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औषधि युक्त काला गेहूं बदल रहा किसानों की किस्मत, बंपर हो रही पैदावार

खरगोन जिले में किसान काले गेहूं की खेती कर आर्थिक तौर पर मजबूत हो रहे हैं. काला गेहूं स्वास्थ्यवर्धक होने के साथ किसान की आमदनी भी बढ़ा रहा है.

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Published : Jul 5, 2020, 10:27 AM IST

Updated : Jul 6, 2020, 7:47 PM IST

Healthy Black Wheat
स्वास्थ्यवर्धक काला गेहूं

खरगोन। जिले के किसान अब परंपरागत खेती के साथ उन्नत खेती कर अच्छी कमाई कर रहे हैं. ग्राम सोनी पूरा के रहने वाले किसान कैलाश पाटीदार ने अपनी सवा तीन एकड़ खेत में पंजाब के मोहाली से काला गेंहू लाकर अच्छी फसल उगाई और अब दूसरे लोगों को भी इसके लिए प्रेरित कर रहे हैं.

किसान कैलाश पाटीदार

कैलाश पाटीदार ने बताया कि बड़वानी जिले के चिखलदा में काले गेहूं की फसल देखी थी. जिसके बाद उनके मन में भी काले गेहूं की फसल लगाने का विचार आया क्योंकि ये औषधि युक्त है. इसके लिए कैलाश पाटीदार पंचाब के मोहाली बीज खरीदने गए और वहां से डेढ़ क्विंटल कला गेंहू लेकर आए.

लागत कम और पैदावार अच्छी

कैलाश बतातें है कि उन्होंने तीन एकड़ जमीन में एक क्विंटल 20 किलो गेहूं बोया था. जिसमें उन्हें 86 क्विंटल की गेहूं फसल मिली है. प्रति एकड़ के हिसाब से देखें तो 25 से 26 क्विंटल निकला है. जो कि सामान्य गेहूं की तुलना में अधिक है. कीमत में भी भारी अंतर है.

काले गेहूं के फायदे

कैलाश ने बताया कि सामान्य गेहूं का समर्थन मूल्य 19 रुपये किलो होता है. पर काले गेहूं का बीज 8 से 10 रुपए प्रति किलो बिकता है और ये गेहूं औषधि युक्त भी है. जो शुगर, हाइपर टेन्शन के साथ मानसिक तनाव को दूर करता है. इस वजह से ये गेहूं थोड़ा महंगा बिकता है. काला गेहूं स्वास्थ्य वर्धक होने के साथ किसान की पैदावार भी बढ़ा रहा है और आर्थिक तौर पर किसान को मजबूत भी कर रहा है.

खरगोन। जिले के किसान अब परंपरागत खेती के साथ उन्नत खेती कर अच्छी कमाई कर रहे हैं. ग्राम सोनी पूरा के रहने वाले किसान कैलाश पाटीदार ने अपनी सवा तीन एकड़ खेत में पंजाब के मोहाली से काला गेंहू लाकर अच्छी फसल उगाई और अब दूसरे लोगों को भी इसके लिए प्रेरित कर रहे हैं.

किसान कैलाश पाटीदार

कैलाश पाटीदार ने बताया कि बड़वानी जिले के चिखलदा में काले गेहूं की फसल देखी थी. जिसके बाद उनके मन में भी काले गेहूं की फसल लगाने का विचार आया क्योंकि ये औषधि युक्त है. इसके लिए कैलाश पाटीदार पंचाब के मोहाली बीज खरीदने गए और वहां से डेढ़ क्विंटल कला गेंहू लेकर आए.

लागत कम और पैदावार अच्छी

कैलाश बतातें है कि उन्होंने तीन एकड़ जमीन में एक क्विंटल 20 किलो गेहूं बोया था. जिसमें उन्हें 86 क्विंटल की गेहूं फसल मिली है. प्रति एकड़ के हिसाब से देखें तो 25 से 26 क्विंटल निकला है. जो कि सामान्य गेहूं की तुलना में अधिक है. कीमत में भी भारी अंतर है.

काले गेहूं के फायदे

कैलाश ने बताया कि सामान्य गेहूं का समर्थन मूल्य 19 रुपये किलो होता है. पर काले गेहूं का बीज 8 से 10 रुपए प्रति किलो बिकता है और ये गेहूं औषधि युक्त भी है. जो शुगर, हाइपर टेन्शन के साथ मानसिक तनाव को दूर करता है. इस वजह से ये गेहूं थोड़ा महंगा बिकता है. काला गेहूं स्वास्थ्य वर्धक होने के साथ किसान की पैदावार भी बढ़ा रहा है और आर्थिक तौर पर किसान को मजबूत भी कर रहा है.

Last Updated : Jul 6, 2020, 7:47 PM IST
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