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बजट 2020 : केंद्र के बजट से आम लोगों को काफी उम्मीदें

एक फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री सीतारमण बजट पेश करेंगी. केंद्र के इस बजट से आम लोगों को काफी उम्मीदें है. टेक्सटाइल्स इंडस्ट्रीज के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और मध्यप्रदेश टेक्सटाइल्स के अध्यक्ष कैलाश अग्रवाल का कहना है कि मध्यमवर्गीय परिवारों को आयकर से छूट मिल सकती है.

What is the expectations of the people from the budget 2020
बजट 2020 से क्या है लोगों की उम्मीदें
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Published : Jan 30, 2020, 10:21 AM IST

खरगोन। केंद्रीय वित्त मंत्री सीतारमण एक फरवरी को अपना बजट पेश करेंगी. इस बजट से हर वर्ग को उम्मीद है. बजट को लेकर ईटीवी भारत ने टेक्सटाइल्स इंडस्ट्रीज के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और मध्यप्रदेश टेक्सटाइल्स के अध्यक्ष कैलाश अग्रवाल चर्चा की. कैलाश अग्रवाल का कहना है कि पिछले बजट से काफी उम्मीदें थी. लेकिन इस बजट का लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. इस बजट में मध्यमवर्गीय परिवारों को आयकर से छूट मिल सकती है. साथ ही मध्यमवर्ग को अच्छी स्थिति में लाया जाएगा. तब ही माध्यमवर्गीय परिवार बचत कर इन्वेस्टमेंट कर सकेंगे. साथ ही लोगों के सपनों का घर ले सकेंगे.

बजट 2020 से क्या है लोगों की उम्मीदें

हो सकता है नई योजनाओं का आगाज

वहीं कैलाश अग्रवाल का कहना है कि एमएसएमई(स्माल इंडस्ट्री) को भी केंद्र सरकार के बजट से काफी उम्मीदें है. साथ ही मेक इन इंडिया में नई योजनाओं के साथ एक नया आगाज होगा. जिससे मेक इन इंडिया के तहत उत्पादन कर हमारा निर्यात बढ़ा सकेंगे. दूसरी ओर किसानों को भी इस बजट से उम्मीदें है. उनका कहना है कि मध्यप्रदेश में भावांतर योजना को पसंद करता हूं. भावांतर योजना के बंद होने और समर्थन मूल्य के आने से किसानों को नफा कम, नुकसान ही हुआ है, जिससे किसान दुखी हैं.

वहीं जीएसटी के स्लैब में भी सुधार की उम्मीद है. परसेंटेज परिवर्तन के साथ जो उद्योगपति और व्यापारी टेक्स भरते है. उसके तरीके में परिवर्तन की बहुत आवश्यकता है. उसके सरलीकरण के साथ अधिक टैक्स जमा कराया जा सके.

खरगोन। केंद्रीय वित्त मंत्री सीतारमण एक फरवरी को अपना बजट पेश करेंगी. इस बजट से हर वर्ग को उम्मीद है. बजट को लेकर ईटीवी भारत ने टेक्सटाइल्स इंडस्ट्रीज के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और मध्यप्रदेश टेक्सटाइल्स के अध्यक्ष कैलाश अग्रवाल चर्चा की. कैलाश अग्रवाल का कहना है कि पिछले बजट से काफी उम्मीदें थी. लेकिन इस बजट का लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. इस बजट में मध्यमवर्गीय परिवारों को आयकर से छूट मिल सकती है. साथ ही मध्यमवर्ग को अच्छी स्थिति में लाया जाएगा. तब ही माध्यमवर्गीय परिवार बचत कर इन्वेस्टमेंट कर सकेंगे. साथ ही लोगों के सपनों का घर ले सकेंगे.

