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बिजली विभाग का नया कारनामा, बंद पड़े घर का भी आया बिल

खंडवा जिले की खालवा तहसील में बिजली विभाग ने एक बंद पड़े मकान का 400 रुपये से ज्यादा का बिजली बिल दिया है. जबकि मीटर कनेक्शन भी सरल बिजली योजना के तहत लगा हुआ. जिसका बिल 200 रुपए से ज्यादा नहीं हो सकता.

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Published : Oct 1, 2019, 8:46 AM IST

Updated : Oct 1, 2019, 11:42 AM IST

बिजली विभाग

खंडवा। जिले की खालवा तहसील में बिजली विभाग की लापरवाही का मामला सामने आया है. जहां एक उपभोक्ता का बिजली कनेक्शन सरल बिजली योजना के तहत होने के बावजूद भी उसे 450 रुपये का बिल थमा दिया. जबकि उपभोक्ता का मकान भी कई महीनों से बंद पड़ा हुआ है.

बिजली विभाग ने बंद पडे़ घर भी दिया बिल

उपभोक्ता धर्मेंद्र पारे के दो मकान हैं, एक में वह रहते हैं जबकि दूसरा बंद पड़ा हुआ है. ऐसे में उन्होंने सरल बिजली योजना के तहत बंद पड़े मकान में भी मीटर लगवा लिया. उसके बाद से लगातार उस मीटर का बिल आता रहा. कुछ महीनों तक 200 रुपये तक बिल आया. फिर अचानक 400 रुपये से ज्यादा बिल आने लगा. जबकि मकान में ज्यादा बिजली उपयोग ही नहीं होती है.

धर्मेंद्र पारे का कहना है कि जब मीटर में एक यूनिट तक की रीडिंग नहीं है तो फिर 400 से ज्यादा बिल कैसे आ सकता है. कनेक्शन सरल बिजली के तहत वह 200 रुपये तक बिल लगातार भरते आ रहे हैं. जबकि घर सूना पड़ा हुआ है. उपभोक्ता की शिकायत पर बिजली विभाग के अधिकारियों ने मामले की जांच करने का आश्वासन दिया है. हालांकि इस तरह के मामले आम हो गए हैं. अब देखना होगा कि उपभोक्ता को बिजली ऑफिस के कितने चक्कर लगाने पड़ते हैं.

खंडवा। जिले की खालवा तहसील में बिजली विभाग की लापरवाही का मामला सामने आया है. जहां एक उपभोक्ता का बिजली कनेक्शन सरल बिजली योजना के तहत होने के बावजूद भी उसे 450 रुपये का बिल थमा दिया. जबकि उपभोक्ता का मकान भी कई महीनों से बंद पड़ा हुआ है.

बिजली विभाग ने बंद पडे़ घर भी दिया बिल

उपभोक्ता धर्मेंद्र पारे के दो मकान हैं, एक में वह रहते हैं जबकि दूसरा बंद पड़ा हुआ है. ऐसे में उन्होंने सरल बिजली योजना के तहत बंद पड़े मकान में भी मीटर लगवा लिया. उसके बाद से लगातार उस मीटर का बिल आता रहा. कुछ महीनों तक 200 रुपये तक बिल आया. फिर अचानक 400 रुपये से ज्यादा बिल आने लगा. जबकि मकान में ज्यादा बिजली उपयोग ही नहीं होती है.

धर्मेंद्र पारे का कहना है कि जब मीटर में एक यूनिट तक की रीडिंग नहीं है तो फिर 400 से ज्यादा बिल कैसे आ सकता है. कनेक्शन सरल बिजली के तहत वह 200 रुपये तक बिल लगातार भरते आ रहे हैं. जबकि घर सूना पड़ा हुआ है. उपभोक्ता की शिकायत पर बिजली विभाग के अधिकारियों ने मामले की जांच करने का आश्वासन दिया है. हालांकि इस तरह के मामले आम हो गए हैं. अब देखना होगा कि उपभोक्ता को बिजली ऑफिस के कितने चक्कर लगाने पड़ते हैं.

