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गणगौर पर्व पर कोरोना का प्रकोप, घरों में रहकर सादगी से कर रहे पूजा-पाठ

खंडवा में बड़े ही धूमधाम से मनाए जाने वाला पर्व गणगौर इस बार कोरोना वायरस के चलते बेहद सादगी और सतर्कता के साथ मनाया जा रहा है.

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Published : Mar 27, 2020, 7:47 PM IST

Updated : Mar 28, 2020, 9:06 AM IST

Corona outbreak on Gangaur festival
कोरोना ने सूना किया गणगौर पर्व

खंडवा। निमाड़ का लोकप्रिय पर्व गणगौर इस बार कोरोना वायरस के चलते बेहद सादगी और सतर्कता के साथ मनाया गया. निमाड़ का गणगौर चैत्र कृष्ण पक्ष की एकादशी से प्रारंभ होता हैं, चैत्र शुक्ल पक्ष की तीज को माता की बाड़ी खुलती हैं और यहां से लोग मां के ज्वारों को अपने घर ले जाते हैं. 9 दिनों तक मां का जागरण, भंडारे नृत्य आदि आयोजन होते हैं, लेकिन कोरोना वायरस के कारण सब सूना हो गया है.

कोरोना ने सूना किया गणगौर पर्व

गणगौर पर्व की शुरुआत चैत्र कृष्ण पक्ष की एकादशी को होती हैं. इस दौरान माता की बाड़ी में गेहूँ के ज्वारे बोए जाते हैं. तीज के दिन माता की बाड़ी खुलने के साथ ही श्रद्धालु इन ज्वारों को अपने अपने घर लेकर जाते हैं और ज्वारों को रथों में सजाकर 2 दिन तक उनकी सेवा करते हैं.इस दौरान माता का जागरण, भजन, नृत्य और भंडारे आयोजित किए जाते हैं, छठे दिन ज्वारों के विसर्जन के साथ पर्व की समाप्ति होती है.

पंडित गोविंद डोंगरे ने बताया हर साल बड़े ही हर्षोउल्लास के साथ मनाया जाने वाला गणगौर पर्व इस बार बेहद सादगी और शांतिपूर्ण रूप से मनाया जा रहा हैं. इस बार पूरे विश्व और भारत में जानलेवा कोरोना बीमारी फैली हुई है, जिसके चलते सभी भय में हैं. प्रशासन लोगो से दूरी बनाए रखने की अपील कर रहा हैं.

खंडवा। निमाड़ का लोकप्रिय पर्व गणगौर इस बार कोरोना वायरस के चलते बेहद सादगी और सतर्कता के साथ मनाया गया. निमाड़ का गणगौर चैत्र कृष्ण पक्ष की एकादशी से प्रारंभ होता हैं, चैत्र शुक्ल पक्ष की तीज को माता की बाड़ी खुलती हैं और यहां से लोग मां के ज्वारों को अपने घर ले जाते हैं. 9 दिनों तक मां का जागरण, भंडारे नृत्य आदि आयोजन होते हैं, लेकिन कोरोना वायरस के कारण सब सूना हो गया है.

कोरोना ने सूना किया गणगौर पर्व

गणगौर पर्व की शुरुआत चैत्र कृष्ण पक्ष की एकादशी को होती हैं. इस दौरान माता की बाड़ी में गेहूँ के ज्वारे बोए जाते हैं. तीज के दिन माता की बाड़ी खुलने के साथ ही श्रद्धालु इन ज्वारों को अपने अपने घर लेकर जाते हैं और ज्वारों को रथों में सजाकर 2 दिन तक उनकी सेवा करते हैं.इस दौरान माता का जागरण, भजन, नृत्य और भंडारे आयोजित किए जाते हैं, छठे दिन ज्वारों के विसर्जन के साथ पर्व की समाप्ति होती है.

पंडित गोविंद डोंगरे ने बताया हर साल बड़े ही हर्षोउल्लास के साथ मनाया जाने वाला गणगौर पर्व इस बार बेहद सादगी और शांतिपूर्ण रूप से मनाया जा रहा हैं. इस बार पूरे विश्व और भारत में जानलेवा कोरोना बीमारी फैली हुई है, जिसके चलते सभी भय में हैं. प्रशासन लोगो से दूरी बनाए रखने की अपील कर रहा हैं.

Last Updated : Mar 28, 2020, 9:06 AM IST
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