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खंडवाः ग्रामीण डाक सेवकों की हड़ताल, 4 घंटे की जगह 8 घंटे ड्यूटी देकर पूरा वेतन देने की कर रहे मांग

खंडवा पोस्ट ऑफिस के कर्मचारियों ने हड़ताल शुरू कर दी है. डाक कर्मचारियों का कहना है कि केंद्र सरकार हमें सिर्फ 4 घंटे की ड्यूटी देती है लेकिन हम पूरे दिन काम करते हैं. ऐसे में हमें 8 घंटे का ड्यूटी देकर उतना ही वेतन दिया जाना चाहिए.

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Published : Nov 7, 2020, 10:47 AM IST

Gramin Dak Sevaks strike
ग्रामीण डाक सेवकों ने की हड़ताल

खंडवा। जिले के सभी ग्रामीण डाक सेवकों ने शुक्रवार को एक दिन के लिए खंडवा पोस्ट ऑफिस में हड़ताल की. डाक सेवकों ने केंद्र सरकार से 8 घंटे का काम और वेतन को लेकर हड़ताल की. जिलेभर के ग्रामीण डाक सेवक शुक्रवार को पोस्ट ऑफिस में एक साथ धरने पर बैठ गए, खंडवा जिले के लगभग 1,200 डाक कर्मी कार्यरत हैं.

ग्रामीण डाक सेवकों की हड़ताल

प्रमुख कर्मचारियों ने यहां धरना दिया है. डाक कर्मचारियों के संभागीय सचिव धनसिंह तोमर ने बताया कि डाक कर्मचारियों द्वारा लंबे समय से 8 घंटे की ड्यूटी की मांग की जा रही है, जबकि केंद्र सरकार हमें सिर्फ 4 घंटे की ड्यूटी देती है, लेकिन हम पूरे दिन काम करते हैं. ऐसे में हमें 8 घंटे का ड्यूटी देकर उतना ही वेतन दिया जाना चाहिए.

इसके साथ ही इन डाक कर्मचारियों का कहना है कि उन्होंने कोरोना काल में सबसे अधिक कार्य किया. डाक के माध्यम से लाखों-करोड़ों रुपए का लेनदेन कराया, इस बात को भारत सरकार ने भी माना हैं. लेकिन इसका श्रेय हमको नहीं दिया गया. दूसरी ओर सरकार वेतन में भी असमान रूप से दे रही है. जो नए कर्मचारी भर्ती हो रहे हैं. उन्हें पुराने कमर्चारियों से अधिक वेतन मिल रहा है. जबकि पुराने कर्मचारियों को अनुभव के हिसाब अधिक वेतन मिलना चाहिए.

खंडवा। जिले के सभी ग्रामीण डाक सेवकों ने शुक्रवार को एक दिन के लिए खंडवा पोस्ट ऑफिस में हड़ताल की. डाक सेवकों ने केंद्र सरकार से 8 घंटे का काम और वेतन को लेकर हड़ताल की. जिलेभर के ग्रामीण डाक सेवक शुक्रवार को पोस्ट ऑफिस में एक साथ धरने पर बैठ गए, खंडवा जिले के लगभग 1,200 डाक कर्मी कार्यरत हैं.

ग्रामीण डाक सेवकों की हड़ताल

प्रमुख कर्मचारियों ने यहां धरना दिया है. डाक कर्मचारियों के संभागीय सचिव धनसिंह तोमर ने बताया कि डाक कर्मचारियों द्वारा लंबे समय से 8 घंटे की ड्यूटी की मांग की जा रही है, जबकि केंद्र सरकार हमें सिर्फ 4 घंटे की ड्यूटी देती है, लेकिन हम पूरे दिन काम करते हैं. ऐसे में हमें 8 घंटे का ड्यूटी देकर उतना ही वेतन दिया जाना चाहिए.

इसके साथ ही इन डाक कर्मचारियों का कहना है कि उन्होंने कोरोना काल में सबसे अधिक कार्य किया. डाक के माध्यम से लाखों-करोड़ों रुपए का लेनदेन कराया, इस बात को भारत सरकार ने भी माना हैं. लेकिन इसका श्रेय हमको नहीं दिया गया. दूसरी ओर सरकार वेतन में भी असमान रूप से दे रही है. जो नए कर्मचारी भर्ती हो रहे हैं. उन्हें पुराने कमर्चारियों से अधिक वेतन मिल रहा है. जबकि पुराने कर्मचारियों को अनुभव के हिसाब अधिक वेतन मिलना चाहिए.

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