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मकर संक्रांति पर हजारों श्रद्धालुओं ने किए नवग्रह के दर्शन - navgrahas

मकर संक्रांति का पर्व पूरे देश में हर्षोल्लास से मनाया जा रहा है. इसी कड़ी में खरगोन के कुंदा तट स्थित नवग्रह मंदिर में हजारों श्रद्धालुओं ने दर्शन किए और पुण्य लाभ लिया.

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नवग्रह मंदिर में लगा श्रद्धालुओं का तांता
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Published : Jan 15, 2020, 1:16 PM IST

Updated : Jan 15, 2020, 2:05 PM IST

खरगोन। जिले के कुंदा तट स्थित नवग्रह मंदिर में कई तरह के आयोजन हुए, जिसमें प्रदेश भर से आए श्रद्धालुओं ने नवग्रह के दर्शन कर अनुष्ठानों में शामिल होकर पुण्य का लाभ लिया. वहीं श्रद्धालुओं ने बताया कि मकर संक्रांति का अर्थ होता है संस्कारों की क्रांति. घर परिवारों के अपने संस्कार होते हैं, वे संस्कार आज से ही बच्चों में डाले जाते हैं. इसमे गुड़ और तिल का अपना महत्व होता है. गुड़ और तिल के लड्डू स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होते हैं और ठंड के मौसम से बचने के लिए शक्ति देते हैं.

नवग्रह मंदिर में लगा श्रद्धालुओं का तांता

वहीं मकर संक्रांति का पौराणिक महत्व भी है. ये नवग्रह मंदिर प्रदेश के प्राचीन मंदिरों में से एक है. यहां आकर आत्मिक शांति के साथ दान-पुण्य मिल जाता है. मंदिर के पंडित लोकेश जागीरदार ने बताया कि मकर संक्रांति में दान-पुण्य का विशेष महत्व है, जिसमें लाल कपड़ा, तांबे के बर्तन और लाल वस्त्र दान किए जाते हैं, इससे नवग्रह शांत होते हैं और सुख-समृद्धि मिलती है.

खरगोन। जिले के कुंदा तट स्थित नवग्रह मंदिर में कई तरह के आयोजन हुए, जिसमें प्रदेश भर से आए श्रद्धालुओं ने नवग्रह के दर्शन कर अनुष्ठानों में शामिल होकर पुण्य का लाभ लिया. वहीं श्रद्धालुओं ने बताया कि मकर संक्रांति का अर्थ होता है संस्कारों की क्रांति. घर परिवारों के अपने संस्कार होते हैं, वे संस्कार आज से ही बच्चों में डाले जाते हैं. इसमे गुड़ और तिल का अपना महत्व होता है. गुड़ और तिल के लड्डू स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होते हैं और ठंड के मौसम से बचने के लिए शक्ति देते हैं.

नवग्रह मंदिर में लगा श्रद्धालुओं का तांता

वहीं मकर संक्रांति का पौराणिक महत्व भी है. ये नवग्रह मंदिर प्रदेश के प्राचीन मंदिरों में से एक है. यहां आकर आत्मिक शांति के साथ दान-पुण्य मिल जाता है. मंदिर के पंडित लोकेश जागीरदार ने बताया कि मकर संक्रांति में दान-पुण्य का विशेष महत्व है, जिसमें लाल कपड़ा, तांबे के बर्तन और लाल वस्त्र दान किए जाते हैं, इससे नवग्रह शांत होते हैं और सुख-समृद्धि मिलती है.

Intro:मकर सक्रांति का पर्व पूरे देश में हर्षोल्लास से मनाया जा रहा है इसी कड़ी खरगोन के कुंदा तट स्थित है नवग्रह मंदिर कई अनुष्ठान हुए हजारों श्रद्धालुओं ने दर्शन एवं पुण्य लाभ लिया।


Body:खरगोन जिले के कुंदा तट स्थिति नवग्रह मंदिर में कई तरह के आयोजन हुए जिसमे प्रदेश भर से आए श्रद्धालुओं ने नवग्रहों के दर्शन कर अनुष्ठानों में शामिल होकर पूण्य लाभ लिया। खरगोंन कि श्रद्धालु आकांक्षा गुप्ता ने बताया कि मकर संक्रांति का अर्थ होता है संस्कारों की क्रांति। घर परिवारों के अपने संस्कार होते है। वह संस्कार आज से ही बच्चों में डाले जाते है। इसमे गुड़ और तिल का अपना महत्व होता है। गुड़ ओर तिल के लड्डू स्वास्थ्य के लिए लाभ दायक होता है।
बाइट- आकांक्षा गुप्ता श्रद्धालु
वही अर्चना यादव ने बताया कि मकर सक्रांति का पौराणिक महत्व है। साथ ही प्रदेश के प्राचीन मंदिरों में से एक है। यहां आकर आत्मिक शांति के साथ दान पुण्य मिल जाता है।



Conclusion:वही मंदिर के पंडित लोकेश जागीरदार ने बताया कि मकर सक्रांति दान पूण्य का विशेष महत्व है। जिसमे लाल कपड़ा तांबे के बर्तन सहित लाल वस्त्र दान दिए जाते है। जिससे नवग्रह शांत होकर सुख समृद्धि मिलती है।
1-2-1 पंडित लोकेश जागीरदार
Last Updated : Jan 15, 2020, 2:05 PM IST
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