ETV Bharat / state

कर्ज लेकर 14 करोड़ की शुरु हुई थी ये योजना, चार साल बाद भी नहीं बुझा पा रही प्यास - मंडला

मंडला शहर नल-जल योजना के तहत शुरु की गई जलसंयत्र योजना का काम चार साल बाद भी अधूरा पड़ा है. 14 करोड़ की लागत से शुरु हुई इस योजना का बजट तो 17 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है. लेकिन मंडला के लोग आज भी शुद्ध पानी की बाट जो रहे हैं.

मंडला में नहीं शुरु हुई नल जल योजना
author img

By

Published : Jun 10, 2019, 11:33 PM IST

मंडला। शहर के लोगों की प्यास बुझाने के लिए 2013 में 14 करोड़ रूपये खर्च कर जलसंयंत्र का निर्माण किया गया था. जिसके लिए पूरे शहर में पाइप लाइन बिछाकर घर-घर पानी पहुंचाए जाने की योजना बनाई गई थी. लेकिन लेकिन चार साल बीत जाने के बाद भी कर्ज लेकर चालू की जाने वाली यह योजना शुरू ही नहीं हो पाई है. जिससे मंडला के लोग आज भी घर तक शुद्ध पानी पहुंचने की बाट जो रहे हैं.

मंडला में नहीं शुरु हुई नल जल योजना

मुख्यमंत्री शहरी जल प्रदाय योजना के तहत नगर पालिका मण्डला में शुरु की गई जलसंयत्र निर्माण योजना का काम अब भी अधूरा पड़ा है. जबकि 14 करोड़ की लागत की इस योजना का बजट 17 करोड़ रुपए पहुंच गया है. लेकिन योजना पूरी न होन से मंडला के लोग अब भी पानी के लिए परेशानियों का सामना कर रहे हैं. इस योजना का पूरा न हो पाना निर्माण का लापरवाही तरीके से काम किया जाना बताया जा रहा है.

स्थानीय लोगों का कहना है कि घटिया पाइप लाइन पानी का प्रेशर नहीं झेल पाती है. जिससे वह जगह-जगह से लीक होने लगती है. दूसरी परेशानी यह है कि नगर के अलग-अलग हिस्से के लिए बल्ब नहीं है. जिससे पूरे नगर को साथ पानी की सप्लाई होती है यही वजह है कि पाइन लाइन प्रेशर नहीं झेल पाती. जबकि इस योजान की पाइप लाइन घर-घर तक पहुंचाने के लिए कई सड़कों खोदा गया था जिस के पाइप आज भी जस के तस पड़े है. मंडला के मुख्य नगरपालिका अधिकारी दिनेश बाघमारे का कहना है कि पानी की सप्लाई तो की जा रही है. कुछ तकनीकी खामियों को चलते इसका काम धीमा हुआ लेकिन नई योजना के तहत इस पर काम शुरु हो गया है.

मंडला। शहर के लोगों की प्यास बुझाने के लिए 2013 में 14 करोड़ रूपये खर्च कर जलसंयंत्र का निर्माण किया गया था. जिसके लिए पूरे शहर में पाइप लाइन बिछाकर घर-घर पानी पहुंचाए जाने की योजना बनाई गई थी. लेकिन लेकिन चार साल बीत जाने के बाद भी कर्ज लेकर चालू की जाने वाली यह योजना शुरू ही नहीं हो पाई है. जिससे मंडला के लोग आज भी घर तक शुद्ध पानी पहुंचने की बाट जो रहे हैं.

मंडला में नहीं शुरु हुई नल जल योजना

मुख्यमंत्री शहरी जल प्रदाय योजना के तहत नगर पालिका मण्डला में शुरु की गई जलसंयत्र निर्माण योजना का काम अब भी अधूरा पड़ा है. जबकि 14 करोड़ की लागत की इस योजना का बजट 17 करोड़ रुपए पहुंच गया है. लेकिन योजना पूरी न होन से मंडला के लोग अब भी पानी के लिए परेशानियों का सामना कर रहे हैं. इस योजना का पूरा न हो पाना निर्माण का लापरवाही तरीके से काम किया जाना बताया जा रहा है.

