खंडवा। महाशिवरात्रि के पर्व पर जहां देश भर के मंदिरों और घरों में लोग महादेव व मां पार्वती के विवाह उत्सव की खुशियां मना रहे थे, वहीं दूसरी तरफ मध्यप्रदेश के खंडवा में भी एक अनोखी शादी देखने मिली. इस विवाह ने न केवल समाज में संदेश दिया बल्कि पति-पत्नी के अटूट रिश्ते की नींव भी रखी. इस विवाह की खासियत यह है कि यह किसी मैरिज गार्डन, होटल, घर या मंदिर में नहीं बल्कि अस्पताल में हुई है. जहां स्ट्रेचर पर लेटे हुई दुल्हन की मांग मंडप पर बैठे दूल्हे ने भरी और हाथों को थाम कर सभी रीति रिवाजों को पूरा किया.
अस्पताल स्टाफ बना शादी का गवाह: इस अनोखी शादी का गवाह अस्पताल का स्टाफ और दूल्हा दुल्हन का परिवार बना. उज्जैन के भेरूघाट में रहने वाले राजेंद्र चौधरी खंडवा के एक निजी अस्पताल में भर्ती दुल्हन शिवानी को वरमाला पहनाई है. दरअसल राजेंद्र का विवाह जुलवानिया की शिवानी से तय हुआ था. दूल्हा-दुल्हन दोनों के परिवार के लोग और रिश्तेदार खंडवा जिले के भगवानपुरा के रहने वाले हैं. इसलिए दोनों की शादी खंडवा के पड़वा क्षेत्र स्थित धर्मशाला में हुई थी.
16 फरवरी को होना थी शादी: जहां 16 फरवरी को दोनों फेरे लेने वाले थे, लेकिन उसके पहले 13 फरवरी को शिवानी को किसी अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी. हादसा उस समय हुआ जब शिवानी अपने घर से दुकान पर कुछ सामान लेने जा रही थी. इस हादसे में शिवानी का एक पैर और हाथ बुरी तरह से जख्मी हो गया है. उसे परिवार ने बड़वानी के जिला अस्पताल में भर्ती कराया था. यहां इलाज को लेकर संतुष्ट नहीं होने पर परिवार शिवानी को खंडवा ले आया. यहां अवस्थी चौराहे पर स्थित उसे अस्पताल में भर्ती किया गया था.
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बेड को मंडप की तरह सजाया: अस्पताल में शादी की तैयारियां सुबह से शुरु हो गई थी. यहां जनरल वार्ड में भर्ती शिवानी को दुल्हन का जोड़ा पहनाया गया. जेठानी मंजू ने अपने हाथों से उसे तैयार किया. उसका मेकअप कर गहने पहनाये. इसके साथ ही परिवार के लोगों ने बेड को एक मंडप की तरह सजा दिया. इसके बाद दोपहर 12:30 से 1:00 के बीच के मुहूर्त में पंडित ने राजेंद्र और शिवानी को विवाह बंधन में बांधा. राजेंद्र ने पहले शिवानी को माला पहनाई. शिवानी ने भी एक हाथ से दूल्हे को माला पहनाई. इसके साथ ही शिवानी की मांग भर दी. शादी के बाद दोनों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. परिवार के लोगों ने तालियां बजाकर शादी का अभिवादन किया. वहीं शिवानी की सास ने कहा कि हमारे परिवार ने बहू और बेटी में कोई अंतर नहीं माना है.