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सेवा समाप्ति की सूचना मिलने पर शिक्षा विभाग पहुंचे डाटा एंट्री ऑपरेटर

खंडवा जिले में शासकीय हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूलों में अस्थायी रूप से काम कर रहे डाटा एंट्री ऑपरेटर अपनी सेवा समाप्ति की जानकारी मिलते ही जिला शिक्षा विभाग कार्यालय पहुंचे और इस अनुबंध को रद्द न किए जाने की मांग की.

Data entry operator services Termination case
डाटा एंट्री ऑपरेटर की सेवाएं समाप्त करने का मामला
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Published : Oct 24, 2020, 3:33 PM IST

Updated : Oct 24, 2020, 10:36 PM IST

खंडवा। जिले में शासकीय हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूलों में अस्थायी रूप से कार्य कर रहे डाटा एंट्री ऑपरेटर, उनकी सेवा समाप्ति के आदेश मिलने के बाद शुक्रवार को शिक्षा विभाग के कार्यालय पहुंचे. इनका कहना था कि लोक शिक्षण आयुक्त भोपाल से इनकी सेवा समाप्ति के बारे में पता चला है, जबकि वे कोरोना काल में लगातार ड्यूटी कर रहे हैं उन्हें 6 माह से वेतन तक नहीं मिला है, इन्होंने मांग की है कि अनुबंध को अचानक रद्द न किया जाए, इसे आगे बढ़ाया जाए.

डाटा एंट्री ऑपरेटर की सेवाएं समाप्त करने का मामला
दरअसल, मध्यप्रदेश के स्कूली शिक्षा विभाग द्वारा साल 2018-19 में जिले के हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूलों में लगभग 40-50 डाटा एंट्री ऑपरेटर आउटसोर्सिंग कंपनी के माध्यम से कार्यरत हैं. यह सभी कमर्चारी सहायक ग्रेड 3 के पद पर कार्य कर रहे हैं. इनका कहना है कि आउटसोर्सिंग कंपनी डब्ल्यूसीएससी के द्वारा अप्रैल तक कार्य कराने का अनुबंध था, इसके बाद रिन्युअल होना था, लेकिन अप्रैल में हमारा रिन्युअल हुआ या नहीं उन्हें इस बारे में नहीं पता है.

आउटसोर्स कर्मचारियों का कहना है, अप्रैल महीने से कोरोना का संक्रमण काल शुरू हुआ था, तभी से वे अपनी सेवा दे रहे हैं. कोरोना काल में जहां स्कूल बंद रहे. वहीं इन डाटा एंट्री ऑपरेटरों ने पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ शालाओं का ऑनलाइन कार्य किया. इसके साथ ही ग्राम पंचायतों और और विभिन्न वार्डों में कोविड-19 की सेवाएं दी. इसके बावजूद 6 माह से इन्हें वेतन भी नहीं मिला है, जबकि उन्होंने कोरोना के कठिन समय में अलग-अलग कंटेनमेंट क्षेत्रों में ड्यूटी की है. वहीं अब चुनाव में भी हम ड्यूटी कर रहे हैं.

राष्ट्रीय माध्यमिक शाला (रमशा) के प्रभारी जीएस छाबड़ा ने बताया कि खंडवा जिले में निर्वाचन का कार्य चल रहा है, इसलिए गुरुवार को हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में खंडवा जिला शामिल नहीं हुआ था. जिला शिक्षा विभाग को इनके अनुबंध या सेवा समाप्ति के कोई लिखित आदेश नहीं प्राप्त हुए हैं, लिखित आदेश प्राप्त होने के बाद इनकी सेवाएं समाप्त की जा सकती है.

वहीं डाटा एंट्री ऑपरेटरों का कहना है कि विभाग की तरफ से अचानक लिए गए इस निर्णय से सभी डाटा एंट्री ऑपरेटर बेरोजगारी की कगार पर आ गए हैं. मध्यप्रदेश लिपिक शासकीय कर्मचारी संघ यह अनुरोध करता है कि इनके अनुबंध को आगे बढ़ाया जाए क्योंकि शिक्षा विभाग की सभी शालाओं में सभी कार्य ऑनलाइन होने से इनकी सेवाओं को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. इनके भविष्य को देखते हुए सेवाओं के लिए पुनर्विचार करने की जरूरत है.

