खंडवा/जबलपुर। 14 साल की नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने के मामले में मंगलवार को खंडवा कोर्ट का बड़ा फैसला आया है. दोषी पाए युवक को 25 साल तक जेल में रहना होगा. मंगलवार को विशेष न्यायालय न्यायाधीश प्राची पटेल ने यह सजा दी है. सजा के साथ उस पर सात हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. जबलपुर में बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार टीआई संदीप अयाची को हाईकोर्ट से राहत मिली है. हाईकोर्ट जस्टिस डी के पालीवाल ने पाया आरोपी टीआई को जमानत का लाभ प्रदान किया है.
खंडवा में युवक ने 25 साल का कारावास: पदमनगर थाने में 14 वर्षीय बालिका के पिता ने दिसंबर 2021 में अपहरण का प्रकरण दर्ज कराया था. पिता का कहना था कि उनकी बेटी का अपहरण हुआ है. पुुलिस द्वारा अपहरण का केस दर्ज कर बालिका की तलाश शुरु की. 14 दिसंबर को पुलिस को जानकारी मिली की नाबालिग होशंगाबाद जिले के सिवनी बनापुरा में है. इसके बाद पदमनगर थाने से पुलिसकर्मी सिवनी बनापुरा पहुंचे. यहां रेलवे गेट के पास स्थित वेयर हाउस के पास पहुंचे. यहां बच्ची आरोपी हरिओम निवासी ग्राम जिरवन के साथ मिली थी. दोनों को पदमनगर थाने लाया गया. यहां बच्ची ने पुलिस को बताया कि दीपक उसे शादी करने के लिए बाइक पर बैठाकर सिवनी बनापुरा ले आया था. यहां उसने उसके साथ शादी की. इसके बाद किराए का मकान लेकर उसे वहां रखा. यहां उसके साथ उसने दुष्कर्म किया. पदमनगर पुलिस ने दीपक पर दुष्कर्म सहित गंभीर धाराओं में प्रकरण दर्ज किया था. मामले में अभियोजन की ओर से सहायक लोक अभियोजन अधिकारी रूपेश तमोली ने पैरवी की थी. कोर्ट ने आरोपी को युवक को 25 साल सश्रम कारावास व 7000 रूपये अर्थदण्ड लगाया गया. धारा 366 भादवि में 3 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 2000 रूपये अर्थदण्ड से दण्डित किया गया.
नाबालिग के साथ दुष्कर्म के दो आरोपियों को कोर्ट ने सुनाई सजा, 30 साल की जेल
जबलपुर में टीआई को मिली जमानत: जबलपुर में बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार टीआई संदीप अयाची को हाईकोर्ट ने राहत मिली है. हाईकोर्ट जस्टिस डीके पालीवाल ने पाया आरोपी टीआई को जमानत का लाभ प्रदान किया है. गौरतलब है कि कटनी में पदस्थ टीआई संदीप अयाची के खिलाफ महिला आरक्षक ने शादी का प्रलोभन देकर बलात्कार करने की शिकायत महिला थाने जबलपुर में दर्ज कराई थी. महिला आरक्षक का आरोप था साल 2018 में गोरखपुर थाने में पदस्थापना के दौरान वह थाना प्रभारी के करीब आई थी. जिसके बाद वह शादी का प्रलोभन देकर उसके साथ दुराचार करता रहा. पुलिस ने पीड़िता की शिकायत पर टीआई के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया था.अग्रिम जमानत आवेदन खारिज होने के बाद आरोपी टीआई ने सरेंडर कर दिया था. आरोपी टीआई सितंबर माह से न्यायिक अभिरक्षा में है. पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान पीडिता द्वारा न्यायालय को अशोभनीय भाषा में पत्र लिखने का मामला सामने आया था. एकलपीठ के सामने आकर पीडिता ने किसी प्रकार का पत्र लिखने से इंकार कर दिया था. एकलपीठ ने न्यायालय को प्राप्त हुए दो पत्रों की जांच के निर्देश दिये थे. जांच के पत्र फर्जी पाये गये और पुलिस ने उक्त मामले में प्रकरण दर्ज किया था. एकलपीठ ने सुनवाई के बाद याचिकाकर्ता को जमानत का लाभ प्रदान किया है.