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फर्जी डॉक्टर की वजह से मासूम की जान खतरे में, सीएचएमओ ने दिए जांच के आदेश - सीएचएमओ

खरगोंन के भगवानपुरा विकासखण्ड में झोलाछाप डॉक्टर के इलाज से बच्चे की आंखे खराब और स्किन जलने का मामला सामने आया है.

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फर्जी डॉक्टर की वजह से मासूम की जान खतरे में
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Published : Feb 29, 2020, 3:59 AM IST

खरगोन। निमाड़ अंचल के आदिवासी क्षेत्र भगवानपुरा सहित पूरे जिले में झोलाछाप डॉक्टर गरीबों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. ऐसा ही एक मामला भगवानपूरा में देखने मे आया, जहां झोलाछाप डॉक्टर इजेक्शन लगाने के बाद बच्चे की आंखे खराब हो गई साथ ही इंफेक्शन से स्किन जल गई.

फर्जी डॉक्टर की वजह से मासूम की जान खतरे में

पिता ने थाने पर रिपोर्ट की तो पुलिस पर मारपीट का आरोप लगाया. वहीं पंचायत पर आरोप लगाते हुए कहा कि पंचायत ने ढाई लाख रुपए में बच्चे का सौदा कर दिया है. फरियादी सुरेश ने बताया कि ढाई महीने पहले बच्चे को बुखार आया था, जिसके इलाज के लिए बंगाली डॉक्टर डिपेंद्रनाथ विश्वास के पास वह इलाज के लिए बच्चे को लेकर पहुंचा. डॉक्टर ने बच्चे को इंजेक्शन लगाया, जिसके बाद बच्चे की स्किन निकलने लगी.

बच्चे के इलाज के लिए डॉक्टर ने उसे 60 हजार रुपये भी दिए, लेकिन गड़बड़ का अंदेशा होने के बाद वह पुलिस से मदद मांगने पहुंचा. पुलिस ने एफआईआर लिखने की जगह पीड़ित से मार पीट की. वहीं ग्राम पंचायत ने भी 1,90,000 रुपये का चेक देकर मेरे बच्चे का सौदा करना चाहा. वहीं सीएचएमओ डॉ रजनी डाबर ने बच्चे को जिला चिकित्सालय में इलाज के लिए भर्ती करने के निर्देश देते हुए. दोषी डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की बात कही है.

खरगोन। निमाड़ अंचल के आदिवासी क्षेत्र भगवानपुरा सहित पूरे जिले में झोलाछाप डॉक्टर गरीबों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. ऐसा ही एक मामला भगवानपूरा में देखने मे आया, जहां झोलाछाप डॉक्टर इजेक्शन लगाने के बाद बच्चे की आंखे खराब हो गई साथ ही इंफेक्शन से स्किन जल गई.

फर्जी डॉक्टर की वजह से मासूम की जान खतरे में

पिता ने थाने पर रिपोर्ट की तो पुलिस पर मारपीट का आरोप लगाया. वहीं पंचायत पर आरोप लगाते हुए कहा कि पंचायत ने ढाई लाख रुपए में बच्चे का सौदा कर दिया है. फरियादी सुरेश ने बताया कि ढाई महीने पहले बच्चे को बुखार आया था, जिसके इलाज के लिए बंगाली डॉक्टर डिपेंद्रनाथ विश्वास के पास वह इलाज के लिए बच्चे को लेकर पहुंचा. डॉक्टर ने बच्चे को इंजेक्शन लगाया, जिसके बाद बच्चे की स्किन निकलने लगी.

बच्चे के इलाज के लिए डॉक्टर ने उसे 60 हजार रुपये भी दिए, लेकिन गड़बड़ का अंदेशा होने के बाद वह पुलिस से मदद मांगने पहुंचा. पुलिस ने एफआईआर लिखने की जगह पीड़ित से मार पीट की. वहीं ग्राम पंचायत ने भी 1,90,000 रुपये का चेक देकर मेरे बच्चे का सौदा करना चाहा. वहीं सीएचएमओ डॉ रजनी डाबर ने बच्चे को जिला चिकित्सालय में इलाज के लिए भर्ती करने के निर्देश देते हुए. दोषी डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की बात कही है.

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