कटनी। विजयराघवगढ़ के अमहटा गांव में प्रधानमंत्री आवास के पात्र हितग्राहियों का सपना टूटता दिख रहा है. कई ग्रामीणों को उनकी पात्रता के अनुसार आवास स्वीकृत किए गए थे, लेकिन आवास जिस भूमि पर बनाए जाने हैं, उस भूमि को ग्राम पंचायत सरपंच और सचिव प्राइवेट कंपनी की बताकर उन्हें नहीं दे रहे हैं.
हितग्राही आशा आदिवासी का कहना है कि जिस भूमि को प्राइवेट कंपनी की भूमि बताया जा रहा है, उस भूमि पर वह पीढ़ियों से काबिज हैं और मकान बनाकर निवास कर रहे हैं. जहां पर शासन द्वारा शौचालय भी बनाए गए हैं. दूसरी ओर कंपनी के कर्मचारियों का कहना है कि उनके द्वारा कोई स्टे आर्डर नहीं दिया गया है.
हितग्राहियों का कहना है कि पात्र होने और मकान स्वीकृत होने के बाद भी उनका घर बनाने का सपना टूटता नजर आ रहा है. जिसको लेकर जिला पंचायत सदस्य डॉ एके खान से शिकायत की है. वहीं इस मामले में डॉ एके खान ने कहा कि गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन वाले परिवारों ने आज जनसुनवाई के जरिए कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है.अगर जल्द इनका निराकरण नहीं हुआ, तो किसान संघर्ष समिति कलेक्ट्रेट कार्यालय का घेराव कर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठेगी.