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बैतूल में सुविधाओं से लैस होम स्टे, केंद्रीय मंत्री बैलगाड़ी पर सवार होकर क्यों पहुंचे - BETUL HOME STAY INAUGURATION

बैतूल में देश दुनिया के पर्यटक आरामदायक होम स्टे में रुक कर जनजातीय सभ्यता, संस्कृति और खानपान का लुत्फ उठा सकेंगे.

BETUL HOME STAY INAUGURATION
दुर्गा दास उइके बैलगाड़ी से पहुंच होम स्टे के उद्घाटन के लिए (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 15, 2025, 10:45 PM IST

बैतूल: जिले के घोड़ाडोंगरी तहसील के बांचा गांव और बंजरवाड़ा गांव में मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड द्वारा विकसित होम स्टे का उद्घाटन करने पहुंचे अतिथियों का स्वागत गांव में ढोल-बाजों के साथ किया गया. इस दौरान केंद्रीय मंत्री दुर्गा दास उइके और घोड़ाडोंगरी विधायक गंगा उइके कार्यक्रम स्थल से होम स्टे तक बैलगाड़ी से पहुंचे.

खूबसूरत तरीके से सजी यह बैलगाड़ी पर्यटन एक्टिविटी का हिस्सा है. गांव में पारंपरिक रूप से बैलगाड़ी को सजाया गया. बैलगाड़ी के सफर से सब प्रसन्न दिखाई दिए. साथ ही लोक संस्कृति और ढोल की थाप ने सभी का मन मोह लिया. इस दौरान राज्य मंत्री का तिलक लगाकर स्वागत किया गया. जिसके बाद केंद्रीय मंत्री उइके ने फीता काटकर ग्रामीण होम स्टे का शुभारंभ किया.

पर्यटकों के लिए आरामदायक होम स्टे का उद्घाटन (ETV Bharat)

सुविधाओं से लैस है प्रकृति के गोद में बसा होमस्टे

सतपुड़ा की सुरम्य वादियों के बीच अब देश दुनिया के पर्यटक आरामदायक होमस्टे में रुककर जनजातीय सभ्यता संस्कृति और खानपान का लुत्फ उठा सकते हैं. मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड की जनजातीय पर्यटन योजना के तहत ये होम स्टे बनाए गए हैं. परम्परागत शैली में बने ये होम स्टे न सिर्फ सुविधाओं से लैस हैं, बल्कि पर्यटक यहां खुद को प्रकृति की गोद में होने का अहसास करेंगे.

BETUL VILLAGE HOME STAY
बैतूल में सुविधाओं से लैस होम स्टे (ETV Bharat)

बैतूल जिले के घोड़ाडोंगरी तहसील के ग्राम बांचा, ग्राम बंजरवाड़ा और ग्राम कान्हावाडी में जनजातीय पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए खास होम स्टे बनकर तैयार हैं. इन होम स्टे में परम्परा और आधुनिकता का अनूठा संगम देखने मिल रहा है. जहां देश और दुनिया के पर्यटक एक दिन से लेकर कई दिनों तक रहकर प्रकृति और जनजातीय संस्कृति को बेहद नजदीक से महसूस कर सकते हैं.

100 गांवों में 200 होम स्टे बनकर हैं तैयार

बैतूल में फिलहाल 2 गांवों में 7 होमस्टे बनकर तैयार हैं. वहीं, 15 होमस्टे कुछ दिनों में शुरू हो जाएंगे, जिन्हें मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड की वेबसाइट से बुक किया जा सकेगा. पूरे प्रदेश के 100 गांवों में 200 होम स्टे बन चुके हैं. सतपुड़ा पर्वत श्रृंखलाओं के बीच बसे बैतूल जिले की भौगोलिक परिस्थितियां पर्यटन के लिए बेहद मुफीद हैं, लेकिन पहली बार आदिवासियों को पर्यटन के माध्यम से अपनी आजीविका बढ़ाने और दुनियाभर के अतिथियों का सत्कार करने का मौका मिल रहा है.

बैतूल: जिले के घोड़ाडोंगरी तहसील के बांचा गांव और बंजरवाड़ा गांव में मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड द्वारा विकसित होम स्टे का उद्घाटन करने पहुंचे अतिथियों का स्वागत गांव में ढोल-बाजों के साथ किया गया. इस दौरान केंद्रीय मंत्री दुर्गा दास उइके और घोड़ाडोंगरी विधायक गंगा उइके कार्यक्रम स्थल से होम स्टे तक बैलगाड़ी से पहुंचे.

खूबसूरत तरीके से सजी यह बैलगाड़ी पर्यटन एक्टिविटी का हिस्सा है. गांव में पारंपरिक रूप से बैलगाड़ी को सजाया गया. बैलगाड़ी के सफर से सब प्रसन्न दिखाई दिए. साथ ही लोक संस्कृति और ढोल की थाप ने सभी का मन मोह लिया. इस दौरान राज्य मंत्री का तिलक लगाकर स्वागत किया गया. जिसके बाद केंद्रीय मंत्री उइके ने फीता काटकर ग्रामीण होम स्टे का शुभारंभ किया.

पर्यटकों के लिए आरामदायक होम स्टे का उद्घाटन (ETV Bharat)

सुविधाओं से लैस है प्रकृति के गोद में बसा होमस्टे

सतपुड़ा की सुरम्य वादियों के बीच अब देश दुनिया के पर्यटक आरामदायक होमस्टे में रुककर जनजातीय सभ्यता संस्कृति और खानपान का लुत्फ उठा सकते हैं. मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड की जनजातीय पर्यटन योजना के तहत ये होम स्टे बनाए गए हैं. परम्परागत शैली में बने ये होम स्टे न सिर्फ सुविधाओं से लैस हैं, बल्कि पर्यटक यहां खुद को प्रकृति की गोद में होने का अहसास करेंगे.

BETUL VILLAGE HOME STAY
बैतूल में सुविधाओं से लैस होम स्टे (ETV Bharat)

बैतूल जिले के घोड़ाडोंगरी तहसील के ग्राम बांचा, ग्राम बंजरवाड़ा और ग्राम कान्हावाडी में जनजातीय पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए खास होम स्टे बनकर तैयार हैं. इन होम स्टे में परम्परा और आधुनिकता का अनूठा संगम देखने मिल रहा है. जहां देश और दुनिया के पर्यटक एक दिन से लेकर कई दिनों तक रहकर प्रकृति और जनजातीय संस्कृति को बेहद नजदीक से महसूस कर सकते हैं.

100 गांवों में 200 होम स्टे बनकर हैं तैयार

बैतूल में फिलहाल 2 गांवों में 7 होमस्टे बनकर तैयार हैं. वहीं, 15 होमस्टे कुछ दिनों में शुरू हो जाएंगे, जिन्हें मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड की वेबसाइट से बुक किया जा सकेगा. पूरे प्रदेश के 100 गांवों में 200 होम स्टे बन चुके हैं. सतपुड़ा पर्वत श्रृंखलाओं के बीच बसे बैतूल जिले की भौगोलिक परिस्थितियां पर्यटन के लिए बेहद मुफीद हैं, लेकिन पहली बार आदिवासियों को पर्यटन के माध्यम से अपनी आजीविका बढ़ाने और दुनियाभर के अतिथियों का सत्कार करने का मौका मिल रहा है.

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