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मण्डला: हादसों को आमंत्रण दे रहे हैं बिजली के तार

भंवरदा में बिजली के तारों पर जहां मर्जी आए वहां ग्रामीणों ने आधे एक किलो के ईंट पत्थर लटका दिए हैं. पत्थरों के भार से ये तार इतने नीचे आ गए है कि अगर ये तार सड़क पर फैल गए तो कभी कोई भी हादसा हो सकता है.

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Published : Jun 16, 2019, 10:17 AM IST

झूलते हुए बिजली के तार

मण्डला। जिला मुख्यालय के पास भंवरदा ग्राम पंचायत में बिजली विभाग की लापरवाही के चलते हर खम्भे से घरों तक किये गए कनेक्शन के तारों पर लोगों ने ईंट, पत्थर के लंगर डाल रखे हैं. जिससे तार लटकने लगे हैं. ऐसे में कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है.

झूलते हुए बिजली के तार

विद्युत विभाग की ये जिम्मेदारी है कि बिजली के तारों से लेकर उनके खम्भों से कोई छेड़छाड़ न करे लेकिन ये जिम्मेदारी निभाने में जिले का विद्युत विभाग का अमला नाकाम साबित हो रहा है. भंवरदा में बिजली के तारों पर जहां मर्जी आए वहां ग्रामीणों ने आधे एक किलो के ईंट पत्थर लटका दिए हैं. पत्थरों के भार से ये तार इतने नीचे आ गए है कि अगर ये तार सड़क पर फैल गए तो कभी कोई भी हादसा हो सकता है.

बारिश का मौसम भी करीब है जिसके चलते तारों को अर्थिंग मिलने पर खतरा और बढ़ जाता है. ग्रामीणों का कहना है कि वे नए कनेक्शन लगवाने को तैयार है और विद्युत विभाग को इसकी सूचना भी दी जा चुकी लेकिन कोई भी विद्युतकर्मी आकर इन झूलते हुए लंगर को न तो ठीक करता है ना ही उन्हें इसके खतरे का अंदाजा है.

मण्डला। जिला मुख्यालय के पास भंवरदा ग्राम पंचायत में बिजली विभाग की लापरवाही के चलते हर खम्भे से घरों तक किये गए कनेक्शन के तारों पर लोगों ने ईंट, पत्थर के लंगर डाल रखे हैं. जिससे तार लटकने लगे हैं. ऐसे में कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है.

झूलते हुए बिजली के तार

विद्युत विभाग की ये जिम्मेदारी है कि बिजली के तारों से लेकर उनके खम्भों से कोई छेड़छाड़ न करे लेकिन ये जिम्मेदारी निभाने में जिले का विद्युत विभाग का अमला नाकाम साबित हो रहा है. भंवरदा में बिजली के तारों पर जहां मर्जी आए वहां ग्रामीणों ने आधे एक किलो के ईंट पत्थर लटका दिए हैं. पत्थरों के भार से ये तार इतने नीचे आ गए है कि अगर ये तार सड़क पर फैल गए तो कभी कोई भी हादसा हो सकता है.

बारिश का मौसम भी करीब है जिसके चलते तारों को अर्थिंग मिलने पर खतरा और बढ़ जाता है. ग्रामीणों का कहना है कि वे नए कनेक्शन लगवाने को तैयार है और विद्युत विभाग को इसकी सूचना भी दी जा चुकी लेकिन कोई भी विद्युतकर्मी आकर इन झूलते हुए लंगर को न तो ठीक करता है ना ही उन्हें इसके खतरे का अंदाजा है.

Intro:मण्डला जिला मुख्यालय के पास भँवरदा ग्राम पंचायत में बिजली विभाग की लापरवाही का आलम यह है कि यहाँ के हर खम्भे से घरों तक गए कनेक्शन के तारों पर लोगों ने ईंट, पत्थर के लंगर डाल रखे हैं जिनकी वजह से कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है तार टूट कर यदि जमीन पर आ जाए तो सोचिए क्या होगा


Body:विद्युत विभाग की ये जिम्मेदारी है कि बिजली के तारों से लेकर उनके खम्भो से कोई छेड़ छाड़ न करे लेकिन ये जिम्मेदारी निभाने में मण्डला जिले के विधुत विभाग का अमला नाकाम साबित हो रहा है जिसका नज़ारा देखा जा सकता है ग्राम पंचायत भँवरदा में जहाँ बिजली के तारों पर ग्रामीणों ने लटका दिए है आधे एक किलो के ईंट पत्थर वो भी जहाँ मर्जी आए वहाँ,ग्रामीणों का कहना है कि वे नए कनेक्शन लगवाने को तैयार तो है और विधुत विभाग को इसकी सूचना भी दी जा चुकी लेकिन कोई भी विधुत कर्मी आकर इन झूलते हुए लंगर को न तो ठीक करना चाहता न ही उन्हें इसके खतरे का अंदाजा है। इन झूलते हुए तारो पर डाले गए बोझ से कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है यदि एक ही कनेक्शन का तार टूट जाए तो सोचिए उस मकान का क्या हश्र होगा जिस पर यह तार गिरेगा या फिर हवा से झूलते हुए ये तार सड़क पर गिर जाएँ तो किसी बड़े हादसे से इन्कार नहीं किया जा सकता।वहीं बरसात के मौषम में तो यह खतरा और भी बढ़ जाता है क्योंकि हवा और पानी के साथ जरा सी अर्थिंग मिली तो समझिए करेंट फैलना निश्चित है।


Conclusion:ग्रामीणों की समस्या ये है कि वे बिना बिजली के रह नहीं सकते,इस लिए उन्होंने अपनी व्यवस्था खुद कर ली है और विद्युत विभाग के कर्मचारियों को शायद ये खतरे नज़र ही नही आ रहे ऐसे में यदि कभी कुछ अनहोनी हो जाती है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा

बाईट--अनुराग बाजपेयी स्थानीय निवासी
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