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युवाओं ने मनाई 'सार्थक दिवाली', गरीब बच्चों को बांटे गए पटाखे, मिठाई और शिक्षण सामग्री

खरगोन के महेश्वर में युवाओं ने 'सार्थक दिवाली' के नाम से अभियान शुरू किया है, इसके तहत गरीब बच्चों को मिठाई, शिक्षण सामग्री, नमकीन, पटाखे, दीए, खेल सामग्री, चॉकलेट और बिस्किट वितरित किए गए.

युवाओं ने मनाई 'सार्थक दिवाली'
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Published : Oct 26, 2019, 12:33 PM IST

Updated : Oct 26, 2019, 1:21 PM IST

खरगोन। जिले के महेश्वर में कुछ ऐसे युवा हैं, जो अपने सारे काम छोड़कर बच्चों के साथ त्योहारों की खुशियां बांट रहे हैं. 'सार्थक दिवाली' के नाम से अभियान चलाने वाले युवाओं ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों से वह ये आयोजन करते आ रहें हैं और हर साल दिवाली के मौके पर जरूरतमंद बच्चों को मिठाई, पटाखे, शिक्षण सामग्री, दीए बांटकर खुशियां मनाते हैं.

युवाओं ने मनाई 'सार्थक दिवाली'

ग्रुप के शिवम कर्मा, रोशन पाटीदार और अन्य सदस्यों ने बताया कि जब वह गांव में आते थे, तो उन्होंने देखा कि बस्तियों में जरूरतमंद बच्चे दूसरे बच्चों के बचे हुए पटाके जलाते थे, ऐसा देखकर उन्होंने गरीब बच्चों की मदद करने की ठानी और 'सार्थक दिवाली' के नाम से अभियान चलाया. जिसमें उनके साथ अन्य लोग भी जुड़ते गए और इसे सोशल मीडिया पर भी शेयर किया गया, जिसे कई लोगों ने समर्थन दिया.

वहीं टीम ने गांव के घर-घर पहुंचकर पालकों ओर ग्रामीणों को आयोजन में आने के लिए आमंत्रित किया. युवाओं ने ग्रामीणों को बालिका शिक्षा, बाल मजदूर, शिक्षा के अधिकार, पंचायती अधिकार आदि मुद्दों पर जागरूक भी किया. साथ ही ग्रामीणों में बच्चों को रोज शाला भेजने और बालक-बालिका को समान रूप से शिक्षित करने के लिए प्रेरणा जगाई. इसके बाद युवाओं ने बच्चों को शिक्षण सामग्री, मिठाई, नमकीन, पटाखे, खेल सामग्री, चॉकलेट, बिस्किट, मिट्टी के दीपक आदि वितरित किए.

खरगोन। जिले के महेश्वर में कुछ ऐसे युवा हैं, जो अपने सारे काम छोड़कर बच्चों के साथ त्योहारों की खुशियां बांट रहे हैं. 'सार्थक दिवाली' के नाम से अभियान चलाने वाले युवाओं ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों से वह ये आयोजन करते आ रहें हैं और हर साल दिवाली के मौके पर जरूरतमंद बच्चों को मिठाई, पटाखे, शिक्षण सामग्री, दीए बांटकर खुशियां मनाते हैं.

युवाओं ने मनाई 'सार्थक दिवाली'

ग्रुप के शिवम कर्मा, रोशन पाटीदार और अन्य सदस्यों ने बताया कि जब वह गांव में आते थे, तो उन्होंने देखा कि बस्तियों में जरूरतमंद बच्चे दूसरे बच्चों के बचे हुए पटाके जलाते थे, ऐसा देखकर उन्होंने गरीब बच्चों की मदद करने की ठानी और 'सार्थक दिवाली' के नाम से अभियान चलाया. जिसमें उनके साथ अन्य लोग भी जुड़ते गए और इसे सोशल मीडिया पर भी शेयर किया गया, जिसे कई लोगों ने समर्थन दिया.

