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Khargone violence : सरकारी बुलडोजर से घर ढहाए जाने की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, राज्य सरकार से जवाब मांगा

खरगोन में रामनवमी के दिन हुई हिंसा के बाद सरकार की बुलडोजर कार्रवाई सवालों के घेरे में आती नजर आ रही है. ये मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. याचिकाकर्ता ने SIT गठन कर मामले की निष्पक्ष जांच कराये जाने की मांग की है. सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए मध्य प्रदेश सरकार सहित खरगोन जिला प्रशासन व अन्य लोगों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है (Khargoan violence)(Khargoan Bulldozer action issue in SC)

After Khargone violence demolition of the house by government bulldozer issue in Supreme Court
खरगोन हिंसा के बाद सरकारी बुलडोजर से घर ढहाए जाने का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट
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Published : Apr 30, 2022, 2:16 PM IST

Updated : Apr 30, 2022, 3:23 PM IST

नई दिल्ली/खरगोन। MP के खरगोन में रामनवमी पर हुई हिंसा के बाद शिवराज सरकार के बुलडोजर ने कई इमारतों को ढहा दिया. इन्हें एनक्रोचमेंट के दायरे में बताकर कार्रवाई की जद में लिया गया. मगर अब यह मामला देश के सर्वोच्च न्यायालय में पहुंच गया है. सुप्रीम कोर्ट (SC) में एक याचिका दाखिल कर तत्काल सरकारी अधिकारियों पर एक्शन की मांग की गई है. इसके साथ ही प्रॉपर्टी के नुकसान की भरपाई के लिए मुआवजा भी मांगा गया है. इस मामले में याचिका एडवोकेट एहतेशाम हाशमी, अदील अहदम ने दायर कर मुआवजा देने की मांग की है.

याचिका में रखे गये तथ्य : याचिका में जो तथ्य सामने रखे गए हैं उसके मुताबिक 10 अप्रैल की खरगोन के जामा मस्जिद के पास रामनवमी की शोभायात्रा पर पत्थरबाजी के बाद हुई हिंसा का जिक्र किया गया है. साथ ही यह भी कहा गया है कि शोभायात्रा के दौरान गाने बजाए गए, नारेबाजी हुई जिसकी वजह से हिंसा हुई. रामनवमी की रात दो पक्षों के बीच हिंसा हुई और बाद में इंदौर में एक व्यक्ति की लाश भी मिली. प्रशासन ने इस मामले में कार्रवाई के नाम पर अपराधियों के घरों और उनके प्रतिष्ठानों पर बुलडोजर चलवा दिया. तर्क दिया गया कि ये निर्माण अवैध थे और अतिक्रमण के दायरे में आते थे. मगर अब यही मामला शिवराज सरकार (Shivraj Singh Government MP) के गले की फांस बनता जा रहा है. बुलडोजर मामला अब SC की चौखट तक आ गया है.

जांच के लिए SIT गठन की मांग : मध्य-प्रदेश के खरगोन और सेंधवा में बुलडोजर से सरकारी अधिकारियों ने कार्रवाई की और आरोप तो यह भी लगे कि कई लोग जो काफी पहले से ही जेलों में बंद थे उन्हें भी आरोपी बनाकार उनकी संपत्ति को बुलडोज किया गया. इस पूरे मामले की अब निश्पक्ष जांच की मांग की गई है. साथ ही जिम्मेदार अफसरों पर कार्रवाई की मांग भी हो रही है. इस मामले में याचिकाकर्ता रजिया प्रशासन की मनमानी से खुद को परेशान और पीड़ित बताया है. मुस्तकीम समेत 6 लोगों ने SIT गठन की मांग SC से की है. व्यापारिक प्रतिष्ठानों और रिहायशी घरों के लिए उचित मुआवजे के आदेश राज्य सरकार को देने की भी मांग की गई है.

इस मामले में याचिकाकर्ताओं ने कहा है कि उनके उपर कार्रवाई एकतरफा थी और बिना नोटिस के सारा एक्शन लिया गया जो कानूनी रुप से अनुचित है. इस मामले में SC के रिटायर जज से SIT बनाकर जांच की मांग की गई है. (Khargoan violence)(Khargoan Bulldozer action issue in SC)

नई दिल्ली/खरगोन। MP के खरगोन में रामनवमी पर हुई हिंसा के बाद शिवराज सरकार के बुलडोजर ने कई इमारतों को ढहा दिया. इन्हें एनक्रोचमेंट के दायरे में बताकर कार्रवाई की जद में लिया गया. मगर अब यह मामला देश के सर्वोच्च न्यायालय में पहुंच गया है. सुप्रीम कोर्ट (SC) में एक याचिका दाखिल कर तत्काल सरकारी अधिकारियों पर एक्शन की मांग की गई है. इसके साथ ही प्रॉपर्टी के नुकसान की भरपाई के लिए मुआवजा भी मांगा गया है. इस मामले में याचिका एडवोकेट एहतेशाम हाशमी, अदील अहदम ने दायर कर मुआवजा देने की मांग की है.

याचिका में रखे गये तथ्य : याचिका में जो तथ्य सामने रखे गए हैं उसके मुताबिक 10 अप्रैल की खरगोन के जामा मस्जिद के पास रामनवमी की शोभायात्रा पर पत्थरबाजी के बाद हुई हिंसा का जिक्र किया गया है. साथ ही यह भी कहा गया है कि शोभायात्रा के दौरान गाने बजाए गए, नारेबाजी हुई जिसकी वजह से हिंसा हुई. रामनवमी की रात दो पक्षों के बीच हिंसा हुई और बाद में इंदौर में एक व्यक्ति की लाश भी मिली. प्रशासन ने इस मामले में कार्रवाई के नाम पर अपराधियों के घरों और उनके प्रतिष्ठानों पर बुलडोजर चलवा दिया. तर्क दिया गया कि ये निर्माण अवैध थे और अतिक्रमण के दायरे में आते थे. मगर अब यही मामला शिवराज सरकार (Shivraj Singh Government MP) के गले की फांस बनता जा रहा है. बुलडोजर मामला अब SC की चौखट तक आ गया है.

जांच के लिए SIT गठन की मांग : मध्य-प्रदेश के खरगोन और सेंधवा में बुलडोजर से सरकारी अधिकारियों ने कार्रवाई की और आरोप तो यह भी लगे कि कई लोग जो काफी पहले से ही जेलों में बंद थे उन्हें भी आरोपी बनाकार उनकी संपत्ति को बुलडोज किया गया. इस पूरे मामले की अब निश्पक्ष जांच की मांग की गई है. साथ ही जिम्मेदार अफसरों पर कार्रवाई की मांग भी हो रही है. इस मामले में याचिकाकर्ता रजिया प्रशासन की मनमानी से खुद को परेशान और पीड़ित बताया है. मुस्तकीम समेत 6 लोगों ने SIT गठन की मांग SC से की है. व्यापारिक प्रतिष्ठानों और रिहायशी घरों के लिए उचित मुआवजे के आदेश राज्य सरकार को देने की भी मांग की गई है.

इस मामले में याचिकाकर्ताओं ने कहा है कि उनके उपर कार्रवाई एकतरफा थी और बिना नोटिस के सारा एक्शन लिया गया जो कानूनी रुप से अनुचित है. इस मामले में SC के रिटायर जज से SIT बनाकर जांच की मांग की गई है. (Khargoan violence)(Khargoan Bulldozer action issue in SC)

Last Updated : Apr 30, 2022, 3:23 PM IST
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