खंडवा। मांधाता विधानसभा उपचुनाव को लेकर बीजेपी और कांग्रेस के राजनीतिक गलियारे में दावेदारी के लिए हलचल तेज हो गई है. साथ ही कोरोना से हटकर माहौल राजनीतिक होने लगा है, वहीं भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशियों के साथ कई निर्दलीय भी मैदान में उतरने की तैयारी में लगे हुए हैं. कांग्रेस के पूर्व विधायक नारायण पटेल कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए हैं, और उनके समर्थक भाजपा में गए या नहीं यह आने वाला चुनाव का परिणाम ही बताएगा.
वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए दोनों पार्टी के कार्यकर्ता अपना मुंह खोलने से बच रहे हैं और समय आने पर अपने पत्ते खोलने की बात कह रहे हैं, वहीं बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टी के कार्यकर्ता अचानक नारायण पटेल के पाला बदलने से कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं है. बीजेपी से नारायण पटेल को टिकट मिला तो उनकी जीत में उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ भाजपा के कार्यकर्ता भी रोड़े बन सकते हैं, और उन्हें हार का सामना करना पड़ सकता है. वहीं इसका सीधा फायदा कांग्रेस प्रत्याशी को मिल सकता है इस परिस्थिति को देखते हुए कांग्रेसी प्रत्याशी जीत सकता है, लेकिन वहीं अगर भाजपा से किसी अन्य को टिकट मिला तो वह कांग्रेस प्रत्याशी को कड़ी टक्कर दे सकता है. यह निर्णय पार्टी पर ही निर्भर करता है कि वह किसको टिकट देगी और जीत का ताज किसके माथे सजेगा. वहीं दोनों ही पार्टी के कार्यकर्ताओं को कड़ी मेहनत कर जनता का विश्वास जीतना पड़ेगा.
वहीं अगर राजनीतिक हवा का रुख देखा जाए तो भाजपा के पक्ष में है, लेकिन यदि उचित प्रत्याशी का चयन ना हुआ तो राजनीतिक हवा का उल्टा परिणाम भी हो सकता है. यही स्थिति कांग्रेस की भी है कांग्रेस के कार्यकर्ता नारायण पटेल के बीजेपी में जाने से मानसिक रूप से आहत हैं और अपने को ठगा सा महसूस कर रहे हैं. कांग्रेस को उम्मीदवार चयन में सावधानी बरतनी होगी कुछ नेताओं के निष्कासन एवं पार्टी में लेने का खेल भी अब चलने लगा है जो राजनीतिक गणित को बिगाड़ सकता है.
बीजेपी में उम्मीदवारों की लगी लाइन..
मांधाता क्षेत्र में भाजपा से उम्मीदवारों की सूची बहुत लंबी होती जा रही है....
सबसे पहले नंबर..
कांग्रेस से त्यागपत्र देकर भाजपा में शामिल हुए पूर्व विधायक नारायण पटेल की उम्मीदवारी सबसे ज्यादा मजबूत दिखाई दे रही है. लोगों का मानना है कि जब उन्होंने विधायक पद से त्यागपत्र देकर भाजपा में सदस्यता ली तो सबसे पहला अधिकार उम्मीदवारी मांगने का उनका ही होगा.
दूसरे नंबर पर...
मांधाता विधानसभा क्षेत्र के सबसे मजबूत उम्मीदवार के रूप में केल्हारी निवासी नरेंद्र सिंह तोमर के नाम की चर्चा पूरे मांधाता क्षेत्र में हो रही है. ज्ञात रहे तोमर पिछला विधानसभा चुनाव मात्र 1 हजार 2 सौ वोट से हारे थे.
तीसरे नंबर पर..
मुंदी नगर परिषद में दो कार्यकाल तक अध्यक्ष रहे पिछड़ा वर्ग का प्रतिनिधित्व करने वाले युवा और मिलनसार भाजपा नेता संतोष राठौर के नाम की चर्चा क्षेत्र में जोरों पर चल रही है. राठौड़ अल्पसंख्यक वर्ग में जबरदस्त पकड़ रखते हैं.
चौथे नंबर पर..
रिछफल निवासी पूर्व विधायक स्वर्गीय लोकेंद्र सिंह तोमर (विकास पुरुष) के पुत्र क्षेत्र से चार बार विधायक रहे हैं राणा रघुराज सिंह तोमर के पौत्र एवं युवा नेता विजय बहादुर सिंह उर्फ लाला के नाम की भी क्षेत्र में काफी चर्चाएं हैं.
पांचवें नंबर पर....
क्षेत्र में युवा नेता व गुर्जर खेड़ी निवासी दिग्विजय सिंह तोमर के नाम की भी उम्मीदवारी को लेकर खूब चर्चा सुनाई दे रही हैं. यह राजपूत वोटों का ध्रुवीकरण कर सकते हैं जबकि गुर्जर मतदाताओं पर भी उनकी मजबूत पकड़ है.
छठे नंबर पर...
एक नये चेहरे के रूप में खंडवा के युवा नेता हर्षवर्धन सिंह चौहान के नाम की भी चर्चा क्षत्र में चल रही हैं. हालांकि उम्मीदवारी की लाइन में है या नहीं यह कहा जाना मुश्किल है.
सातवे नंबर पर...
मांधाता क्षेत्र में सांसद प्रतिनिधि गोविंद सिंह तोमर का नाम है, जो क्षेत्र में अपना अच्छा खासा वजूद रखते हैं और नंदू भैया के विश्वासपात्र हैं. ऐसे में उनको टिकट मिलता है तो कोई आश्चर्य नहीं होगा.