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सरकारी स्कूल के शौचालयों में डला है ताला, मजबूरन खुले में शौच के लिए जा रही छात्राएं - शौचालयों में ताले

जिले में स्कूल प्रबंधन की मनमानी सामने आई है. मांगा उच्चतर माध्यमिक स्कूल के शौचालयों में ताले लगा दिए गए हैं, जिससे छात्रों को खासी परेशानी उठानी पड़ रही है.

Lock in toilet
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Published : Jul 26, 2019, 2:29 PM IST

मंडला। जिले के मांगा उच्चतर माध्यमिक स्कूल में शिक्षकों ने शौचालय में ताला जड़ दिया है. जिससे स्कूल में पढ़ने वाले बारहवीं तक के छात्र-छात्राओं को खासी परेशान हो रही है. आलम ये है कि स्कूल के वरिष्ठ प्राध्यापक शौचालय में ताला लगाने का कारण ना तो बताते हैं और छात्रों को भी ये बात किसी और को बताने से रोकते हैं.

सरकारी स्कूल के शौचालयों में डला है ताला

मामला बिछिया विकासखण्ड के मांगा का है, जहां की शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला में बनाए गए शौचालय में ताले लगे हैं. ऐसे में बारहवीं तक की छात्राएं मजबूरन झाड़ियों के पीछे शौच के लिए जाती हैं. स्कूल में कार्यरत वरिष्ठ अध्यापक प्रमोद झारिया हर जिम्मेदारी से बच रहे हैं. उनका कहना है कि उन्हें भी नहीं पता ताले किसने लगाए.

इस स्कूल की नई बिल्डिंग बनी है, जिसके शौचालय तो अच्छी हालत में है, लेकिन उनका उपयोग छात्रों को करने नहीं दिया जा रहा है. जानकारी के अनुसार शौचालय के लिए बनाई गई टंकियों में पानी की व्यवस्था करने के झंझट से बचने के शौचालय में ताले जड़ दिए गए हैं.

एक तरफ केंद्र से लेकर राज्य सरकार स्कूलों को सुविधाओं से लैस करने की कोशिश में जुटी है, तो वहीं दूसरी तरफ सरकारी स्कूल के शौचालय में ताला जड़कर पीएम मोदी के खुले में शौच से मुक्त योजना को बट्टा लगाया जा रहा है.

मंडला। जिले के मांगा उच्चतर माध्यमिक स्कूल में शिक्षकों ने शौचालय में ताला जड़ दिया है. जिससे स्कूल में पढ़ने वाले बारहवीं तक के छात्र-छात्राओं को खासी परेशान हो रही है. आलम ये है कि स्कूल के वरिष्ठ प्राध्यापक शौचालय में ताला लगाने का कारण ना तो बताते हैं और छात्रों को भी ये बात किसी और को बताने से रोकते हैं.

सरकारी स्कूल के शौचालयों में डला है ताला

मामला बिछिया विकासखण्ड के मांगा का है, जहां की शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला में बनाए गए शौचालय में ताले लगे हैं. ऐसे में बारहवीं तक की छात्राएं मजबूरन झाड़ियों के पीछे शौच के लिए जाती हैं. स्कूल में कार्यरत वरिष्ठ अध्यापक प्रमोद झारिया हर जिम्मेदारी से बच रहे हैं. उनका कहना है कि उन्हें भी नहीं पता ताले किसने लगाए.

इस स्कूल की नई बिल्डिंग बनी है, जिसके शौचालय तो अच्छी हालत में है, लेकिन उनका उपयोग छात्रों को करने नहीं दिया जा रहा है. जानकारी के अनुसार शौचालय के लिए बनाई गई टंकियों में पानी की व्यवस्था करने के झंझट से बचने के शौचालय में ताले जड़ दिए गए हैं.

एक तरफ केंद्र से लेकर राज्य सरकार स्कूलों को सुविधाओं से लैस करने की कोशिश में जुटी है, तो वहीं दूसरी तरफ सरकारी स्कूल के शौचालय में ताला जड़कर पीएम मोदी के खुले में शौच से मुक्त योजना को बट्टा लगाया जा रहा है.

Intro:मण्डला जिले के माँगा उच्चतर माध्यमिक स्कूल में शिक्षकों ने सौचालय में ताला जड़ कर रखा है और स्कूल में पढ़ने वाले बारहवीं तक के छात्र छात्राओं को जो परेशानी हो रही वे किसी से बता भी नहीं सकते क्योंकि यहाँ के वरिष्ठ व्याख्यता प्रमोद झारिया बच्चों को किसी से बात भी नहीं करने देते न खुद ताला लगाने का कारण बताते


Body:मण्डला जिले के अंतर्गत बिछिया विकासखण्ड के अंतर्गत आने वाले शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला के बालक और बालिकाओं के लिए बनाए गए सौचालय में शिक्षकों ने मनमानी करते हुए ताले लगा कर रखे हैं और ऐसे में बारहवीं तक छात्राओं तक को पक्के शौचालय की जगह शर्म के बीच झाड़ियों के पीछे जाने को मजबूर होना पड़ रहा है जिनकी संख्या एक सैकड़ा से अधिक है,वहीं दूसरी तरफ इस स्कूल में कार्यरत वरिष्ठ अध्यापक प्रमोद झारिया हर जिम्मेदारी से बचते हुए न तो खुद इस बात का जबाब देना चाहते कि ताला शौचालय में लगाया गया है और न ही छात्र छात्राओं से किसी को बात करने देते की उन्हें यहाँ ताला लगे होने से कितनी परेशानी हो रही है,बता दें कि यह स्कूल की बिल्डिंग नई है और यहाँ के शौचालय भी जानकारी के अनुसार अच्छी हालत में हैं लेकिन शौचालय के लिए बनाई गई टंकियों में पानी भरवाने या पानी की व्यवस्था करने की झंझट से बचने के चलते इन सौचालय में ताले लगा दिए गए हैं


Conclusion:एक तरफ केंद्र से लेकर राज्य की सरकार तक सभी की कोसिस है कि किसी को भी खुले में सौचालय से वंचित न रहना पड़े,वहीं लड़कियों और महिलाओं के लिए तो यह संवेदनशीलता और बढ़ जाती है लेकिन प्रमोद झारिया जैसे शिक्षक जिनकी जिम्मेदारी स्वच्छता की शिक्षा देने की है वे खुद सौचालय में ताले जड़ कर मोदी के मिशन को बट्टा लगा रहे हैं

बाईट--छात्रा
बाईट--प्रमोद झरिया,वरिष्ठ अध्यापक
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