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शरद पूर्णिमा पर दीप यज्ञ का आयोजन, भारी संख्या में उमड़े श्रद्धालु - शरद पूर्णिमा

खरगोन में शरद पूर्णिमा के मौके पर दीप यज्ञ का आयोजन किया गया, जहां सैकड़ों की संख्या में भक्त शामिल हुए.

दीप यज्ञ का आयोजन
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Published : Oct 14, 2019, 6:34 AM IST

Updated : Oct 14, 2019, 12:51 PM IST

खरगोन। वैसे तो शारदीय नवरात्रि का समापन दशहरा के एक दिन पहले नवमी तिथि को ही हो जाता है, लेकिन खरगोन में शरद पूर्णिमा पर इसका समापन मानते हैं. इसी क्रम में खरगोन में गायत्री मंदिर में दीप यज्ञ का आयोजन किया गया.

इस अवसर पर सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भजन संध्या का आयोजन किया. साथ ही खीर को चांदनी रात में औषधि मिलाकर प्रसाद के रूप में वितरण किया गया. गायत्री परिवार के संतोष पाटीदार ने बताया कि इस दिन एक ऋतु से दूसरी ऋतु का परिवर्तन होता है. इसमें संक्रामक रोगों का प्रकोप होता है.

दीप यज्ञ का आयोजन

उन्होंने कहा कि मान्यता है कि नवरात्रि के पावन अवसर पर 9 दिन व्रत रखने से संक्रामक रोगों से बचा जा सकता है. उन्होंने कहा कि शरद पूर्णिमा पर चन्द्रमा अपने पूर्ण यौवन पर होता है. चन्द्रमा से अमृत बरसता है, इसलिए अस्थमा रोगियों को औषधियुक्त खीर का वितरण किया जाता है.

खरगोन। वैसे तो शारदीय नवरात्रि का समापन दशहरा के एक दिन पहले नवमी तिथि को ही हो जाता है, लेकिन खरगोन में शरद पूर्णिमा पर इसका समापन मानते हैं. इसी क्रम में खरगोन में गायत्री मंदिर में दीप यज्ञ का आयोजन किया गया.

इस अवसर पर सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भजन संध्या का आयोजन किया. साथ ही खीर को चांदनी रात में औषधि मिलाकर प्रसाद के रूप में वितरण किया गया. गायत्री परिवार के संतोष पाटीदार ने बताया कि इस दिन एक ऋतु से दूसरी ऋतु का परिवर्तन होता है. इसमें संक्रामक रोगों का प्रकोप होता है.

दीप यज्ञ का आयोजन

उन्होंने कहा कि मान्यता है कि नवरात्रि के पावन अवसर पर 9 दिन व्रत रखने से संक्रामक रोगों से बचा जा सकता है. उन्होंने कहा कि शरद पूर्णिमा पर चन्द्रमा अपने पूर्ण यौवन पर होता है. चन्द्रमा से अमृत बरसता है, इसलिए अस्थमा रोगियों को औषधियुक्त खीर का वितरण किया जाता है.

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शारदीय नवरात्रि का समापन दशहरा पर्व के साथ समापन माना जाता है। परंतु मान्यताओं के अनुसार शारदीय नवरात्रि का समापन शरद पूर्णिमा पर होता है। शहर में कई आयोजन हुए है।


Body:शरद पूर्णिमा के अवसर पर स्थानीय गायत्री मंदिर में दीप यज्ञ के माध्यम से शरद पूर्णिमा उत्सव मनाया गया। इस अवसर सैकड़ों लोगों ने भजन संध्या का आयोजन कर दूध को चांदनी रात में औषधि मिला कर दूध वितरण किया गया। गायत्री परिवार के संतोष पाटीदार ने कहा कि शरदोत्सव एक ऋतु से दूसरी ऋतु का परिवर्तन होता है। यह परिवर्तन संक्रामक रोगों का प्रकोप होता है। साथ ही कफ से होने वाले रोगों की ओषधि दी जाती है। साथ ही कहा कि नवरात्रि में 9 दिन व्रत रख कर संक्रमण के रोगों से अपने आप को बचाते है ओर अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाते है। इसका एक वैज्ञानिक कारण भी है। जो आज के दिन चन्द्रमा अपने पूर्ण यौवन पर होता है ओर आज के दिन चन्द्रमा से अमृत बरसता है। इसका लाभ लेते हुए। अस्थमा के रोगियों को ओषधि युक्त खीर का वितरण किया जाता है।
बाइट- संतोष पाटीदार गायत्री परिवार


Conclusion:
Last Updated : Oct 14, 2019, 12:51 PM IST
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