर जबरन कम किए जाने का मामला सामना आया. जिसके बाद इन छात्र-छात्राओं ने मंडला कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपकर आंसर शीट की फिर से जांच कराने की मांग की है. छात्र-छात्राओं का कहना है कि आंसर शीट की जो छाया प्रति उन्हें प्रदान की गई है उसमें सही उत्तर को भी काट दिया गया है.
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इन छात्र-छात्राओं को उम्मीद है कि उनके ज्ञापन पर माध्यमिक शिक्षा मंडल एक बार फिर से कॉपियों को सही तरीके से चेक करेगा और उनके भविष्य से खिलवाड़ नहीं करेगा.