स्थानीय लोगों का कहना है कि घटिया पाइप लाइन पानी का प्रेशर नहीं झेल पाती है. जिससे वह जगह-जगह से लीक होने लगती है. दूसरी परेशानी यह है कि नगर के अलग-अलग हिस्से के लिए बल्ब नहीं है. जिससे पूरे नगर को साथ पानी की सप्लाई होती है यही वजह है कि पाइन लाइन प्रेशर नहीं झेल पाती. जबकि इस योजान की पाइप लाइन घर-घर तक पहुंचाने के लिए कई सड़कों खोदा गया था जिस के पाइप आज भी जस के तस पड़े है. मंडला के मुख्य नगरपालिका अधिकारी दिनेश बाघमारे का कहना है कि पानी की सप्लाई तो की जा रही है. कुछ तकनीकी खामियों को चलते इसका काम धीमा हुआ लेकिन नई योजना के तहत इस पर काम शुरु हो गया है.

Intro:मण्डला नगर पी प्यास बुझाने और मीटर के हिसाब से पानी देने के लिए 2013 में लगभग 14 करोड़ रूपये खर्च कर नगरीय क्षेत्र में जलसंयन्त्र का निर्माण किया गया और पाइप बिछाई गई लेकिन चार साल बीत जाने के बाद भी कर्जा लेकर चालू की जाने वाली यह योजना शुरू ही नहीं हो पाई और मण्डला आज भी दिखाए गए शुद्ध पानी के सपने पूरे होने की बाट जोह रहा है


Body:मुख्यमंत्री शहरी जल प्रदाय योजना के तहत नगरपालिका मण्डला के द्वारा 2013 में 14 करोड़ लागत की स्वीकृति वाली योजना को मंजूरी देते हुए हुडको से 11 करोड़ का लोन लेकर जल संयंत्र और पाईप लाइन बिछाना चालू किया गया , जिसका बजट 17 करोड़ तक पहुँच गया लेकिन चार साल बीत जाने के बाद न तो नगर को पानी मिला न ही पाइप लाइन बिछाने के चलते खोदी गयी सड़क की मरम्मत हो पाई। लोगों शुद्व जल के साथ ही पानी की बर्वादी रोकने के लिए मीटर सिस्टम से पानी पहुंचाने और खर्च के हिसाब से बिल भेजने की यह योजना नगरपालिका प्रशासन के द्वारा जनता को बहुत सारे सब्जबाग दिखा कर चालू की गई थी लेकिन तकनीकी खामियो के चलते आज भी लोगों के कंठ प्यासे ही है,जिसका कारण है घटिया पाइप लाइन जो पानी का प्रेशर ही नहीं झेल पाती और कब कहाँ से लीक हो जाए कहना मुश्किल है दूसरी परेशानी है कि नगर के अलग अलग हिस्से के लिए अलग अलग बल्ब नहीं हैं जिसके कारण पाइप लाइन खोलते ही एक साथ पूरे नगर को पानी की सप्लाई होती है जिस कारण किसी हिस्से में प्रेशर न होने के कारण पानी पहुंच ही नहीं पाता वहीँ किसी हिस्से में इतने प्रेशर से पहुंचता है कि मुख्य लाइन ही फट जाती है।दूसरी तरफ बात की जाए नगरवासियों की तो 4 साल से शुद्ध पानी पीने का उनका सपना साकार ही नहीं हो रहा वहीं पाइप लाइन जो घर तक पहुँच चुके हैं उनसे पानी की बूंदे भी नहीं टपकती ,और तो और रोड जो इन लाइनों को बिछाने के लिए खोदी गयी थी वो जस के तस खुदी पड़ी है,


Conclusion:कुल मिला कर 17 करोड़ की इस योजना के लिए हुडको से 80 प्रतिशत लोन लिया गया था जिसकी किस्तें हर तिमाही में 15 लाख के करीब नगरपालिका द्वारा पटाई जा रही हैं जो डेढ़ दशक तक चलेंगीं लेकिन सिर्फ चार बार्ड में पानी की सप्लाई करने वाली यह योजना कब मण्डला के हर घर तक शुद्ध जल पहुँचा पाएगी इसमें अभी अभी नगरपालिका के अधिकारी भी जबाब नहीं दे पाते।वहीं इस योजना को चालू करने के लिए इसे महाराजपुर की दूसरी योजना से जोड़ा गया है और 4-4 वार्डों के हिसाब से पानी की सप्लाई की तैयारी है साथ ही योजना के कर्जे को चुकाने उपभोक्ताओं के बिल बढाने की तैयारी की जा रही है।

बाईट--स्थानीय निवासी
बाईट--दिनेश बाघमारे, मुख्य नगरपालिका अधिकारी।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.