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खंडवा जेल तोड़कर भागा, पुलिस को भी नहीं बख्शा.. अब कानून ने ऐसे सिखाया सिमी के मास्टर माइंड अबू फैजल को पाठ

Simi Chief Sentenced To Life Imprisonment: खंडवा में पुलिसकर्मियों पर हमले के मामले में सिमी प्रमुख को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है.

SIMI chief sentenced to life imprisonment
खंडवा जेल ब्रेक मामले में सिमी प्रमुख को उम्रकैद की सजा
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Dec 8, 2023, 6:45 AM IST

Updated : Dec 8, 2023, 8:00 AM IST

खंडवा। खंडवा जेल ब्रेक के बाद पुलिसकर्मियों पर हमले के मामले में भोपाल की एक एनआईए अदालत ने गुरुवार को प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) की मध्य प्रदेश इकाई के प्रमुख अबू फैजल को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. बता दें कि अबू फैसल 2013 में खंडवा में हुए जेलब्रेक के पीछे का मास्टरमाइंड है.

2 साल की सजा के साथ 10 हजार रुपये का जुर्माना: एनआईए कोर्ट के न्यायाधीश रघुवीर प्रसाद पटेल ने अबू फैसल को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 307 (हत्या का प्रयास), 395 (डकैती के लिए), 397 (डकैती या डकैती के लिए घातक हथियार का उपयोग करना) के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसी मामले में आईपीसी की धारा 332 के तहत उसे दो साल की सजा भी सुनाई गई है. इसके अलावा अबू फैसल को भी 10,000 रुपये के जुर्माने से दंडित किया गया है.Khandwa Jail Break Case

क्या था मामला: जब अबू और उसके साथियों को जेल में बंद किया गया तो अक्टूबर 2013 को अबू और उसके 5 कैदी साथी खंडवा जेल की 14 फीट की दीवार को पार करके भाग गए. भागने के कुछ घंटों बाद तक अधिकारियों को इसके बारे में कोई जानकारी नहीं थी. हालांकि एक कैदी ने अगले दिन आत्मसमर्पण कर दिया था, बाद में फैजल दिसंबर में मध्य प्रदेश के बड़वानी से पकड़ा गया. इसके अलावा अबू के साथी 2016 में एक मुठभेड़ में मारे गए थे.

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क्या है सिमी: इस साल जनवरी में सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान कहा था कि सिमी जो 25 अप्रैल 1977 को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में जमात-ए-इस्लामी-हिंद (जेईआईएच) में विश्वास रखने वाले युवाओं और छात्रों के संगठन के रूप में काम करता था, जिसने 1993 में खुद को स्वतंत्र घोषित कर दिया था.

खंडवा। खंडवा जेल ब्रेक के बाद पुलिसकर्मियों पर हमले के मामले में भोपाल की एक एनआईए अदालत ने गुरुवार को प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) की मध्य प्रदेश इकाई के प्रमुख अबू फैजल को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. बता दें कि अबू फैसल 2013 में खंडवा में हुए जेलब्रेक के पीछे का मास्टरमाइंड है.

2 साल की सजा के साथ 10 हजार रुपये का जुर्माना: एनआईए कोर्ट के न्यायाधीश रघुवीर प्रसाद पटेल ने अबू फैसल को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 307 (हत्या का प्रयास), 395 (डकैती के लिए), 397 (डकैती या डकैती के लिए घातक हथियार का उपयोग करना) के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसी मामले में आईपीसी की धारा 332 के तहत उसे दो साल की सजा भी सुनाई गई है. इसके अलावा अबू फैसल को भी 10,000 रुपये के जुर्माने से दंडित किया गया है.Khandwa Jail Break Case

क्या था मामला: जब अबू और उसके साथियों को जेल में बंद किया गया तो अक्टूबर 2013 को अबू और उसके 5 कैदी साथी खंडवा जेल की 14 फीट की दीवार को पार करके भाग गए. भागने के कुछ घंटों बाद तक अधिकारियों को इसके बारे में कोई जानकारी नहीं थी. हालांकि एक कैदी ने अगले दिन आत्मसमर्पण कर दिया था, बाद में फैजल दिसंबर में मध्य प्रदेश के बड़वानी से पकड़ा गया. इसके अलावा अबू के साथी 2016 में एक मुठभेड़ में मारे गए थे.

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क्या है सिमी: इस साल जनवरी में सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान कहा था कि सिमी जो 25 अप्रैल 1977 को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में जमात-ए-इस्लामी-हिंद (जेईआईएच) में विश्वास रखने वाले युवाओं और छात्रों के संगठन के रूप में काम करता था, जिसने 1993 में खुद को स्वतंत्र घोषित कर दिया था.

Last Updated : Dec 8, 2023, 8:00 AM IST
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