वहीं टीम ने गांव के घर-घर पहुंचकर पालकों ओर ग्रामीणों को आयोजन में आने के लिए आमंत्रित किया. युवाओं ने ग्रामीणों को बालिका शिक्षा, बाल मजदूर, शिक्षा के अधिकार, पंचायती अधिकार आदि मुद्दों पर जागरूक भी किया. साथ ही ग्रामीणों में बच्चों को रोज शाला भेजने और बालक-बालिका को समान रूप से शिक्षित करने के लिए प्रेरणा जगाई. इसके बाद युवाओं ने बच्चों को शिक्षण सामग्री, मिठाई, नमकीन, पटाखे, खेल सामग्री, चॉकलेट, बिस्किट, मिट्टी के दीपक आदि वितरित किए.

Intro:महेश्वर- जहां एक ओर आज का युवा अपने भविष्य ओर टेक्नोलॉजी की उधेड़बुन में उलझे है वहीं दूसरी ओर महेश्वर में कुछ युवा ऐसे भी है जो अपने सारे कार्य छोड़कर त्योहारों की खुशियां बच्चों के साथ बांटते है।
सार्थक दिवाली के नाम से अभियान चलाने वाले युवाओं ने बताया कि विगत कुछ वर्षों से यह आयोजन कर रहे है। ग्रुप के सारे सदस्य छात्र छात्राएं है जो कि महेश्वर व समीपस्थ क्षेत्र के रहवासी होकर विभिन्न शहरों में एमबीबीएस, एमबीए, बीएसी, इंजीनियरिंग आदि में अध्ययनरत है। सभी लोग जब दिवाली कि छुट्टियों में घर आते है तो हर साल जरूरत मंद बच्चो के बीच दिवाली की खुशियां बांटते है।



Body:ग्रुप के शिवम कर्मा, रोशन पाटीदार, लेखराज आर्य, शुभम भावसार ने बताया कि एक बार जब हम छुट्टियों में घूमने एक दोस्त के गांव गए थे तब बस्तियों में जरूरतमंद बच्चो को देखा वह दूसरे बच्चों की फटाखे जलाते ओर मिठाई खाते गौर से देख रहे थे, तभी से यह सोच लिया कि सभी दोस्त समूह बनाकर जरूरतमंद बच्चो के बीच दिवाली मनाएंगे। शुरुआत में यह दोस्तो तक ही सीमित था बाद में हमने इसे सोशल मीडिया पर शेयर किया जिसे कई लोगो का समर्थन मिला।

इस वर्ष विंध्यांचल की पहाड़ियों में बसे आखरी ग्राम सालीपुरा में जाकर बच्चो के बीच खुशियां बाटी। अति पिछड़े क्षेत्र में एक दिन पहले गाव में जाकर टीम ने घर घर पहुंचकर पालकों ओर ग्रामीणों को आयोजन में आने के लिए आमंत्रित किया। आयोजन के दिन सुबह से ही ग्राम में पहुंचकर ग्रामीणों को इकट्ठा किया गया। ग्राम सभा आयोजित कर समूह के सदस्यों ने ग्रामीणों को बालिका शिक्षा, बाल मजदूर, शिक्षा का अधिकार, पंचायती अधिकार आदि मुद्दों पर समझाइश दी।Conclusion:ग्रामीणों में बच्चो को रोज शाला भेजने और बालक बालिका को सामान रूप से शिक्षित करने के लिए प्रेरणा जगाई। शाला के सभी छात्र छात्राओं को शिक्षण सामग्री, मिठाई, नमकीन, फटाखे, खेल सामग्री, चॉकलेट, बिस्किट, मिट्टी के दीपक आदि वितरित किए गए। छात्रों की विशेष कक्षा लेकर रोज शाला आने के लिए प्रेरित किया गया। पर्यावरण संरक्षण, बालिका शिक्षा आदि के लिए प्रेरित किया गया। इसी तरह ग्राम नजरपुरा में भी अभियान के तहत बच्चो के बीच दिवाली मनाई गई।
ग्रुप के सदस्यों ने बताया कि यह समूह का यह अभियान सार्थक रहा। आगे भी प्रयास जारी रहेगा, हमारी इस सोच को आगे तक पहुंचाएंगे , ग्रामीण क्षेत्रों में भी बच्चों का विकास हो सके यह हमारी प्राथमिकता है।
Last Updated : Oct 26, 2019, 1:21 PM IST
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