खंडवा। जिले में शासकीय हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूलों में अस्थायी रूप से कार्य कर रहे डाटा एंट्री ऑपरेटर, उनकी सेवा समाप्ति के आदेश मिलने के बाद शुक्रवार को शिक्षा विभाग के कार्यालय पहुंचे. इनका कहना था कि लोक शिक्षण आयुक्त भोपाल से इनकी सेवा समाप्ति के बारे में पता चला है, जबकि वे कोरोना काल में लगातार ड्यूटी कर रहे हैं उन्हें 6 माह से वेतन तक नहीं मिला है, इन्होंने मांग की है कि अनुबंध को अचानक रद्द न किया जाए, इसे आगे बढ़ाया जाए.
आउटसोर्स कर्मचारियों का कहना है, अप्रैल महीने से कोरोना का संक्रमण काल शुरू हुआ था, तभी से वे अपनी सेवा दे रहे हैं. कोरोना काल में जहां स्कूल बंद रहे. वहीं इन डाटा एंट्री ऑपरेटरों ने पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ शालाओं का ऑनलाइन कार्य किया. इसके साथ ही ग्राम पंचायतों और और विभिन्न वार्डों में कोविड-19 की सेवाएं दी. इसके बावजूद 6 माह से इन्हें वेतन भी नहीं मिला है, जबकि उन्होंने कोरोना के कठिन समय में अलग-अलग कंटेनमेंट क्षेत्रों में ड्यूटी की है. वहीं अब चुनाव में भी हम ड्यूटी कर रहे हैं.
राष्ट्रीय माध्यमिक शाला (रमशा) के प्रभारी जीएस छाबड़ा ने बताया कि खंडवा जिले में निर्वाचन का कार्य चल रहा है, इसलिए गुरुवार को हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में खंडवा जिला शामिल नहीं हुआ था. जिला शिक्षा विभाग को इनके अनुबंध या सेवा समाप्ति के कोई लिखित आदेश नहीं प्राप्त हुए हैं, लिखित आदेश प्राप्त होने के बाद इनकी सेवाएं समाप्त की जा सकती है.
वहीं डाटा एंट्री ऑपरेटरों का कहना है कि विभाग की तरफ से अचानक लिए गए इस निर्णय से सभी डाटा एंट्री ऑपरेटर बेरोजगारी की कगार पर आ गए हैं. मध्यप्रदेश लिपिक शासकीय कर्मचारी संघ यह अनुरोध करता है कि इनके अनुबंध को आगे बढ़ाया जाए क्योंकि शिक्षा विभाग की सभी शालाओं में सभी कार्य ऑनलाइन होने से इनकी सेवाओं को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. इनके भविष्य को देखते हुए सेवाओं के लिए पुनर्विचार करने की जरूरत है.