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नगर पालिका की नई यातायात व्यवस्था के हाल बेहाल, पहले से बदतर हो गए हैं हालात - mandla news

मंडला के नगर पालिका द्वारा सड़कों से अतिक्रमण हटाए जाने और वनवे की शुरुआत होने के बाद भी शहर में पहले से ज्यादा अव्यवस्था देखने को मिल रही है.

नगर पालिका की नई यातायात व्यवस्था के हाल बेहाल
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Published : Oct 4, 2019, 6:37 AM IST

मंडला। नगर पालिका ने लगभग एक महीने पहले जिला अस्पताल के लिए आने-जाने वालो लोगों के साथ एम्बुलेंस की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए सड़कों पर से अतिक्रमण हटाया था. जिसके बाद यातायात व्यवस्था को देखते हुए वनवे की भी शुरुआत की थी, लेकिन लोग ने इस व्यवस्था पर अमल नहीं किया. लिहाजा अब पहले से ज्यादा अव्यवस्था देखने को मिल रही है.

नगर पालिका की नई यातायात व्यवस्था के हाल बेहाल

हालात ये हैं कि जिला अस्पताल जाने वाली मुख्य सड़क पर सब्जियों की दुकान वालों का कब्जा हो गया है, जिसके चलते महज एक किलोमीटर के सफर को तय करने में 20 मिनट से लेकर आधे घंटे तक का समय लगता है.

मंडला। नगर पालिका ने लगभग एक महीने पहले जिला अस्पताल के लिए आने-जाने वालो लोगों के साथ एम्बुलेंस की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए सड़कों पर से अतिक्रमण हटाया था. जिसके बाद यातायात व्यवस्था को देखते हुए वनवे की भी शुरुआत की थी, लेकिन लोग ने इस व्यवस्था पर अमल नहीं किया. लिहाजा अब पहले से ज्यादा अव्यवस्था देखने को मिल रही है.

नगर पालिका की नई यातायात व्यवस्था के हाल बेहाल

हालात ये हैं कि जिला अस्पताल जाने वाली मुख्य सड़क पर सब्जियों की दुकान वालों का कब्जा हो गया है, जिसके चलते महज एक किलोमीटर के सफर को तय करने में 20 मिनट से लेकर आधे घंटे तक का समय लगता है.

Intro:मण्डला नगर पालिका ने लगभग एक महीने पहले जिला अस्पताल को जाने और आने वाले लोगों के साथ ही एम्बुलेंस की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए सब्जियां सड़को पर लगाने वाले लोगों को यही से हटाया था साथ ही शहर में वनवे की भी शुरुआत की थी लेकिन नगर पालिका इस व्यवस्था पर लोगों से अमल नहीं करा पाई और अब पहले से ज्यादा अव्यवस्था सड़कों पर देखी जा रही है


Body:मण्डला नगर पालिका की निष्क्रियता के चलते यहाँ सड़कों पर लोग अपनी दुकानें,सब्जी के ठेले,टोकनियाँ,के अलावा जमीन पर अपना सामान रख कर छोटी बड़ी दुकान लगाए हर तरफ दिख जाएंगे बाकी की कमी बड़ी दुकान वाले अपनी दुकानों का सामान बाहर तक रख कर पूरा कर देते हैं ऐसे में दोपहिया चार पहिया वाहनों की तो छोड़िए, पैदल चलने वालों को भी बड़ी मुश्किल से आने जाने की जगह मिलती है,वहीं जिला चिकित्सालय को जाने वाला मुख्यमार्ग के तो ये हाल हैं कि यहाँ पूरी तरह से सब्जियों की दुकान वालों का कब्जा है और एम्बूलेंस से लेकर सभी वाहन उदयचौक का लंबा रास्ता तय कर यहाँ आ जा पाते हैं जिस पर भी ट्रेफिक का भारी दबाब होने के चलते जिला अस्पताल से महज एक किलोमीटर का सफर तय करने में किसी भी वाहन को 20 मिनट से लेकर आधे घण्टे तक लग जाते हैं,नगर पालिका परिषद ने शहर की व्यवस्थाओं को सुधारने के नई व्यवस्था के तहत हॉकर जोन में सड़कों की दुकानों को शिफ्ट करने के साथ ही उदय चौक से वनवे ट्रेफिक की शुरूआत की थी लेकिन लगातार इस पर नज़र न रख पाने के कारण अब हालात पहले से भी ज्यादा खराब हो गए हैं और दुकानें फिर मुख्य मार्ग पर आ गयी हैं


Conclusion:नगर पालिका प्रशासन के द्वारा शुरुआत तो अच्छी की गई थी जिसकी लोग सराहना भी कर रहे थे परंतु छोटे दुकानदारों पर कार्यवाही और बाहर सड़क तक समान फैला कर रखने वाले दुकानदारों पर नरमी के चलते फैलने वाले असन्तोष का नतीजा यही निकाला कि आज नगरपालिका अपनी ही बनाई व्यवस्थाओं का पालन नहीं करा पा रही और उसके पास मूक दर्शक बन जाने के अलावा कोई और चारा नहीं रहा।

बाईट--विवेक शुक्ला,दुकानदार
बाईट--प्रदीप झारिया,मुख्य नपा अधिकारी
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