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3 हजार करोड़ में बनेगा सबसे बड़ा फ्लोटिंग सोलर पैनल

खंडवा के ओंकारेश्वर में विश्व का सबसे बड़ा फ्लोटिंग सोलर प्रोजेक्ट आकार ले रहा है. इसके लिए ओमकारेश्वर बांध का चयन किया गया है. यहां कावेरी नदी के संगम पर 600 मेगावॉट क्षमता के फ्लोटिंग सोलर पैनल लगाए जाएंगे.

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Published : Jan 6, 2021, 7:54 AM IST

Updated : Jan 6, 2021, 8:35 AM IST

Floating solar plant
फ्लोटिंग सोलर प्लांट

खंडवा। मध्य प्रदेश में विश्व का सबसे बड़ा पानी पर तैरने वाला सोलर प्लांट (फ्लोटिंग सोलर पैनल ) स्थापित करने की तैयारी की जा रही है. पानी पर तैरने वाली सोलर एनर्जी प्लांट के लिए ओंकारेश्वर बांध का चयन किया गया है. यहां कावेरी नदी के संगम पर 600 मेगावॉट क्षमता के फ्लोटिंग सोलर पैनल लगाए जाएंगे. इससे गुणवत्तापूर्ण बिजली मिलने के साथ ही जलाशय के पानी का वाष्पीकरण भी रुकेगा. इस योजना के जरिए दिसंबर 2022 तक प्रदेश सरकार 4500 मेगावॉट सोलर ऊर्जा का लक्ष्य रखा है.

Omkareshwar Dam
ओंकारेश्वर बांध

मध्य प्रदेश का पहला फ्लोटिंग प्लांट ऊर्जा

3000 करोड़ रुपए की लागत से तैयार हो रहे इस फ्लोटिंग सोलर पैनल को इंटरनेशनल फाइनेंस कॉरपोरेशन वर्ल्ड बैंक और पावर ग्रिड के सहयोग से बनाया जाएगा. जिसमें छह 600 मेगावाट बिजली बनेगी. जिसके लिए केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है. पानी में तैरते इस सोलर प्लांट की परियोजना में लगभग 2 साल का समय लगेगा. जिसके बाद संभावना व्यक्त की जा रही है कि यहां से विद्युत का उत्पादन हो सकेगा. नवीन एवं नवीनीकरण ऊर्जा मंत्री हरदीप सिंह डंग ने इस बारे में बताया कि इसी माह पावर ग्रिड द्वारा परियोजना क्षेत्र से खंडवा सब स्टेशन तक ट्रांसमिशन लाइन रोड का सर्वे शुरू किया जाएगा.

Omkareshwar Dam
ओंकारेश्वर बांध

3 हजार रुपये करोड़ की लागत से बनेगा सोलर प्लांट

मध्य प्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी द्वारा परियोजना से 400 मेगावाट बिजली खरीदने के लिए सहमति दी जा चुकी है. केरल के वायनाड में 105 मेगावाट क्षमता का तैरता सोलर प्लांट पहले से स्थापित है, लेकिन ओम्कारेश्वर में बनने वाला यह सोलर प्लांट लगभग 600 मेगावाट क्षमता का रहेगा. बैक वाटर में फ्लोटिंग सोलर पैनल लगभग 2000 हेक्टेयर जल क्षेत्र सोलर पैनल लगाकर बिजली का उत्पादन किया जाएगा. बांध का जलस्तर कम या ज्यादा होने पर ये ऑटोमेटेकली एडजस्ट होता रहेगा. तेज लहरों से भी इनपर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ेगा. 600 मेगावाट की इस परियोजना में लगभग 25 लाख प्लेटे लगाना संभावित है. जिसकी लागत 3 हजार करोड रुपए आंकी जा रही है.

खंडवा। मध्य प्रदेश में विश्व का सबसे बड़ा पानी पर तैरने वाला सोलर प्लांट (फ्लोटिंग सोलर पैनल ) स्थापित करने की तैयारी की जा रही है. पानी पर तैरने वाली सोलर एनर्जी प्लांट के लिए ओंकारेश्वर बांध का चयन किया गया है. यहां कावेरी नदी के संगम पर 600 मेगावॉट क्षमता के फ्लोटिंग सोलर पैनल लगाए जाएंगे. इससे गुणवत्तापूर्ण बिजली मिलने के साथ ही जलाशय के पानी का वाष्पीकरण भी रुकेगा. इस योजना के जरिए दिसंबर 2022 तक प्रदेश सरकार 4500 मेगावॉट सोलर ऊर्जा का लक्ष्य रखा है.

Omkareshwar Dam
ओंकारेश्वर बांध

मध्य प्रदेश का पहला फ्लोटिंग प्लांट ऊर्जा

3000 करोड़ रुपए की लागत से तैयार हो रहे इस फ्लोटिंग सोलर पैनल को इंटरनेशनल फाइनेंस कॉरपोरेशन वर्ल्ड बैंक और पावर ग्रिड के सहयोग से बनाया जाएगा. जिसमें छह 600 मेगावाट बिजली बनेगी. जिसके लिए केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है. पानी में तैरते इस सोलर प्लांट की परियोजना में लगभग 2 साल का समय लगेगा. जिसके बाद संभावना व्यक्त की जा रही है कि यहां से विद्युत का उत्पादन हो सकेगा. नवीन एवं नवीनीकरण ऊर्जा मंत्री हरदीप सिंह डंग ने इस बारे में बताया कि इसी माह पावर ग्रिड द्वारा परियोजना क्षेत्र से खंडवा सब स्टेशन तक ट्रांसमिशन लाइन रोड का सर्वे शुरू किया जाएगा.

Omkareshwar Dam
ओंकारेश्वर बांध

3 हजार रुपये करोड़ की लागत से बनेगा सोलर प्लांट

मध्य प्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी द्वारा परियोजना से 400 मेगावाट बिजली खरीदने के लिए सहमति दी जा चुकी है. केरल के वायनाड में 105 मेगावाट क्षमता का तैरता सोलर प्लांट पहले से स्थापित है, लेकिन ओम्कारेश्वर में बनने वाला यह सोलर प्लांट लगभग 600 मेगावाट क्षमता का रहेगा. बैक वाटर में फ्लोटिंग सोलर पैनल लगभग 2000 हेक्टेयर जल क्षेत्र सोलर पैनल लगाकर बिजली का उत्पादन किया जाएगा. बांध का जलस्तर कम या ज्यादा होने पर ये ऑटोमेटेकली एडजस्ट होता रहेगा. तेज लहरों से भी इनपर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ेगा. 600 मेगावाट की इस परियोजना में लगभग 25 लाख प्लेटे लगाना संभावित है. जिसकी लागत 3 हजार करोड रुपए आंकी जा रही है.

Last Updated : Jan 6, 2021, 8:35 AM IST
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