खरगोन। खुद को भूतपूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का निजी सचिव बताने वाले एक संत ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर हाई वोल्टेज ड्रामा किया. संत ने तत्कालीन कलेक्टर केदार शर्मा और नवनीत मोहन कोठारी पर जमीन पर पाटीदारों को कब्जा देने और उन्हें जान से मारने की कोशिश करने का आरोप लगाया है.
संत राजकिशोर वाजपेयी कलेक्टर से मिलने कलेक्ट्रेट पहुंचे थे. जब उन्हें रोका गया तो उन्होंने वहां जोर-जोर से चिल्लाना शुरू कर दिया. वे बार-बार कलेक्टर से मिलने की जिद कर रहे थे. उन्होंने अपने थैले से पैसे निकाले और वहां ड्रामा शुरू कर दिया. उनका कहना था कि यहां पैसों के बिना कोई काम नहीं होता है. संत के इस ड्रामे को देखने के लिए कलेक्ट्रेट में मौजूद लोगों की भीड़ लग गई.
राजकिशोर वाजपेयी ने बताया कि तत्कालीन कलेक्टर केदार शर्मा और नवनीत मोहन कोठारी ने नर्मदा किनारे के कसरावद ओर मण्डलेश्वर को जोड़ने वाले पुल के श्मशान मार्कटी घाट के पास की जमीन को पाटीदारों के कब्जे में दे दिया है. साथ ही संत ने तत्कालीन कलेक्टर पर उनकी हत्या की साजिश करने का आरोप भी लगाया है.