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महुआ का पेड़ बना आस्था का केंद्र, भारी संख्या में पहुंच रहे श्रद्धालु - Devotees dance in DJ

मंडला जिले में महुआ का एक पेड़ इन दिनों आस्था का केंद्र बना हुआ है. भारी संख्या में लोग यहां पूजा-पाठ करने पहुंच रहे हैं. दिन में भंडारा और रात में डीजे की धुन पर भक्त झूम रहे हैं.

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महुआ का पेड़ बना आस्था का केंद्र
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Published : Feb 20, 2020, 8:18 PM IST

Updated : Feb 21, 2020, 7:37 PM IST

मंडला। जिले में एक महुआ का पेड़ इन दिनों आस्था का केंद्र बना हुआ है. लोगों का मानना है कि, इस पेड़ में देवी का वास है, जो हाथ खींचकर आशीर्वाद देतीं हैं. जिसके चलते गावों में ही नहीं, बल्कि शहरों में भी महुआ देवी की अराधना हो रही है. इसके साथ ही दिन में भंडारे का आयोजन किया जाता है, जबकि रात में भक्त डीजे की धुन पर झूम रहे हैं. यही नहीं लोगों में आस्था इस कदर हावी है कि, वे रात में सोते भी यहीं हैं.

महुआ का पेड़ बना आस्था का केंद्र

जिन महिलाओं पर महुआ देवी सवार होती हैं, उनका कहना है कि, जब वे महुआ के पेड़ के पास बैठकर पूजा करती हैं, तो शरीर में झन्नाहट होती है और माता उनका हाथ खींच लेती हैं. अंधविश्वास की ऐसी कहानियां आमतौर पर गावों में देखने को मिलती हैं. लेकिन ये अंधविश्वास अब शहरों तक आ पहुंचा है. दिन में सभी भक्त प्रसाद ग्रहण करते हैं. वहीं रात में पूरा पंड़ाल रंग- बिरंगी रोशनी में नहा जाता है.

पूरे मण्डला जिले का शायद ही कोई गांव बचा होगा, जहां महुआ देवी प्रगट न हुई हों. जंतीपुर, बिनेका,पदमि सहित दर्जनों ऐसे गांव हैं. जहां इन दिनों महुए के पेड़ की पूजा हो रही है और लोग भरपूर चढ़ावा भी चढ़ा रहे हैं. हालांकि ज्योतिष विज्ञान हो या फिर विज्ञान, इसे महज एक अंधविश्वास ही मान रहे हैं और हांथ खीचने की बात को केवल एक भ्रम बता रहे हैं.

मंडला। जिले में एक महुआ का पेड़ इन दिनों आस्था का केंद्र बना हुआ है. लोगों का मानना है कि, इस पेड़ में देवी का वास है, जो हाथ खींचकर आशीर्वाद देतीं हैं. जिसके चलते गावों में ही नहीं, बल्कि शहरों में भी महुआ देवी की अराधना हो रही है. इसके साथ ही दिन में भंडारे का आयोजन किया जाता है, जबकि रात में भक्त डीजे की धुन पर झूम रहे हैं. यही नहीं लोगों में आस्था इस कदर हावी है कि, वे रात में सोते भी यहीं हैं.

महुआ का पेड़ बना आस्था का केंद्र

जिन महिलाओं पर महुआ देवी सवार होती हैं, उनका कहना है कि, जब वे महुआ के पेड़ के पास बैठकर पूजा करती हैं, तो शरीर में झन्नाहट होती है और माता उनका हाथ खींच लेती हैं. अंधविश्वास की ऐसी कहानियां आमतौर पर गावों में देखने को मिलती हैं. लेकिन ये अंधविश्वास अब शहरों तक आ पहुंचा है. दिन में सभी भक्त प्रसाद ग्रहण करते हैं. वहीं रात में पूरा पंड़ाल रंग- बिरंगी रोशनी में नहा जाता है.

पूरे मण्डला जिले का शायद ही कोई गांव बचा होगा, जहां महुआ देवी प्रगट न हुई हों. जंतीपुर, बिनेका,पदमि सहित दर्जनों ऐसे गांव हैं. जहां इन दिनों महुए के पेड़ की पूजा हो रही है और लोग भरपूर चढ़ावा भी चढ़ा रहे हैं. हालांकि ज्योतिष विज्ञान हो या फिर विज्ञान, इसे महज एक अंधविश्वास ही मान रहे हैं और हांथ खीचने की बात को केवल एक भ्रम बता रहे हैं.

Last Updated : Feb 21, 2020, 7:37 PM IST
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