खरगोन। जिले में अतिवृष्टि से किसानों की फसल बर्बाद हो गई थी, जिसके बाद अब किसानों को यूरिया रुलाने लगा है. ऐसे में खरगोन में प्रशासन की ओर से किसानों को एक पावती पर एक बोरी यूरिया ही दिया जा रहा है, जबकि किसानों को एक बोरी प्रति एकड़ की जरूरत है.
वहीं बिस्टान के एक किसान प्रकाश भावसार ने बताया कि मेरे यहां पर 11 एकड़ खेती में गेहूं बुआई कर रखी है, जिसकी एक पावती भी बनी हुई है और कहा कि उसे 11 बोरी यूरिया की जरूरत है और शासन एक पावती पर एक बोरी यूरिया दे रहा है, जो किसी काम का नहीं है. वहीं पानी के साथ साथ यूरिया चलता है, इस बार तो बर्बाद ही होना है. इस बार किसान को बर्बाद ही होना पड़ेगा. न कर्ज चुका पाएंगे न घर चला पाएंगे, पहले से कर्ज माफी के नाम पर हमारा कर्ज माफ नहीं हुआ है और उल्टे बैंको से नोटिस आ रहे है.
वहीं एक अन्य किसान जितेंद्र यादव ने बताया कि प्रदेश में यूरिया की कालाबाजारी के चलते किसानों को यूरिया आवश्यकता से कम मिल रहा है, जहां टीवी के माध्यम से पता चला है की कांग्रेस नेता के घर से साढे़ चार सौ बोरी यूरिया की पकड़ी है और पूरा ट्रक घर पर खाली करवा रखा था.