खंडवा। एक साथ घुटनों के बल बैठे 25 लोगों की ये तस्वीर इंसानियत को घुटनों पर ला दी है. ये वो समाज है, जहां इसानों से अधिक जानवरों की कीमत है. हालांकि, इसका ये मतलब कतई नहीं है कि हम जानवरों की हत्या को जायज ठहराने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन इस तरह कानून हाथ में लेना कहां का न्याय है. जब हर फैसला भीड़ ही करने लगेगी तो फिर पुलिस-कानून और कचहरी का काम ही क्या रह जायेगा.
खंडवा जिले के खावला थाना क्षेत्र में भीड़ की नजर जैसे ही गोवंश भरे वाहन पर पड़ी, भीड़ ने घेरकर 8 वाहनों को पकड़ लिया, जिनमें 22 गोवंश भरे थे. इसके बाद भीड़ ने सभी तस्करों को एक ही रस्सी में बांधकर घुटनों के बल बैठा दिया. फिर उनसे कथित तौर पर जय गोमाता के नारे लगवाये गये और इसके बाद गोरक्षा के नाम पर भीड़ ने बिना पुलिस का इंतजार किये खुद ही फैसला करने लगी. उनकी पिटाई के बाद पूरे गांव में बांधकर घुमाया और उन्हें लगा कि उन्होंने इंसाफ कर दिया है, तब उन्हें पुलिस के हवाले कर दिया. इस मामले में पुलिस ने दोनों पक्षों के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
पिछले कुछ सालों से इस तरह भीड़ का इंसाफ कमोबेश पूरे देश में देखने को मिल रहा है, जिस पर रोक लगा पाने में कानून भी पूरी तरह फेल साबित हो रहा है. ऐसे में भीड़ के इंसाफ में इंसानियत का खुलेआम कत्ल हो रहा है, इस कत्लेआम पर रोक लगाना है, तभी समाज की समरसता बरकरार रहेगी.