खरगोन। कोरोना संकट और मजदूरों के लगातार पलायन से निराश होते उद्योगों को लुभाने के लिए नई श्रम नीति बनाई गई है, जिसे लेकर कई सवाल भी खड़े होने लगे हैं. मजदूरों के हितों पर और उद्योगों की मनमानी पर सवाल खड़े होने लगे हैं, ऐसे में उद्योग के जानकार और मध्यप्रदेश टेक्सटाइल्स इंडस्ट्रीज के उपाध्यक्ष कैलाश अग्रवाल ने इस नई श्रम नीति को सही ठहराया है और कहा है कि यह नीति उद्योगों और मजदूरों के लिए लाभप्रद है साथ ही प्रदेश को विकार की ओर ले जाने वाली है.
कैलाश अग्रवाल ने इस लिए सरकार का धन्यवाद किया और बताया की मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार द्वारा किए गए संशोधनों से उद्योगपतियों और मजदूरों दोनों को लाभ मिलेगा. यह संशोधन पूर्व शिवराज सरकार द्वारा लंबित थे. इन्हें अब जाकर साकार रूप मिला है. उन्होंने बताया की इसे इजी डूइंग ऑफ बिजनेस के लिए शिवराज सिंह ने बहुत कवायद की थी और उनकी चाहत थी कि ये सुधार हो.
नई नीति से प्रदेश में नए उद्योग खोलने में आसानी
अग्रवाल ने कहा कि पहले उद्योग खोलने के लिए प्रक्रिया में समय लगता था. पहले 30 दिन में रजिस्ट्रेशन मिलता था. अब एक दिन में रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन मिल जाता है. साथ ही पुराने उद्योगों के संचालन में भी सहयोग मिलेगा.
- वहीं ठेकेदारों को भी पहले 30 दिन में एक वित्तीय वर्ष के लिए लाइसेंस मिलता था, अब एक ही बार में दो साल पांच साल के लिए मिल जाएगा.
- पहले 10 मजदूरों पर लाइसेंस लेना होता था, अब वही लाइसेंस 50 मजदूरों पर लेना होगा.
- पहले तरह तरह के रजिस्टर मेंटेन करना होता था और तरह-तरह के रिटर्न भरना होता था, अब एक रजिस्टर और एक रिटर्न भरना होगा.
मजदूरों के लिए प्रावधान
मजदूरों के लिए 8 घण्टे से बढ़ाकर 12 घण्टे करने करने के बारे में कहा कि फैक्टरी मालिक को फैक्टरी लम्बे समय तक चलाना है. जिसके लिए फैक्ट्री मालिक मजदूरों को ओवर टाइम देगा. शोषण नहीं करेगा. वह भी मजदूर की इच्छा पर निर्भर करेगा. फैक्ट्री मालिक को उत्पादन चाहिए कम मजदूर से उत्पादकता बढ़ेगी और मजदूरों को भी लाभ होगा. इन संशोधनों के माध्यम से मध्यप्रदेश को लाभ होगा. कैलाश अग्रवाल ने बताया की मधयप्रदेश के संशोधनों को देखते है यूपी की योगी सरकार ने भी इन संशोधनों को अपनाया है.