बजट 2020 से क्या है लोगों की उम्मीदें

हो सकता है नई योजनाओं का आगाज

वहीं कैलाश अग्रवाल का कहना है कि एमएसएमई(स्माल इंडस्ट्री) को भी केंद्र सरकार के बजट से काफी उम्मीदें है. साथ ही मेक इन इंडिया में नई योजनाओं के साथ एक नया आगाज होगा. जिससे मेक इन इंडिया के तहत उत्पादन कर हमारा निर्यात बढ़ा सकेंगे. दूसरी ओर किसानों को भी इस बजट से उम्मीदें है. उनका कहना है कि मध्यप्रदेश में भावांतर योजना को पसंद करता हूं. भावांतर योजना के बंद होने और समर्थन मूल्य के आने से किसानों को नफा कम, नुकसान ही हुआ है, जिससे किसान दुखी हैं.

वहीं जीएसटी के स्लैब में भी सुधार की उम्मीद है. परसेंटेज परिवर्तन के साथ जो उद्योगपति और व्यापारी टेक्स भरते है. उसके तरीके में परिवर्तन की बहुत आवश्यकता है. उसके सरलीकरण के साथ अधिक टैक्स जमा कराया जा सके.

Intro:एंकर
एक फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री सीतारमन अपना बजट पेश करेगी ईटीवी भारत ने अर्थशास्त्रीयों उद्योगपतियों से बात की तो सभी को केंद्रीय वित्त मंत्री सीतारमन के बजट को लेकर उत्साह एवं उम्मीदें है।



Body:केंद्रीय वित्त मंत्री सीतारमन एक फरवरी को अपना बजट पेश कर रही है। बजट को लेकर ईटीवी भारत ने टेक्सटाइल्स इंडस्ट्रीज के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और मध्यप्रदेश टेक्सटाइल्स के अध्यक्ष से कैलाश अग्रवाल चर्चा की तो उन्होंने कहा कि पिछले बजट से काफी उम्मीदें थी। परन्तु इस बजट का लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे है। इस बजट में मध्यमवर्गीय परिवारों को आयकर से छूट मिल सकती है।साथ ही मध्यमवर्ग को अच्छी स्थिति में लाया जाएगा। तब ही माध्यमवर्गीय परिवार बचत कर इन्वेस्टमेंट कर सकेंगे। साथ ही लोग के सपनों के घर पा सकेंगे। रियल स्टेट में बीते वर्षो से पड़ा। स्लेक में भी सुधार आएगा नए सवेरा नई उम्मीदों के साथ आएगा। वही एमएसएमई(स्माल इंडस्ट्री) को भी नितिन गडकरी से काफी उम्मीदें है कि इस सेक्टर को निराशा से निकल कर आशा की तरफ ले जाएंगे। साथ जी मेक इन इंडिया में नई योजनाओं के साथ एक नया आगाज होगा। जिससे मेक इन इंडिया के तहत उत्पादन कर हमारा निर्यात बढ़ा सकेंगे। दूसरी ओर कृषि में भी उम्मीदे है। लेकिन मैं निश्चित रूप से उद्योग पति के रूप मे भावन्तर योजना को पसंद करता हुं। जहां मध्यप्रदेश में भावन्तर योजना को पसंद करता हूं। भावन्तर योजना के बन्द होने और समर्थन मूल्य के आने से किसानों को नफा कम नुकसान ही हुआ है। जीएसटी के स्लैब में सुधार कर सकते है। परसेंटेज परिवर्तन के साथ जो उद्योगपति और व्यापारी टेक्स भरते है। उसके तरीके में परिवर्तन की बहुत आवश्यकता है। उसके सरलीकरण के साथ अधिक टेक्स जमा कराया जा सके। कई बार ऐसी स्थिति बनती है कि आखरी दिनों में जब पोर्टल तो भी पेनल्टी लगती है। बारीकी से अध्ययन करके उद्योग व्यापार, जनता सभी के हित में बेसब्री से इंतजार है।
बाइट कैलाश अग्रवाल राष्ट्रीय उपाध्यक्ष टेक्सटाइल इंडस्ट्रीज


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