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बंदर भी जानते हैं गिलोय के गुण, इम्यूनिटी बूस्ट करने में है कारगर - योग शिक्षक एवं आयुर्वेद के जानकार जितेंद्र भावसार

इम्यूनिटी बूस्टर कहे जाने वाले गिलोय का सेवन कोरोना काल में हर कोई कर रहा है. खरगोन जिले में बंदरों को भी इसे खाते देखा गया. योग शिक्षक एवं आयुर्वेद के जानकार जितेंद्र भावसार के घर बंदर साल में दो-तीन बार गिलोय खाने आते हैं.

Monkeys showing interest eating Giloy
बंदर भी जानते है गिलोय के गुण
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Published : Oct 13, 2020, 10:27 AM IST

Updated : Oct 13, 2020, 2:28 PM IST

खरगोन। कोरोना काल में इम्यूनिटी को लेकर हर कोई जागरुक है, जिसके लिए गिलोय का सेवन कारगर साबित होता है. कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए लोग गिलोय का सेवन तो कर ही रहे हैं, लेकिन खरगोन जिले में बंदरों को भी गिलोय भा रहा है, जहां जिले के योग शिक्षक एवं आयुर्वेद की जानकार जितेंद्र भावसार के घर बंदरों को दिलचस्पी के साथ गिलोय खाते देखा गया.

बंदर भी जानते है गिलोय के गुण

यह भी पढ़ें:- कोरोना काल में संतरे की डिमांड हुई कम, किसानों के साथ व्यापारियों को भी हो रहा नुकसान

योग शिक्षक एवं आयुर्वेद के जानकार जितेंद्र भावसार का कहना है कि बंदर मनुष्य के पूर्वज हैं. जिन्हें पता है कि क्या उनके लिए लाभदायक है, इसलिए उन्होंने गिलोय को चुना. उन्होंने बताया कि उनके घर गिलोय के पेड़ लगे हुए हैं, जिसे खाने के लिए बंदर हर साल दो से तीन बार आते हैं.

गिलोय के फायदे

आयुर्वेद में औषधीय गुणों से भरपूर गिलोय का भी जिक्र किया गया है, जिनसे कई प्रकार की बीमारियों के ठीक होने की बात कही जाती है. इसका जूस पीने पर यह वाकई में विभिन्न प्रकार के रोग से आपको बचाए रखता है. गिलोय का सेवन करने वाले लोगों में बुखार आने की समस्या का खतरा कई गुना तक कम हो जाता है. इसके लिए गिलोय की पत्तियों को पीसकर इसकी छोटी-छोटी गोली बना लें और मरीज को सुबह-शाम इसे खाने के लिए दें. यह उनके लिए और भी फायदेमंद साबित हो सकता है, जिन्हें अंग्रेजी दवाओं से एलर्जी है. दिन में दो से तीन बार इसका सेवन करने के बाद मरीज खुद ही इसके परिणाम को महसूस कर सकेगा.

खरगोन। कोरोना काल में इम्यूनिटी को लेकर हर कोई जागरुक है, जिसके लिए गिलोय का सेवन कारगर साबित होता है. कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए लोग गिलोय का सेवन तो कर ही रहे हैं, लेकिन खरगोन जिले में बंदरों को भी गिलोय भा रहा है, जहां जिले के योग शिक्षक एवं आयुर्वेद की जानकार जितेंद्र भावसार के घर बंदरों को दिलचस्पी के साथ गिलोय खाते देखा गया.

बंदर भी जानते है गिलोय के गुण

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योग शिक्षक एवं आयुर्वेद के जानकार जितेंद्र भावसार का कहना है कि बंदर मनुष्य के पूर्वज हैं. जिन्हें पता है कि क्या उनके लिए लाभदायक है, इसलिए उन्होंने गिलोय को चुना. उन्होंने बताया कि उनके घर गिलोय के पेड़ लगे हुए हैं, जिसे खाने के लिए बंदर हर साल दो से तीन बार आते हैं.

गिलोय के फायदे

आयुर्वेद में औषधीय गुणों से भरपूर गिलोय का भी जिक्र किया गया है, जिनसे कई प्रकार की बीमारियों के ठीक होने की बात कही जाती है. इसका जूस पीने पर यह वाकई में विभिन्न प्रकार के रोग से आपको बचाए रखता है. गिलोय का सेवन करने वाले लोगों में बुखार आने की समस्या का खतरा कई गुना तक कम हो जाता है. इसके लिए गिलोय की पत्तियों को पीसकर इसकी छोटी-छोटी गोली बना लें और मरीज को सुबह-शाम इसे खाने के लिए दें. यह उनके लिए और भी फायदेमंद साबित हो सकता है, जिन्हें अंग्रेजी दवाओं से एलर्जी है. दिन में दो से तीन बार इसका सेवन करने के बाद मरीज खुद ही इसके परिणाम को महसूस कर सकेगा.

Last Updated : Oct 13, 2020, 2:28 PM IST
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