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बदहाली के आंसू रो रहा है इंडोर स्टेडियम, दो सालों से लगा है ताला

खेल प्रतिभाओं के निखारने के उद्देश्य से बनाया गया उत्कृष्ट विद्यालय परिसर में इंडोर स्टेडियम अब अपनी बदहाली के आंसू बहा रहा है. आलम ये है कि यहां की खिड़कियों के कांच असामाजिक तत्वों की वजह से और देखरेख नहीं होने से टूट चुके हैं. टॉयलेट खराब हो चुकी हैं.

इंडोर स्टेडियम की बदहाली
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Published : Jun 2, 2019, 8:20 AM IST

खंडवा। डेढ़ करोड से ज्यादा की लागत से बना इंडोर स्टेडियम प्रशासन की लापरवाही और अनदेखी की शिकार हो रहा है. विभाग और स्कूल प्रशासन की आपसी रस्साकसी और लापरवाही के चलते 2 साल से बीत जाने के बावजूद भी इसे खेल प्रतिभागियों के लिए खोला नही गया.

इंडोर स्टेडियम की बदहाली

खेल प्रतिभाओं के निखारने के उद्देश्य से बनाया गया उत्कृष्ट विद्यालय परिसर में इंडोर स्टेडियम अब अपनी बदहाली के आंसू बहा रहा है. आलम ये है कि यहां की खिड़कियों के कांच असामाजिक तत्वों की वजह से और देखरेख नहीं होने से टूट चुके हैं. टॉयलेट खराब हो चुकी हैं.

शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इंडोर स्टेडियम उत्कृष्ट विद्यालय प्रशासन के अंतर्गत आता हैं. जब उत्कृष्ट विद्यालय के प्राचार्य आर के सेन से बात की तो उन्होंने कहा कि औपचारिक तौर पर हैंडओवर नहीं हुआ है इसलिए उनके द्वारा स्टेडियम का रखराव नहीं हुआ है.

इंडोर स्टेडियम की बदहाली

खंडवा की खेल प्रतिभाओं को निखारने के उद्देश्य से इंडोर स्टेडिय बनाया गया था. इसके माध्यम से जिले की खेल प्रतिभागी संभाग और राज्य स्तर की स्पर्द्धाओं की तैयारियां के लिए बेहतर संसाधन मुहैया कराया जाना था. यहां टेबल टेनिस, बैडमिंटन, कैरम, शतरंज ताइक्वांडो, बॉक्सिंग, कुश्ती, सहित इंडोर गेम्स खेले जा सकते हैं.

खंडवा। डेढ़ करोड से ज्यादा की लागत से बना इंडोर स्टेडियम प्रशासन की लापरवाही और अनदेखी की शिकार हो रहा है. विभाग और स्कूल प्रशासन की आपसी रस्साकसी और लापरवाही के चलते 2 साल से बीत जाने के बावजूद भी इसे खेल प्रतिभागियों के लिए खोला नही गया.

इंडोर स्टेडियम की बदहाली

खेल प्रतिभाओं के निखारने के उद्देश्य से बनाया गया उत्कृष्ट विद्यालय परिसर में इंडोर स्टेडियम अब अपनी बदहाली के आंसू बहा रहा है. आलम ये है कि यहां की खिड़कियों के कांच असामाजिक तत्वों की वजह से और देखरेख नहीं होने से टूट चुके हैं. टॉयलेट खराब हो चुकी हैं.

शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इंडोर स्टेडियम उत्कृष्ट विद्यालय प्रशासन के अंतर्गत आता हैं. जब उत्कृष्ट विद्यालय के प्राचार्य आर के सेन से बात की तो उन्होंने कहा कि औपचारिक तौर पर हैंडओवर नहीं हुआ है इसलिए उनके द्वारा स्टेडियम का रखराव नहीं हुआ है.

