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अतिवृष्टि के बाद अब किसानों पर यूरिया की मार

खरगोन में अतिवृष्टि के बाद अब किसानों पर यूरिया की मार पड़ रही है, जहां किसानों को एक एकड़ प्रति बोरी खाद की जरूरत है, वहीं प्रशासन की ओर से एक पावती पर एक बोरी खाद दिया जा रहा है.

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अतिवृष्टि के बाद किसानों पर अब यूरिया की मार
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Published : Dec 14, 2019, 4:18 PM IST

खरगोन। जिले में अतिवृष्टि से किसानों की फसल बर्बाद हो गई थी, जिसके बाद अब किसानों को यूरिया रुलाने लगा है. ऐसे में खरगोन में प्रशासन की ओर से किसानों को एक पावती पर एक बोरी यूरिया ही दिया जा रहा है, जबकि किसानों को एक बोरी प्रति एकड़ की जरूरत है.

अतिवृष्टि के बाद किसानों पर अब यूरिया की मार


वहीं बिस्टान के एक किसान प्रकाश भावसार ने बताया कि मेरे यहां पर 11 एकड़ खेती में गेहूं बुआई कर रखी है, जिसकी एक पावती भी बनी हुई है और कहा कि उसे 11 बोरी यूरिया की जरूरत है और शासन एक पावती पर एक बोरी यूरिया दे रहा है, जो किसी काम का नहीं है. वहीं पानी के साथ साथ यूरिया चलता है, इस बार तो बर्बाद ही होना है. इस बार किसान को बर्बाद ही होना पड़ेगा. न कर्ज चुका पाएंगे न घर चला पाएंगे, पहले से कर्ज माफी के नाम पर हमारा कर्ज माफ नहीं हुआ है और उल्टे बैंको से नोटिस आ रहे है.


वहीं एक अन्य किसान जितेंद्र यादव ने बताया कि प्रदेश में यूरिया की कालाबाजारी के चलते किसानों को यूरिया आवश्यकता से कम मिल रहा है, जहां टीवी के माध्यम से पता चला है की कांग्रेस नेता के घर से साढे़ चार सौ बोरी यूरिया की पकड़ी है और पूरा ट्रक घर पर खाली करवा रखा था.

खरगोन। जिले में अतिवृष्टि से किसानों की फसल बर्बाद हो गई थी, जिसके बाद अब किसानों को यूरिया रुलाने लगा है. ऐसे में खरगोन में प्रशासन की ओर से किसानों को एक पावती पर एक बोरी यूरिया ही दिया जा रहा है, जबकि किसानों को एक बोरी प्रति एकड़ की जरूरत है.

अतिवृष्टि के बाद किसानों पर अब यूरिया की मार


वहीं बिस्टान के एक किसान प्रकाश भावसार ने बताया कि मेरे यहां पर 11 एकड़ खेती में गेहूं बुआई कर रखी है, जिसकी एक पावती भी बनी हुई है और कहा कि उसे 11 बोरी यूरिया की जरूरत है और शासन एक पावती पर एक बोरी यूरिया दे रहा है, जो किसी काम का नहीं है. वहीं पानी के साथ साथ यूरिया चलता है, इस बार तो बर्बाद ही होना है. इस बार किसान को बर्बाद ही होना पड़ेगा. न कर्ज चुका पाएंगे न घर चला पाएंगे, पहले से कर्ज माफी के नाम पर हमारा कर्ज माफ नहीं हुआ है और उल्टे बैंको से नोटिस आ रहे है.


वहीं एक अन्य किसान जितेंद्र यादव ने बताया कि प्रदेश में यूरिया की कालाबाजारी के चलते किसानों को यूरिया आवश्यकता से कम मिल रहा है, जहां टीवी के माध्यम से पता चला है की कांग्रेस नेता के घर से साढे़ चार सौ बोरी यूरिया की पकड़ी है और पूरा ट्रक घर पर खाली करवा रखा था.

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अतिवृष्टि के बाद अब किसानों पर यूरिया की मार पड़ रही है। किसानों को एक एकड़ प्रति बोरी खाद की जरूरत है। वही प्रशासन की ओर से एक पावती पर एक बोरी दिया जा रहा है।


Body:खरगोन जिले में कोई अतिवृष्टि से किसानों की फसल बर्बाद हो गई थी। जिसके बाद अब किसानों को यूरिया रुलाने लगा है। ऐसे खरगोन जिले के बिस्टान समिति में यूरिया लिखने को आया। जहां पर किसानों को एक पावती पर एक बोरी दिया जा रहा है। जबकि किसानों को एक बोरी प्रति एकड़ की जरूरत है। बिस्टान के किसान प्रकाश भावसार ने बताया कि मेरे यहां पर 11 एकड़ खेती में गेहू बुआई कर रखी है। जिसकी एक पावती की बनी हुई है। मुझे 11 बोरी यूरिया की जरूरत है। वहीं शासन एक पावती पर बोरी यूरिया दे रहा है। जो किसी काम का नहीं है। पानी के साथ साथ यूरिया चलता है। इस बार तो बर्बाद ही होना है। इस बार किसान को बर्बाद ही होना पड़ेगा। न कर्ज चुका पाएंगे न घर चला पाएंगे। पहले से कर्ज माफी के नाम पर हमारा कर्ज माफ नही हुआ उल्टे बैंको से नोटिस आ रहे है।
बाइट- प्रकाश भावसार किसान
वही एक अन्या किसान जितेंद्र यादव ने बताया कि कि प्रदेश में यूरिया की कालाबाजारी चलते किसानों को यूरिया आवश्यकता से कम मिल रहा है जिसका कारण टीवी के माध्यम से पता चला है कांग्रेस नेता के घर से साढे चार सौ बोरी यूरिया की पकड़ी है पूरा ट्रक का घर पर खाली करवा रखा था।
बाइट- जितेंद्र यादव किसान


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