खरगोन। वैसे तो शारदीय नवरात्रि का समापन दशहरा के एक दिन पहले नवमी तिथि को ही हो जाता है, लेकिन खरगोन में शरद पूर्णिमा पर इसका समापन मानते हैं. इसी क्रम में खरगोन में गायत्री मंदिर में दीप यज्ञ का आयोजन किया गया.
इस अवसर पर सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भजन संध्या का आयोजन किया. साथ ही खीर को चांदनी रात में औषधि मिलाकर प्रसाद के रूप में वितरण किया गया. गायत्री परिवार के संतोष पाटीदार ने बताया कि इस दिन एक ऋतु से दूसरी ऋतु का परिवर्तन होता है. इसमें संक्रामक रोगों का प्रकोप होता है.
उन्होंने कहा कि मान्यता है कि नवरात्रि के पावन अवसर पर 9 दिन व्रत रखने से संक्रामक रोगों से बचा जा सकता है. उन्होंने कहा कि शरद पूर्णिमा पर चन्द्रमा अपने पूर्ण यौवन पर होता है. चन्द्रमा से अमृत बरसता है, इसलिए अस्थमा रोगियों को औषधियुक्त खीर का वितरण किया जाता है.