Intro:आम लोग जहां एक और प्रकृति की मार से परेशान हैं वहीं बिजली कंपनी भी इन्हें एक और मार मार रही है यही मामला देखने को हलवा में मिला खालवा के बिजली उपभोक्ता धर्मेंद्र पारे ने पिछले 8 माह से बिजली बिल का भुगतान करते आ रहा है बिजली कंपनी के खालवा डी सी से जब पूछा गया की यह जो बिल आपके द्वारा दिया जा रहा है उसका आधार क्या है तथा यह राशि बढ़कर आई रे आ रही है इसका क्या औचित्य है मुझे जानकारी दी जाए तब इस पर बिजली के खालवा डी के प्रमुख जेई कुशवाह द्वारा कोई जवाब नहीं दिया गया तथा एक ही बात कही गई कि जो बिजली बिल आया है वह राशि आपको जमा करनी पड़ेगी भोक्ता धर्मेंद्र पारे ने सवाल किया कि यह जो आपके द्वारा बिल दिया जा रहा है उसका मूल आधार क्या है वह मेरी राशि हर महीने भर कर आ रही इसका मूल कारण क्या है क्योंकि मैंने आज तक बिजली का एक बल्ब भी हमारे मकान में नहीं जलाया क्योंकि आपके द्वारा खंभे से मेरे मकान तक कोई कनेक्शन नहीं जोड़ा गया उसके बाद भी मुझे बड़बड़ कर राशि का बिल क्यों दिया जा रहा है इसका मुझे जवाब चाहिए तब जेई खालवा कुशवाह द्वारा गोलमाल बातें कर कर केवल यही कहा कि आप जो बिल राशि आई है वह आपको भुगतान करना ही पड़ेगा जबकि इससे यह सिद्ध होता है कि बिजली कंपनी के प्रमुखों को यह ज्ञात ही नहीं है यह मालूम ही नहीं है कि बिजली बिल की राशि का मापदंड क्या है या यह जो राशि आती है वह किस आधार पर आती है इसका उन्हें कोई ज्ञान नहीं हैBody:बिजली कंपनी की मनमानी देखने को मिली खालवा ब्लॉक में खालवा ब्लाक जो कि आदिवासी ब्लॉक है यहां पर कई लोग अशिक्षित हैं जब बिजली कंपनी एक पढ़े-लिखे बिजली उपभोक्ताओं को इस प्रकार परेशान कर सकती है बगैर कनेक्शन बगैर उसके या बिजली बिल थमा सकती है इसलिए मामला खालवा ब्लॉक के धर्मेंद्र पारे के यहां का है जहां पर बिजली कंपनी के द्वारा उसके मकान की दीवार पर केवल बिजली का मीटर टांगा गया है जिसमें हम वैसे आज तक कोई कनेक्शन नहीं है तब भी 8 महीने से बिजली का बिल आ रहा है वह भी बड़ी बढ़कर हमेशा हर महीने बढ़कर राशि आती है और उपभोक्ता को बिल दिया ही नहीं जाता केवल सूचित किया जाता है कि आपका भी लिखना है और ऑनलाइन केवल मोबाइल पर मैसेज भेजकर ही बिजली बिल भरवाया जा रहा है जब भोक्ता ने बिजली बिल मांगा तथा यह पूछा कि यह बिल कहां से आ रहा है और कितनी राशि क्योंकि मैंने आज दिनांक तक कोई बिजली का एक भी नहीं चलाया और सरल बिजली बिल योजना के तहत लिया था फिर यह राशि बढ़कर क्यों आ रही जिस पर खालवा प्रमुख द्वारा कोई जवाब नहीं दिया गया यह बताया गया कि बिल भरना ही है आपको इस पर हमारे प्रमुख ईटीवी द्वारा पूछा गया तो जेई खालवा जेई कुशवाह द्वारा किसी प्रकार का कोई जवाब नहीं दिया गया और केवल गोलमाल बातें ही की गई कि मैं दिखाता हूं क्या है मामला मुझे मेरे संज्ञान में नहीं है जबकि जब बिजली बिल आता है तो भुगतान उससे पहले ही अवगत कराया था इसके बाद भी अनजान बनकर केवल गुमराह करना ही उन्होंने सीखा है और वक्ताओं को परेशान करना सीखा है यही बातेंConclusion: बिजली विभाग द्वारा बिजली उपभोक्ताओं से मनमानी रूप से बिजली बिल राशि वसूली जा रही है और इसमें स्पष्ट जानकारी नहीं दी जाती कि यह जो राशि आपको दी गई है कि मीटर रीडिंग से दी गई है या आपका बेसिक आधार यही है इस आधार पर दी गई है इसी प्रकार का एक मामला देखने को हलवा में मिला खालवा के बिजली उपभोक्ता धर्मेंद्र पारे ने पिछले 8 माह पहले बिजली बिल कनेक्शन लिया था जो कि सरल बिजली बिल योजना के तहत लिया था जिसमें मिनिमम बिल ₹100 आना था परंतु बिजली कंपनी द्वारा 8 माह से ₹125 से लेकर आज ₹425 बिल की राशि कर दी गई है और उपभोक्ता को आज तक बिजली बिल दिया ही नहीं दिया गया केवल ऑनलाइन पर ही बिजली बिल बिल भुगतान करने को कहा गया जब आज भोक्ता धर्मेंद्र पारे द्वारा खालवा प्रमुख से पूछा गया कि आपने मुझे यह बिल किस आधार से दिया और कितना है और मेरा मीटर रीडिंग के आधार पर है या किस पर है तो यही द्वारा कोई जवाब नहीं दिया गया और एक ही बात कही कि बिजली बिल का भुगतान करना है इससे यह सिद्ध हुआ कि बिजली कंपनी में जो कार्यरत कर्मचारी हैं उनको यह ज्ञात नहीं है यह जानकारी नहीं कि बिजली बिल की राशि होती है वह कैसे बनी जाती है तथा जो बिजली बिल किया जाता है उसका मापदंड क्या है या मानक क्या है जानकारी है ही नहीं यह सिद्ध कर दिया आज के मामले में इससे पहले भी महमूद चाचा का बिजली बिल ₹40000 तक आ गया था उनके द्वारा प्रभारी के पास जाकर निवेदन किया गया तब उनके बिल में संशोधन के गया और संशोधित का नया बिल बनाया गया इस प्रकार की कई गड़बड़ियां बिजली कंपनियां कर रही है और मनमाने तरीके से राशि वसूल
Last Updated : Oct 1, 2019, 11:42 AM IST
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