खंडवा। मानसिक रूप से विक्षिप्त राजू पिंडारे के पाकिस्तान जाने को एक महीने से ज्यादा का वक्त बीत चुका है. इसके बाद भी प्रशासन का मौन बरकरार है. प्रशासन की ओर से अब तक कोई कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है, जबकि राजू की मां बसंता बाई की तबियत भी बिगड़ गई और अस्पताल से कुछ दिन पहले ही उन्हें छुट्टी मिली है.
विदेश मंत्रालय ने साधी चुप्पी
हालांकि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राजू के परिवार को हर संभव मदद देने का भरोसा दिया है. पाकिस्तानी मीडिया लगातार राजू को भारतीय जासूस बता रहा है. हैरानी की बात ये है कि इस मामले में विदेश मंत्रालय की ओर से अब तक कोई बयान सामने नहीं आया. भारत सरकार न तो राजू को भारतीय मानने से इंकार नहीं कर रही है और न ही उसे जासूस स्वीकार कर रही है. इस सबके बीच राजू के परिवार के लोगों का बुरा हाल है.
माफी भी मांग चुके हैं राजू के पिता
राजू के पिता पहले ही प्रधानमंत्री मोदी से मांग कर चुके हैं कि उनका बेटा गलती से पाकिस्तान चला गया है. जिसके लिए राजू के पिता ने माफी भी मांग ली है. अब उन्होंने पीएम मोदी से मांग की है कि वे राजू को वापस ले आएं. इस मुश्किल की घड़ी में राजू के परिवार की मदद ग्रामीणों ने भी की है.
ग्रामीणों ने भी की वापस लाने की अपील
गांव के नारायण तोमर ने परिवार का ढांढस बंधाया. नारायण तोमर ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से अपील करते हुए कहा कि मानसिक रूप से विक्षिप्त राजू को छोड़ा जाए, जो धोखे से पाकिस्तान चला गया है. ग्रामीणों का कहना है कि कम से कम मानवीय आधार पर राजू को रिहा किया जाए.