खंडवा। शहर में कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है. खंडवा शहर की पंधाना तहसील के तीन लोगों ने 24 घंटे में दम तोड़ दिया. तीनों ही लोग एक परिवार के थे. परिजन ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही के आरोप लगाए है.
- तीनों को जिला अस्पताल में कराया था भर्ती
35 वर्षीय आशीष पुत्र अमर सिंह बैस काे दस दिन पहले सर्दी-बुखार के कारण जिला अस्पताल मे भर्ती किया गया. उसके बाद कोविड अस्पताल में रैफर कर दिया गया. उनकी कोरोना संक्रमण रिपोर्ट निगेटिव आई थी. इसके तीन दिन बाद परिवार के निर्भय सिंह बैस की तबीयत खराब होने पर पंधाना के अस्पताल में दिखाया गया. यहां से जिला अस्पताल रैफर कर दिया गया. इसके साथ ही अंजना सिंह परिहार की भी तबीयत खराब होने पर उन्हें भी कोविड वार्ड में भर्ती कराया गया.
मध्य प्रदेश : अब गांवों में गदर की तैयारी में कोरोना, 180 गांव रेड जोन घोषित
- लापारवाही से गई जान
अंजना सिंह के पुत्र कालू बैस ने बताया गुरुवार तक तबीयत ठीक थी. इसके बाद शिफ्टिंग हुई तो मां को लापरवाही पूर्वक शिफ्ट किया गया. मां ने खुद बताया था कि शिफ्टिंग के दौरान ले जाने में कर्मचारियों के हाथ गिर गई थी. जिससे नाक से खून भी निकला. परिजन खुद पीपीई कीट पहनकर देखकर आए और हंगामा भी किया. अंजना को 501 नंबर वार्ड से 203 नंबर वार्ड में शिफ्ट किया गया था. रात एक बजे फोन पर सूचना दी गई कि मौत हो गई. वहीं भर्ती मरीज आशीष के भाई निक्की ने बताया उनके भाई का ऑक्सीजन स्तर 95 तक पहुंच गया था, उन्हें अस्पताल से छुट्टी भी देने वाले थे. गुरुवार रात को 301 नंबर वार्ड से दूसरी मंजिल पर बगैर ऑक्सीजन के ले जाने की सूचना खुद आशीष ने दी. उसने बगैर ऑक्सीजन के ले जाने पर तकलीफ होना भी बताया. शिफ्टिंग के दौरान ही कुछ हुआ है, उसके बाद ही मौत हुई.
- निर्भय सिंह की मौत की नहीं दी सूचना
परिवार के दो सदस्यों की मौत होने के बाद स्वजनों ने तीसरे सदस्य निर्भय सिंह बैस की जानकारी लेना चाही, लेकिन कोई जानकारी नहीं मिल सकी. फिर वे शुक्रवार को पीपीई कीट पहनकर अंदर खोजने गए, लेकिन निर्भय किसी वार्ड में भर्ती नहीं मिले. भाई तीरथ सिंह ने बताया रजिस्टर खंगालने पर मौत की जानकारी मिली. जिसके बाद शव सौंपा गया.