खंडवा। सार्वजनिक भंडारों में भोजन के बाद अमूमन जूठी पत्तल उठाने से लोग कतराते हैं, लेकिन खंडवा में गणगौर पर्व पर गुरव समाज के भंडारे के आयोजन में झूठी पत्तल लगाने और उठाने के लिए बोली लगती हैं. जो व्यक्ति सबसे ज्यादा रूपये की बोली लगाता हैं उसी का परिवार झूठी पत्तलें उठाता हैं. इस जूठी पत्तल उठाने को यहां लोग माता का आशीर्वाद स्वरूप मानते हैं.
निमाड़ अंचल में गणगौर का पर्व नौ दिनों तक बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता हैं. इन दिनों में यहां श्रद्धालु बड़ी आस्था के साथ गणगौर माता की पूजा अर्चना करते हैं और माताजी के गीत गाते हैं. इस पर्व के आखिरी दिन जगह-जगह भंडारे प्रसादी का भी आयोजन किया जाता हैं. निमाड़ क्षेत्र में आमतौर पर सभी समाज के लोग गणगौर पर्व मनाते हैं, लेकिन गुरव समाज के लोग भंडारे में जूठी पत्तल उठाने के लिए बोली लगाते हैं. जो भक्त सबसे ज्यादा रूपयों की बोली लगाता हैं उसी का परिवार जूठी पत्तल उठाता हैं.
पत्तल उठाने का यह कार्य बड़ी श्रद्धा और माता के आशीर्वाद स्वरूप किया जाता हैं. ऐसी मान्यता हैं कि माताजी की पूजा के बाद जो लोग भोजन करने आते हैं उनकी झूठी पत्तल उठाने पर उन्हें माता का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता हैं. पिछले करीब 60 सालों से गुरवा समाज में यह प्रथा चली आ रही हैं. माताजी के भंडारे में परोसने की भी बोली लगती हैं लेकिन सबसे ज्यादा बोली पत्तल उठाने के लिए लगाई जाती हैं, यह बोली सौ रूपये से लेकर हजारों रूपये में लगाई जाती हैं. बोली का यह पैसा भी इसी काम में लगाया जाता हैं.