इंडोर स्टेडियम की बदहाली

खंडवा की खेल प्रतिभाओं को निखारने के उद्देश्य से इंडोर स्टेडिय बनाया गया था. इसके माध्यम से जिले की खेल प्रतिभागी संभाग और राज्य स्तर की स्पर्द्धाओं की तैयारियां के लिए बेहतर संसाधन मुहैया कराया जाना था. यहां टेबल टेनिस, बैडमिंटन, कैरम, शतरंज ताइक्वांडो, बॉक्सिंग, कुश्ती, सहित इंडोर गेम्स खेले जा सकते हैं.

Intro:खंडवा - पूर्वी निमाड़ की प्रतिभाओं को उभारने के उद्देश्य से साल 2016 में डेढ़ करोड़ से अधिक लागत से बनाए गया इंडोर स्टेडियम प्रशासन की लापरवाही और अनदेखी का शिकार हैं। वर्तमान में इस स्टेडियम की स्थिति देखकर यह अंदाजा लगाया जा सकता हैं कि आखिर क्यों प्रदेश की खेल प्रतिभाओं को वो मुकाम नहीं मिल पाता जिसके वे हकदार हैं। बदहाली की एक बानगी खंडवा के उत्कृष्ट विद्यालय परिसर में बने इंडोर स्टेडियम में देखने को मिली देखिए पूरी रिपोर्ट........।


Body:दरअसल साल 2016 में राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के अंतर्गत 1 करोड़ 60 लाख की लागत से बने इस स्टेडियम को खंडवा की खेल प्रतिभाओं को निखारने के उद्देश्य से बनाया गया था। इसके माध्यम से जिले की खेल प्रतिभागी संभाग और राज्य स्तर की स्पर्द्धाओं की तैयारियां के लिए बेहतर संसाधन मुहैया कराया जाना था। यहां टेबल टेनिस, बैडमिंटन, कैरम, शतरंज ताइक्वांडो, बॉक्सिंग, कुश्ती, सहित इंडोर गेम्स खेले जा सकते हैं। लेकिन प्रशासन इसे लेकर कितना संजीदा हैं ये वर्तमान में इसकी हालात देखकर स्पष्ट हो जाता हैं। यहां की खिड़कियों के काँच असामाजिक तत्वों की वजह से और देखरेख नही होने से टूट चुके हैं। टॉयलेट खराब हो चुकी हैं। ईटीवी भारत ने जब इसे लेकर शिक्षा विभाग के जिला अधिकारी जे एल रघुवंशी से बात की तो पता चला वे छुट्टी पर हैं। जिसके बाद विभाग के अन्य अधिकारियों से जानकारी ली गई तो उन्होंने कहा कि ये इंडोर स्टेडियम उत्कृष्ट विद्यालय प्रशासन के अंतर्गत आता हैं। वहीं इस पर जब उत्कृष्ट विद्यालय के प्राचार्य आर के सेन से बात की तो उन्होंने गेंद शिक्षा विभाग के पाले में डाल दी उनका कहना था कि हमें इसे औपचारिक तौर पर सौंपा नही गया हैं। जब तक हमें इसे सौंपा नही जाता हम इसका रखरखाव भी नही कर सकते। हम ये चाहते हैं कि शिक्षा विभाग हमें इसे हैंडओवर करे ताकि हमारे स्कूल के यहां के बच्चे यहां प्रैक्टिस करें ।


Conclusion:विभाग और स्कूल प्रशासन की आपसी रस्साकसी और लापरवाही के कारण 2 साल से अधिक समय बीत जाने के बावजूद भी इसे खेल प्रतिभागियों के लिए खोला नही गया। यहां तक कि हैंडओवर को लेकर ही स्थिति साफ नही हुई हैं। और दोनों ने ही इसमें रुचि नही दिखाई। बहरहाल अब देखना होगा प्रशासन अपनी कुम्भकर्णी नींद से कब तक जागता हैं।

bite - आर.के.सेन, प्राचार्य उत्कृष्ट विद्यालय खंडवा
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