खंडवा। देशभर में आज जन्माष्टमी मनाई जा रही है, लेकिन इस जन्माष्टमी में कोरोना का साया छाया हुआ है. हर साल देश में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म बड़े ही धूमधाम और हर्सोल्लास के साथ मनाया जाता है. नगर के प्रत्येक राधा-कृष्ण मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाने के लिए हजारों की संख्या में भक्त शामिल होते थे, लेकिन इस साल भगवान श्रीकृष्ण के जन्म दिन पर कोरोना का असर देखने को मिला. तीर्थनगरी ओंकारेश्वर में कोरोना का असर श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर भी देखने को मिला है. नगर स्थित राधाकृष्ण मंदिरों में भक्तों की कमी देखने को मिल रही है. साथ ही प्रतिवर्ष होने वाली अनोखी मटकी फोड कार्यक्रम पर भी इस साल रोक लगा दी गई है.
ऐसा ही कुछ नजारा देश के प्रसिद्ध चतुर्थ ज्योतिर्लिंग ओंकारेश्वर नगर में देखने को मिला. यहां प्रतिवर्ष मठ-मंदिरों में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव बड़े हर्षोल्लास और धूम-धाम से मनाया जाता रहा है. खासकर प्रदेश भर में ख्याति प्राप्त अनोखी मटकी फोड प्रतियोगिता ओंकारेश्वर के गौमुख घाट पर नर्मदा नदी के एक छोर से दूसरे छोर तक रस्सा बांधकर प्रतियोगी को हाथों के सहारे उस रस्से पर लटकर 40 फिट की दूरी तय कर मटकी को फोड़ना होता हैं, जो कि बहुत ही रोमांचक और अनोखी प्रतियोगीता होती थी. इसे देखने के लिए सैंकड़ों की संख्या में लोग जमा होते थे. इसे नाविक संघ आयोजित करता था. वहीं इस साल कोरोना काल के चलते यह कार्यक्रम निरस्त कर दिया गया है.
खाली पड़ा मंदिर परिसर
कोरोना संक्रमण के कारण ओंकारेश्वर मंदिर में नाम मात्र की संख्या में श्रद्धालु पंहुच रहे हैं. परिसर खाली पड़ा हुआ है, ना ही मंदिर में भक्तों का जमावड़ा है और ना ही मंदिर परिसर में स्थित राधा-कृष्ण मंदिर औक द्वारकाधीश भगवान की झांकी को भव्यता दी जा रही है. मंदिर ट्रस्ट के सहायक कार्यपालन अधिकारी अशोक महाजन ने बताया कि मंदिर परिसर में स्थित राधाकृष्ण मंदिर पर विद्युत सज्जा की गई हैं और परंपरा अनुसार ब्राह्मण ने पुजन अभिषेक किया जाएगा.