खंडवा। जिले में शासकीय हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूलों में अस्थायी रूप से कार्य कर रहे डाटा एंट्री ऑपरेटर, उनकी सेवा समाप्ति के आदेश मिलने के बाद शुक्रवार को शिक्षा विभाग के कार्यालय पहुंचे. इनका कहना था कि लोक शिक्षण आयुक्त भोपाल से इनकी सेवा समाप्ति के बारे में पता चला है, जबकि वे कोरोना काल में लगातार ड्यूटी कर रहे हैं उन्हें 6 माह से वेतन तक नहीं मिला है, इन्होंने मांग की है कि अनुबंध को अचानक रद्द न किया जाए, इसे आगे बढ़ाया जाए.

डाटा एंट्री ऑपरेटर की सेवाएं समाप्त करने का मामला
दरअसल, मध्यप्रदेश के स्कूली शिक्षा विभाग द्वारा साल 2018-19 में जिले के हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूलों में लगभग 40-50 डाटा एंट्री ऑपरेटर आउटसोर्सिंग कंपनी के माध्यम से कार्यरत हैं. यह सभी कमर्चारी सहायक ग्रेड 3 के पद पर कार्य कर रहे हैं. इनका कहना है कि आउटसोर्सिंग कंपनी डब्ल्यूसीएससी के द्वारा अप्रैल तक कार्य कराने का अनुबंध था, इसके बाद रिन्युअल होना था, लेकिन अप्रैल में हमारा रिन्युअल हुआ या नहीं उन्हें इस बारे में नहीं पता है.

आउटसोर्स कर्मचारियों का कहना है, अप्रैल महीने से कोरोना का संक्रमण काल शुरू हुआ था, तभी से वे अपनी सेवा दे रहे हैं. कोरोना काल में जहां स्कूल बंद रहे. वहीं इन डाटा एंट्री ऑपरेटरों ने पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ शालाओं का ऑनलाइन कार्य किया. इसके साथ ही ग्राम पंचायतों और और विभिन्न वार्डों में कोविड-19 की सेवाएं दी. इसके बावजूद 6 माह से इन्हें वेतन भी नहीं मिला है, जबकि उन्होंने कोरोना के कठिन समय में अलग-अलग कंटेनमेंट क्षेत्रों में ड्यूटी की है. वहीं अब चुनाव में भी हम ड्यूटी कर रहे हैं.

राष्ट्रीय माध्यमिक शाला (रमशा) के प्रभारी जीएस छाबड़ा ने बताया कि खंडवा जिले में निर्वाचन का कार्य चल रहा है, इसलिए गुरुवार को हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में खंडवा जिला शामिल नहीं हुआ था. जिला शिक्षा विभाग को इनके अनुबंध या सेवा समाप्ति के कोई लिखित आदेश नहीं प्राप्त हुए हैं, लिखित आदेश प्राप्त होने के बाद इनकी सेवाएं समाप्त की जा सकती है.

वहीं डाटा एंट्री ऑपरेटरों का कहना है कि विभाग की तरफ से अचानक लिए गए इस निर्णय से सभी डाटा एंट्री ऑपरेटर बेरोजगारी की कगार पर आ गए हैं. मध्यप्रदेश लिपिक शासकीय कर्मचारी संघ यह अनुरोध करता है कि इनके अनुबंध को आगे बढ़ाया जाए क्योंकि शिक्षा विभाग की सभी शालाओं में सभी कार्य ऑनलाइन होने से इनकी सेवाओं को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. इनके भविष्य को देखते हुए सेवाओं के लिए पुनर्विचार करने की जरूरत है.

Last Updated : Oct 24, 2020, 10:36 PM IST
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