मण्डला। पिछले दो दिनों में कान्हा नेशनल पार्क से बाघ द्वारा मारे गए एक तेंदुए और दो बाघ शावकों के शव मिल चुके है. जिस जगह ये शव बरामद किए गए हैं वहां वन विभाग के द्वारा सूक्ष्म निरीक्षण किया गया, जिसमे किसी भी तरह की कोई संदिग्ध गतिविधियां नज़र नहीं आई है.
दोनों बाघों का शरीर इतना क्षत-विक्षत हो गया था कि उनके लिंग का पता नहीं किया जा सका है.दरअसल, मंगलवार को सामान्य गश्ती के दौरान कान्हा टाइगर रिजर्व के अंतर्गत कान्हा परिक्षेत्र के कन्हारी परिसर के प्रकोष्ठ क्रमांक 712 में सुबह 2 अवयस्क बाघ मृत अवस्था में पाये गये. गश्ती कर्मचारियों के द्वारा इसकी सूचना तत्काल संबधित उच्चाधिकारियों को दी गई. सूचना प्राप्त होते ही कान्हा टाइगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक, उप संचालक एवं पार्क अधीक्षक मौके पर पहुंचे. घटना स्थल पर बड़ा बाघ इन दोनों अवयस्क बाघों को मारकर उनके समीप बैठा हुआ था.
इसके पूर्व सोमवार की सुबह कान्हा टाइगर रिजर्व के अंतर्गत मण्डला जिले में स्थित फेन अभयारण्य में बाघ ने लगभग 7 माह के तेंदुए शावकों का शिकार किया था. लगातार हो रही इन घटनाओं से वन्य जीव प्रेमी सकते में हैं. वहीं पूरी कार्रवाई के दौरान राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण, नई दिल्ली के प्रतिनिधि के रूप में विश्व प्रकृति निधि-मण्डला के आरके हरदा भी मौके पर उपस्थित थे.
राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण, नई दिल्ली के प्रोटोकाल के अनुसार पशु चिकित्सक डॉ आरएन कुसरो द्वारा दोनों अवयस्क बाघों का पोस्टमार्टम किया गया. एवं जांच हेतु अवयवों के नमूने इकट्ठे किये गये है. मृत्यु का संभावित कारण आपसी लड़ाई है. इस दौरान बड़े बाघ द्वारा किये गये गहरे गंभीर घाव शव के विभिन्न अंगों में हैं.