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सरकारी स्कूल के बच्चों ने खोजे 6 करोड़ साल पुराने जीवाश्म, विदेशी वैज्ञानिक ने की पुष्टि

मंडला जिले के एक सरकारी स्कूल के छात्र-छात्राओं ने 6 करोड़ साल पुराने जीवाश्म को खोज निकाला. यह जीवाश्म उन्हें शिक्षक ने मोबाइल पर दिखाया था. अमेरिका की फ्लोरिडा यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक स्टीव मैनचेस्टर ने इन जीवाश्मों के चार से छह करोड़ साल पुराने होने की पुष्टि की है.

मंडला जिले में मिले 6 करोड़ साल पुराने जीवाश्म
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Published : Oct 30, 2019, 12:12 PM IST

Updated : Oct 30, 2019, 3:17 PM IST

मंडला। जिले की नैनपुर तहसील के नवीन माध्यमिक शाला सर्रा पिपरिया के बच्चों ने ऐसा कारनामा कर दिखाया है, जिसकी चर्चा विदेशों तक भी पहुंच गई है. दरअसल शिक्षक ने बच्चों को पढ़ाते समय 6 करोड़ साल पुराने जीवाश्म का चित्र दिखाया, तो अगले दिन बच्चे उसी जीवाश्म को लेकर स्कूल पहुंच गए. इसकी पुष्टि विदेशी वैज्ञानिकों ने यहां आकर की, साथ ही इस खोज के लिए बच्चों को शाबासी भी दी.

सरकारी स्कूल के बच्चों ने खोजे 6 करोड़ साल पुराने जीवाश्म

विज्ञान विषय पढ़ाने वाले शिक्षक संजीव सोनी को इस बात का तनिक भी आभास नहीं था कि जिस चित्र को मोबाइल के माध्यम से वे बच्चों को दिखा रहे हैं, अगले दिन बच्चे उस जीवाश्म को उनके सामने पेश कर देंगे. दरअसल शिक्षक संजीव कक्षा में बच्चों को फॉसिल्स के बारे में बता रहे थे. जीवाश्म कैसे दिखते हैं, यह समझाने के लिए उन्होंने मोबाइल पर जीवाश्म के फोटो दिखाए थे. दूसरे दिन बच्चे उसी जीवाश्म को लेकर स्कूल पहुंच गए.

अमेरिका से आए वैज्ञानिक ने की पुष्टि

इस खोज के बाद शिक्षक सोनी बच्चों के साथ उस स्थान पर पहुंच गए, जहां यह जीवाश्म बिखरे पड़े हैं. इसकी खबर अमेरिका तक पहुंच गई. जिसके बाद अमेरिका की फ्लोरिडा यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक स्टीव मैनचेस्टर इसकी पुष्टि करने के लिए मंडला जिले के संबंधित स्थान पर पहुंच गए. मैनचेस्टर ने बताया कि ये जीवाश्म ही हैं और कार्बन विधि से यह बात साबित कर दी कि जीवाश्म चार से छह करोड़ सौ साल पुराने हैं. हालांकि अभी शोध जारी है. यह गौरव की बात है कि मण्डला के जीवाश्म का अध्ययन अमेरिका की प्रसिद्ध यूनिवर्सिटी में हो रहा है.

मण्डला जिले में कई जगह मिलते हैं जीवश्म

बता दें कि मण्डला जिले के आसपास जीवश्म मिलते हैं. निवास क्षेत्र में यह जीवाश्म भारी मात्रा में पाया गया है. वहीं नैनपुर तहसील के पाला सुंदर में मिलने वाले समुद्री शंख और सर्रा में मिलने वाले जीवाश्म को लेकर शासन-प्रशासन अभी तक बेखबर है. इन्हें संरक्षित करने की जरूरत है, ताकि भूगर्भ या जीवाश्म के अध्ययन करने वाले शोधार्थियों को इसका लाभ मिल सके.

मंडला। जिले की नैनपुर तहसील के नवीन माध्यमिक शाला सर्रा पिपरिया के बच्चों ने ऐसा कारनामा कर दिखाया है, जिसकी चर्चा विदेशों तक भी पहुंच गई है. दरअसल शिक्षक ने बच्चों को पढ़ाते समय 6 करोड़ साल पुराने जीवाश्म का चित्र दिखाया, तो अगले दिन बच्चे उसी जीवाश्म को लेकर स्कूल पहुंच गए. इसकी पुष्टि विदेशी वैज्ञानिकों ने यहां आकर की, साथ ही इस खोज के लिए बच्चों को शाबासी भी दी.

सरकारी स्कूल के बच्चों ने खोजे 6 करोड़ साल पुराने जीवाश्म

विज्ञान विषय पढ़ाने वाले शिक्षक संजीव सोनी को इस बात का तनिक भी आभास नहीं था कि जिस चित्र को मोबाइल के माध्यम से वे बच्चों को दिखा रहे हैं, अगले दिन बच्चे उस जीवाश्म को उनके सामने पेश कर देंगे. दरअसल शिक्षक संजीव कक्षा में बच्चों को फॉसिल्स के बारे में बता रहे थे. जीवाश्म कैसे दिखते हैं, यह समझाने के लिए उन्होंने मोबाइल पर जीवाश्म के फोटो दिखाए थे. दूसरे दिन बच्चे उसी जीवाश्म को लेकर स्कूल पहुंच गए.

