खंडवा। मध्यप्रदेश के खंडवा जिले में सैलानी बाबा की दरगाह पर भूतों को मेला लगा हुआ है. लोग इसे भूतों की अदालत के नाम से भी जानते हैं. 5 दिनों के लिए धुलेंडी से रंग पंचमी तक बाबा की अदालत यहां हर साल लगती है. न कोई तंत्र और न कोई मंत्र, न ही किसी तरह की झाड़ फूंक दरगाह की जाली पकड़ते ही भूत चिखने चिल्लाने लगते हैं. उनकी डरवानी आवाजें लोगों की रूह कपा देती है. "बाबा छोड़ दो, मत मारों, अब नहीं सताएंगे, दूर चले जाएगें, किसी झाड़ में रह लेंगे, लेकिन हमें अब छोड़ दो." इस तरह से चीख पुकार यहां हो रही है. बेसूध होने पर साथ आए परिवार के लाेग उन्हें संभालते हुए भी नजर आए. होश आते ही फिर से चीख पुकार और गुहार का दौर शुरू हो जाता है.
5 दिन तक चलता है भूतों का मेला: शहर से करीब 25 किमी दूर जामली सैय्यद गांव के पास सैलानी बाबा की दरगाह है जो 80 साल पुरानी बताई जाती है. इस मेले की खास बात ये है कि, यहां आने वाले अधिकांश लोग प्रेतबाधाओं को दूर करने के लिए आते हैं. 5 दिनों में यहां आने वालों की संख्या हजारों में होती है. कोई दरगाह में चादर लेकर आया तो कोई यहां अपनी मन्नत पूरी होने पर पहुंचा. दरगाह कमेटी के अनवर खान ने बताया कि, साल में एक बार धुलेंडी से पंचमी तक मेला लगता है. लोग टेंट लगाकर यहां 5 दिनों तक रहते हैं.
प्रेत बाधा पीड़ितों ने लगाई गुलाटी: दरगाह के बाहर मैदान में भी प्रेत बाधा से पीड़ित लोग गुलाटी खाते हुए अपना सिर जमीन पर पटकते नजर आए. कुछ ऐसे भी थे जो दरगाह के बाहर बैठकर हाजरी देते रहे, इनमें महिलाएं, युवतियां, नाबालिग और पुरुष थे. उनके शांत होने पर परिवार का एक व्यक्ति सिर के उपर निंबू काटता रहा, इस तरह का सिलसिला पूरे समय बना रहा.
इनका यह है कहना: बाबई निवासी सोनू बामने ने बताया कि, उसपर किसी ने जादू टोना कर दिया था जिसके बाद उसने नागपूर, जलगांव, इंदौर के अस्पतालों में दिखाया. डॉक्टर ने जांच की, लेकिन कुछ नहीं निकला. 4 साल से दरगाह आ रहा हूं और यहां आने के बाद उसकी तबीयत ठीक हो गई. हरदा निवासी विनोद मंसूरे ने बताया कि, मेरे बड़े भाई के घर बेटा नहीं हो रहा था, इसके लिए बाबा से मन्नत मांगी थी. बाबा की कृपा से बेटा हुआ है. मन्नत पूरी होने पर दरगाह आए हैं.