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एक बेड पर दो से तीन बच्चे भर्ती, मरिज के परिजनों को बच्चों में संक्रामण होने का भय

खरगोन के जिला अस्पताल के शिशु वार्ड में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है. जहां एक ही बेड पर दो-दो बच्चों को भर्ती कर दिया गया है, ऐसे में बच्चों में संक्रमण का खतरा सता रहा है.

एक बेड पर दो से ज्याद बच्चे भर्ती
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Published : Nov 22, 2019, 10:55 AM IST

खरगोन। जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं का हाल बेहाल है. जिला अस्पताल के शिशु वार्ड में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही देखने को मिल रही है. यहां एक ही बेड पर दो-दो बच्चों को भर्ती कर लिया गया है, जबकि बच्चों में संक्रमण का खतरा बेहद ज्यादा होता है. ऐसे में दो-दो बीमार बच्चे एक-दूसरे को और ज्यादा बीमार बना सकते हैं.

एक बेड पर दो से ज्यादा बच्चे भर्ती
साईं खेड़ी से अपने बच्चे का इलाज कराने आई एक महिला ने बताया कि 3 दिन से एक ही बेड पर दो से तीन बच्चे सुलाए जा रहे हैं. वहीं अपनी बेटी का इलाज कराने आई महिला का कहना है कि उसकी बेटी को सर्दी-बुखार है, ऐसे में उसे जो बेड दिया गया है, उस पर दूसरे बच्चे को भी भर्ती किया गया है, जो उल्टी-दस्त से पीड़ित है. महिला का कहना है कि इससे उसकी बेटी को भी संक्रमण होने का डर सता रहा है.इस मामले पर जब सीएचएमओ रजनी डाबर से बात की गई, तो वो परिजनों की इस समस्या से बेखबर नजर आई. उन्होंने कहा कि एक बेड पर एक से ज्यादा मरीज नहीं होना चाहिए. उन्होंने इस पर जांच करवाने का आश्वासन दिया है.अब ऐसे में सवाल उठता है कि खरगोन के जिला अस्पताल के शिशु वार्ड में कई दिनों से एक बेड पर तीन-चार बच्चों का इलाज किया जा रहा है. ऐसे में अगर अस्पताल में ठीक होने आए बच्चे एक-दूसरे से संक्रमित होते हैं, तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा.

खरगोन। जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं का हाल बेहाल है. जिला अस्पताल के शिशु वार्ड में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही देखने को मिल रही है. यहां एक ही बेड पर दो-दो बच्चों को भर्ती कर लिया गया है, जबकि बच्चों में संक्रमण का खतरा बेहद ज्यादा होता है. ऐसे में दो-दो बीमार बच्चे एक-दूसरे को और ज्यादा बीमार बना सकते हैं.

एक बेड पर दो से ज्यादा बच्चे भर्ती
साईं खेड़ी से अपने बच्चे का इलाज कराने आई एक महिला ने बताया कि 3 दिन से एक ही बेड पर दो से तीन बच्चे सुलाए जा रहे हैं. वहीं अपनी बेटी का इलाज कराने आई महिला का कहना है कि उसकी बेटी को सर्दी-बुखार है, ऐसे में उसे जो बेड दिया गया है, उस पर दूसरे बच्चे को भी भर्ती किया गया है, जो उल्टी-दस्त से पीड़ित है. महिला का कहना है कि इससे उसकी बेटी को भी संक्रमण होने का डर सता रहा है.इस मामले पर जब सीएचएमओ रजनी डाबर से बात की गई, तो वो परिजनों की इस समस्या से बेखबर नजर आई. उन्होंने कहा कि एक बेड पर एक से ज्यादा मरीज नहीं होना चाहिए. उन्होंने इस पर जांच करवाने का आश्वासन दिया है.अब ऐसे में सवाल उठता है कि खरगोन के जिला अस्पताल के शिशु वार्ड में कई दिनों से एक बेड पर तीन-चार बच्चों का इलाज किया जा रहा है. ऐसे में अगर अस्पताल में ठीक होने आए बच्चे एक-दूसरे से संक्रमित होते हैं, तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा.
Intro:एंकर
खरगोन जिला चिकित्सालय के हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। ऐसा एक नजारा जिला चिकित्सालय के शिशु वार्ड में देखने में आया। जहां एक पल पर दो बच्चों को भर्ती किया गया। जिससे अलग अलग बीमारियों के जीवाणु एक बच्चे से दूसरे बच्चे मैं जाने से संक्रमण रोग का भय बढ़ रहा है ।


Body:खरगोन जिला अस्पताल अव्यवस्थाओं को लेकर हमेशा ही सुर्ख़ियों में बना रहता है। बीते कई दिनों से जिला चिकित्सालय के शिशु वार्ड में एक पलंग पर दो बच्चों और उनकी माताओं को भर्ती किया गया है जिससे अलग-अलग बीमारियों के बच्चों के कीटाणु एक दूसरे के शरीर में में पहुंचकर बीमार कर रहे हैं। साईं खेड़ी से अपने बच्चे को लेकर आई मुन्नी बाई ने बताया कि मुझे आए 3 दिन हो गए 3 दिन से एक पलंग पर दो से तीन बच्चे सुलाए जा रहे हैं।
बाइट मुन्नी बाई मरीज परिजन
वही राकेश ने बताया कि यहां पर पलंग की समस्या है एक पलंग पर तीन से चार बच्चों को भर्ती किया गया है। साथ ही उसी पलंग पर दो बच्चे और उनके परिजन भी एक ही पलंग पर रहते हैं। जबकि एक बच्चा एक पलंग होना चाहिए।
बाइट आरिफ खान
वही सिमरन ने बताया कि मेरी बेटी को सर्दी और बुखार है वही मुझे जो पलंग दिया है उनकी बेटी को है उल्टी और दस्त हुआ है जिससे मेरी बेटी को भी संक्रमण हो सकता है इस समय बाहर आ गई हूं। अस्पताल वाले कह रहे हैं कि अभी पलंग नहीं है अभी तो एक पलंग पर दो ही रहना पड़ेगा।
बाइट सिमरन मां
वही रईस खान ने बताया कि यहां पर एक पलंग पर दो बच्चे भर्ती किए गए हैं। एक बच्चे को एक पलंग मिलना चाहिए।
बाइट रईस खान मरीज के परिजन
वही सीएचएमओ रजनी डाबर ने बताया कि जिला चिकित्सालय में एक मरीज एक पलंग होना चाहिए। अगर एक पलंग पर दो बच्चे है तो बड़ी लापरवाही है। इसकी जांच करवा कर उचित कार्रवाई की जाएगी।


Conclusion:
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