अमेरिका से आए वैज्ञानिक ने की पुष्टि

इस खोज के बाद शिक्षक सोनी बच्चों के साथ उस स्थान पर पहुंच गए, जहां यह जीवाश्म बिखरे पड़े हैं. इसकी खबर अमेरिका तक पहुंच गई. जिसके बाद अमेरिका की फ्लोरिडा यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक स्टीव मैनचेस्टर इसकी पुष्टि करने के लिए मंडला जिले के संबंधित स्थान पर पहुंच गए. मैनचेस्टर ने बताया कि ये जीवाश्म ही हैं और कार्बन विधि से यह बात साबित कर दी कि जीवाश्म चार से छह करोड़ सौ साल पुराने हैं. हालांकि अभी शोध जारी है. यह गौरव की बात है कि मण्डला के जीवाश्म का अध्ययन अमेरिका की प्रसिद्ध यूनिवर्सिटी में हो रहा है.

मण्डला जिले में कई जगह मिलते हैं जीवश्म

बता दें कि मण्डला जिले के आसपास जीवश्म मिलते हैं. निवास क्षेत्र में यह जीवाश्म भारी मात्रा में पाया गया है. वहीं नैनपुर तहसील के पाला सुंदर में मिलने वाले समुद्री शंख और सर्रा में मिलने वाले जीवाश्म को लेकर शासन-प्रशासन अभी तक बेखबर है. इन्हें संरक्षित करने की जरूरत है, ताकि भूगर्भ या जीवाश्म के अध्ययन करने वाले शोधार्थियों को इसका लाभ मिल सके.

Intro:(इस खबर को सबसे पहले ईटीवी भारत के द्वारा कव्हर किया जा रहा है, स्पेशल स्टोरी )

बच्चों को विषय शिक्षक ने जीवाश्म के चित्र मोबाइल में दिखाए और दूसरे दिन इस स्कूल के बच्चे पत्थर की शक्ल में जैव शैल ही खोज कर ले आये,ये खोज है मण्डला जिले के सर्रा पिपरिया माध्यमिक शाला के बच्चों की जिसकी पुष्टि विदेशी वैज्ञानिकों ने यहाँ आकर जाँच के बाद की लेकिन मण्डला जिले के लोग और शासन प्रशासन आज भी इस से बेखबर ही हैं।


Body:ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे 4 सौ से 6 सौ साल पहले के जीवाश्मों की खोज कर सकते हैं भले ही यह बात कल्पना से परे लगती हो लेकिन बीते साल सर्रा माध्यमिक शाला के स्कूली बच्चों ने यह कर दिखाया,दरअसल विज्ञान विषय पढ़ाने वाले शिक्षक संजीव सोनी ने अपनी कक्षा के बच्चों को फॉसिल्स क्या होते हैं और कैसे दिखते हैं समझाने के उद्देश्य से मोबाईल पर जीवाश्म के जब चित्र दिखाए तो उन्हें भी इस बात का जरा भी अंदाजा नहीं था कि दूसरे दिन ही बच्चे पत्थर में बदल चुकी लकड़ी के अवशेष खोज लाएंगे।बच्चों की इस खोज के बाद शिक्षक सोनी स्कूल से करीब 2 किलोमीटर दूर उस बर्रे पर जा पहुंचे जहाँ ये जीवाश्म बिखरे पड़े हैं इसके बाद एक सिलसिला शुरू हुआ और जा पहुँचा अमेरिका की फ्लोरिडा यूनिवर्सिटी तक और वहाँ से स्टीव मैनचेस्टर नामक वैज्ञानिक ने इस स्थान तक पहुँच कर जाँच के बाद पुष्टि कर दी कि ये जीवाश्म ही हैं और कार्बन आयु के द्वारा यह बता दिया कि ये 4 सौ से 6 सौ करोड़ साल पुराने हैं लेकिन अभी इस पर शोध जारी है जो मण्डला के लिए गौरव की बात है कि यहाँ के जीवाश्म का अध्ययन अमेरिका की प्रशिद्ध यूनिवर्सिटी में हो रहा है


Conclusion:मण्डला जिले के आसपास भारी मात्रा में जीवश्म मिलते हैं निवास क्षेत्र में तो इनकी भरमार है वहीं नैनपुर तहसील में पाला सुंदर में मिलने वाले समुद्री शंख के और सर्रा में मिलने वाले जैव जीवाश्म की तरफ शासन प्रशासन की कभी नज़र गयी ही नहीं,और ये यहाँ वहाँ बिखरे पड़े हैं इनकी कोई पूछपरख और देखरेख न होने के चलते इतिहास की दृष्टि से ये खुद जल्द ही इतिहास में खो जाएँगे, जरूरत है इन स्थानों को संरक्षित कर कुछ ऐसा किया जाए कि कम से कम भूगर्भ या जीवाश्म के अध्ययन करने वाले शोधार्थियों को इनका लाभ मिल सके।

बाईट--स्कूली बच्चे,मा शा ,सर्रा पिपरिया
बाईट--संजीव सोनी,शिक्षक सर्रा पिपरिया
बाईट--डीके सिंगौर,फॉसिल्स विशेषज्ञ
बाईट--डॉ जगदीश चंद्र जाटिया,कलेक्टर मण्डला
पीटूसी--मयंक तिवारी ईटीवी भारत मण्डला
Last Updated : Oct 30, 2019, 3:17 PM IST
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