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सदियों से भगवान शिव का अभिषेक कर रही ये धारा, हर मौसम में मौजूद रहता है जल - Khandwa Famous Shivling

खंडवा के इंदौर-इच्छापुर हाईवे पर स्थित भोजाखेड़ी गांव से तीन किलोमीटर अंदर घने जंगलों में देवझिरी देव स्थल है. यहां विराजे शिवलिंग पर एक जलधारा है जो भगवान शिव का प्राकृतिक अभिषेक सदियों से कर रही है.

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भगवान शिव का प्राकृतिक जलाभिषेक
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Published : Jul 1, 2020, 12:06 AM IST

खंडवा। जिले में एक ऐसा स्वयंभू शिवलिंग है. जिसका अभिषेक प्राकृितक जलधारा सदियों से कर रही है. ये शिवलिंग सालों पुराना है. यहां पूजा-पाठ करने वाले पुजारी कहते हैं कि वे 40 सालों से भगवान शिव की पूजा पाठ कर रहे हैं. सालों से यहां जल की अविरल धारा शिवलिंग पर गिरती रहती है. चाहे कोई भी मौसम हो लेकिन ये जल धारा कभी भी सूखती नहीं है.

भगवान शिव का प्राकृतिक जलाभिषेक

क्षेत्र में ये देव स्थल देवझिरी के नाम से जाना जाता है. इंदौर-इच्छापुर हाईवे पर स्थित भोजाखेड़ी गांव से 3 किलोमीटर अंदर घने जंगलों में विराजे शिव के दर्शन करने के लिए श्रद्धालु दूर-दराज क्षेत्रों से भी यहां आते हैं. श्रद्धालुओं में अविरल शिवलिंग का अभिषेक करती जलधारा कौतूल का विषय है.

Worshipin of shiva
पूजा करती हुईं महिलाएं

ग्रामीणों ने मुताबिक सालों पहले भगवान शिव खुद प्रकट हुए थे. शिवलिंग के ठीक पीछे एक झिरी है, जिससे एक जलधार निकलकर साल के 365 दिन भगवान शिव का अभिषेक करती है, इसलिए इस स्थान का नाम देवझिरी पड़ा. लोगों का मानना है कि इसका स्रोत अभी तक किसी को पता नहीं चला है.

Devjhiri
देवझिरी

वैसे तो यहां साल भर श्रद्धालु दर्शनों के लिए आते हैं.लेकिन श्रावण के महीने में और महाशिवरात्रि के मौके पर इस देवस्थल का महत्व बढ़ जाता है. प्रकृति के गोद में स्थित इस देव स्थल से कई कहानियां और मान्यताएं जुड़ी हुई हैं, लेकिन एक बात तो तय है कि यहां के शांत वातावरण और कल-कल करती जलधारा श्रद्धालुओं को बरबस ही अपनी तरफ खींच लेती है.

खंडवा। जिले में एक ऐसा स्वयंभू शिवलिंग है. जिसका अभिषेक प्राकृितक जलधारा सदियों से कर रही है. ये शिवलिंग सालों पुराना है. यहां पूजा-पाठ करने वाले पुजारी कहते हैं कि वे 40 सालों से भगवान शिव की पूजा पाठ कर रहे हैं. सालों से यहां जल की अविरल धारा शिवलिंग पर गिरती रहती है. चाहे कोई भी मौसम हो लेकिन ये जल धारा कभी भी सूखती नहीं है.

भगवान शिव का प्राकृतिक जलाभिषेक

क्षेत्र में ये देव स्थल देवझिरी के नाम से जाना जाता है. इंदौर-इच्छापुर हाईवे पर स्थित भोजाखेड़ी गांव से 3 किलोमीटर अंदर घने जंगलों में विराजे शिव के दर्शन करने के लिए श्रद्धालु दूर-दराज क्षेत्रों से भी यहां आते हैं. श्रद्धालुओं में अविरल शिवलिंग का अभिषेक करती जलधारा कौतूल का विषय है.

Worshipin of shiva
पूजा करती हुईं महिलाएं

ग्रामीणों ने मुताबिक सालों पहले भगवान शिव खुद प्रकट हुए थे. शिवलिंग के ठीक पीछे एक झिरी है, जिससे एक जलधार निकलकर साल के 365 दिन भगवान शिव का अभिषेक करती है, इसलिए इस स्थान का नाम देवझिरी पड़ा. लोगों का मानना है कि इसका स्रोत अभी तक किसी को पता नहीं चला है.

Devjhiri
देवझिरी

वैसे तो यहां साल भर श्रद्धालु दर्शनों के लिए आते हैं.लेकिन श्रावण के महीने में और महाशिवरात्रि के मौके पर इस देवस्थल का महत्व बढ़ जाता है. प्रकृति के गोद में स्थित इस देव स्थल से कई कहानियां और मान्यताएं जुड़ी हुई हैं, लेकिन एक बात तो तय है कि यहां के शांत वातावरण और कल-कल करती जलधारा श्रद्धालुओं को बरबस ही अपनी तरफ खींच लेती है.

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