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Locust Team in Mandla टिड्डियों के कारण हाहाकार, भयभीत हुए किसान, झुंड में हो सकते हैं दस अरब टिड्डे - Mandla latest news in hindi

मंडला में खाद बीज की किल्लत की वजह से किसान वैसे ही परेशान रहते हैं, ऊपर से कोई आपदा आ जाए तो किसानों की पूरी फसल ही चौपट हो जाती है. ऐसे में टिड्डियों का प्रकोप कुछ दिनों से किसानों की फसलों पर जिले के आसपास मड़रा रहा है.Mandla Locust Team, Mandla Farmer Fear of Locust Party, Locust Team Reached Mandla.

Mandla Locust team
मंडला टिड्डी दल से किसान भयभीत
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Published : Aug 28, 2022, 7:02 PM IST

मंडला। जिले के बीजाडांडी विकासखंड क्षेत्र में बड़ी टिड्डियों का दल देखा गया है. इनकी वजह से क्षेत्र के किसान काफी भयभीत हैं. टिड्डियों का दल धनवाही गांव के पास पेड़ों पर डेरा जमाए हुए है. आसमान में उड़ते इन टिड्डी दलों में दस अरब टिड्डे तक हो सकते हैं. ये झुंड एक दिन में 13 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से करीब 200 किलोमीटर तक का रास्ता नाप सकते हैं. एक वर्ग किलोमीटर में फैले दल में करीब 4 करोड़ टिड्डियां होती हैं. (Mandla Locust Team)

मंडला टिड्डी दल से किसान भयभीत

टिड्डी दल से किसान भयभीत: टिड्डियों का यह दल जिन हरे भरे पेड़ों पर बैठ रहा है, उसको चंद घण्टों में चौपट कर देता है. यहां के किसानों और ग्रामीणों का कहना है कि " कल रात इन टिड्डियों का दल पेड़ पर आकर बैठा था. सुबह देखा तो पेड़ की पूरी पत्तियां गायब हैं. हरा भरा पेड़ वीरान हो चुका था. इस वजह से डर लग रहा है कि, टिड्डियों का दल कहीं खेतों की ओर न चला जाए, क्योंकि जिस तरह इन्होंने इस पेड़ को वीरान कर दिया है. उसी तरह ये हमारे खेतो में लगी फसलों को बर्बाद कर सकते हैं ".

रेगिस्तानी टिड्डे ज्यादा खतरनाक: जानकार बताते हैं कि, दुनियाभर में टिड्डियों की 10 हजार से ज्यादा प्रजातियां पाई जाती हैं, भारत में केवल 4 प्रजातियां ही मिलती हैं. इसमें रेगिस्तानी टिड्डा, प्रवाजक टिड्डा, बंबई टिड्डा और पेड़ वाला टिड्डा शामिल हैं. रेगिस्तानी टिड्डों को सबसे ज्यादा खतरनाक माना जाता है. ये हरे भरे घास के मैदानों में आने पर खतरनाक रूप ले लेते हैं. रेगिस्तानी टिड्डों की वजह से दुनिया की दस फीसदी आबादी का जीवन प्रभावित हुआ है.

ग्वालियर में टिड्डियों का फिर से हमला, गिरवाई क्षेत्र में सब्जी की फसल की चौपट

ऐसे पनपती हैं टिड्डियां: टिड्डियों के भारी संख्या में पनपने का मुख्य कारण वैश्विक तापवृद्धि के चलते मौसम में आ रहा बदलाव है. एक मादा टिड्डी तीन बार तक अंडे दे सकती है. एक बार में 95-158 अंडे देती है. टिड्डियों के एक वर्ग मीटर में एक हजार अंडे हो सकते हैं. इनका जीवनकाल 3 से 5 महीनों का होता है. नर टिड्डे का आकार 60-75 एमएम और मादा का 70-90 एमएम तक हो सकता है. (Mandla Farmer Fear of Locust Party) (Locust Team Reached Mandla).

मंडला। जिले के बीजाडांडी विकासखंड क्षेत्र में बड़ी टिड्डियों का दल देखा गया है. इनकी वजह से क्षेत्र के किसान काफी भयभीत हैं. टिड्डियों का दल धनवाही गांव के पास पेड़ों पर डेरा जमाए हुए है. आसमान में उड़ते इन टिड्डी दलों में दस अरब टिड्डे तक हो सकते हैं. ये झुंड एक दिन में 13 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से करीब 200 किलोमीटर तक का रास्ता नाप सकते हैं. एक वर्ग किलोमीटर में फैले दल में करीब 4 करोड़ टिड्डियां होती हैं. (Mandla Locust Team)

मंडला टिड्डी दल से किसान भयभीत

टिड्डी दल से किसान भयभीत: टिड्डियों का यह दल जिन हरे भरे पेड़ों पर बैठ रहा है, उसको चंद घण्टों में चौपट कर देता है. यहां के किसानों और ग्रामीणों का कहना है कि " कल रात इन टिड्डियों का दल पेड़ पर आकर बैठा था. सुबह देखा तो पेड़ की पूरी पत्तियां गायब हैं. हरा भरा पेड़ वीरान हो चुका था. इस वजह से डर लग रहा है कि, टिड्डियों का दल कहीं खेतों की ओर न चला जाए, क्योंकि जिस तरह इन्होंने इस पेड़ को वीरान कर दिया है. उसी तरह ये हमारे खेतो में लगी फसलों को बर्बाद कर सकते हैं ".

रेगिस्तानी टिड्डे ज्यादा खतरनाक: जानकार बताते हैं कि, दुनियाभर में टिड्डियों की 10 हजार से ज्यादा प्रजातियां पाई जाती हैं, भारत में केवल 4 प्रजातियां ही मिलती हैं. इसमें रेगिस्तानी टिड्डा, प्रवाजक टिड्डा, बंबई टिड्डा और पेड़ वाला टिड्डा शामिल हैं. रेगिस्तानी टिड्डों को सबसे ज्यादा खतरनाक माना जाता है. ये हरे भरे घास के मैदानों में आने पर खतरनाक रूप ले लेते हैं. रेगिस्तानी टिड्डों की वजह से दुनिया की दस फीसदी आबादी का जीवन प्रभावित हुआ है.

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ऐसे पनपती हैं टिड्डियां: टिड्डियों के भारी संख्या में पनपने का मुख्य कारण वैश्विक तापवृद्धि के चलते मौसम में आ रहा बदलाव है. एक मादा टिड्डी तीन बार तक अंडे दे सकती है. एक बार में 95-158 अंडे देती है. टिड्डियों के एक वर्ग मीटर में एक हजार अंडे हो सकते हैं. इनका जीवनकाल 3 से 5 महीनों का होता है. नर टिड्डे का आकार 60-75 एमएम और मादा का 70-90 एमएम तक हो सकता है. (Mandla Farmer Fear of Locust Party) (Locust Team Reached Mandla).

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