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गेहूं खरादी केंद्र पर ट्रैक्टरों का अंबार, किसान दिनों तक कर रहे इंतजार - कटनी

कटनी के बहोरीबंद में गेहूं खरीदी केंद्र पर ट्रैक्टरों की भारी भीड़ जुट रही है. जिसके चलते किसानों को अपनी बोरी के लिए दिनों में इंतजार करना पड़ रहा है.

Tractor ammunition at the Wheat Lathe Center, farmers have been waiting for days
गेहूं खरादी केंद्र पर ट्रैक्टरों का अंबार, किसान दिनों तक कर रहे इंतजार
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Published : May 11, 2021, 3:27 PM IST

कटनी। किसानों को समर्थन मूल्य पर गेहूं के उचित दाम दिलाने के लिए जिले भर में खरीदी का काम जारी है. बहोरीबंद क्षेत्र के पटोरी केंद्र को सायलो बैग केंद्र बनाया गया है. जिसमें आसपास की लगभग 9 सोसाइटी के अंतर्गत आने वाले गांव की खरीदी एक साथ कराई जा रही है. यहां पर स्थिति यह है कि किसानों को ट्रैक्टर की कतार में दो-दो दिन तक अपनी बारी आने का इंतजार करना पड़ रहा है. जिसके चलते आए दिन हंगामे की स्थिति बनी रहती है.

गेहूं खरादी केंद्र पर ट्रैक्टरों का अंबार, किसान दिनों तक कर रहे इंतजार

रोज़ाना केंद्र में ऐसी ही स्थिति देखने को मिलती है जिसके चलते 2 घंटे खरीदी रोजाना बंद रहती है और इस दौरान केंद्र सरकार राजा सलैया की ओर लगभग 2 से ढाई किलोमीटर तक कई ट्रैक्टर कतार में खड़े रहते हैं, किसानों का कहना था कि केंद्र में की जा रही धर्म कांटे से तुलाई में काफी अंतर आ रहा है. जिसके चलते उन्हें नुकसान हो रहा है. यही कारण है कि किसानों के हंगामे के कारण काम बंद हो जाता है. इस बीच किसानों ने बताया कि खरीदी चालू होने के बाद कई लोग ऐसे हैं. जो पिछले 2 दिनों से ट्रैक्टर लेकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे और बहुत से लोग अभी भी एक-दो दिन से अपनी उपज बेचने के लिए खड़े हुए हैं. केंद्र में बहोरीबंद के अलावा रीठी के भी सेंटरों को शामिल किया गया है और 50 से 60 किलोमीटर दूर से किसान ट्रैक्टर लेकर उपज बेचने पहुंच रहे हैं.

गेहूं खरीदी पर कोरोना 'इफेक्ट', 50 फीसदी किसानों ने ही बेचा गेहूं

इस पूरे मामले को लेकर केंद्र प्रभारी दीपचंद्र विश्वकर्मा का कहना था कि किसानों द्वारा वजन में अंतर आने की बात कहीं जा रही थी. जिसके चलते दोनों कांटों को अदल बदल किया गया है. उसके बाद भी कई किसान बात मानने को तैयार नहीं थे. जिसके चलते खरीदी प्रभावित हो रही है. उन्होंने बताया कि 9 केंद्रों के अंतर्गत 60 से 70 गांव के किसानों की खरीदी हो रही है. इस कारण से देर लग रही है. जिसके चलते किसानों को कतार में खड़े होना पड़ रहा है.

किसानों ने बताया कि गांव से अपनी उपज केंद्र तक लाने के लिए अधिकांश किसान किराए से ट्रैक्टर लेकर आ रहे हैं. जिसमें उन्हें दो दिन तक इंतजार करने के कारण ट्रैक्टर मालिकों को दो हजार ₹3000 तक का भुगतान करना पड़ रहा है. इसके चलते ट्रैक्टर मालिक और किसानों के बीच नोकझोंक भी यहां पर देखने को मिलती है. ट्रैक्टर लेकर कतार में खड़े किसान बेमौसम बारिश और धूप से भी परेशान हैं.

कटनी। किसानों को समर्थन मूल्य पर गेहूं के उचित दाम दिलाने के लिए जिले भर में खरीदी का काम जारी है. बहोरीबंद क्षेत्र के पटोरी केंद्र को सायलो बैग केंद्र बनाया गया है. जिसमें आसपास की लगभग 9 सोसाइटी के अंतर्गत आने वाले गांव की खरीदी एक साथ कराई जा रही है. यहां पर स्थिति यह है कि किसानों को ट्रैक्टर की कतार में दो-दो दिन तक अपनी बारी आने का इंतजार करना पड़ रहा है. जिसके चलते आए दिन हंगामे की स्थिति बनी रहती है.

गेहूं खरादी केंद्र पर ट्रैक्टरों का अंबार, किसान दिनों तक कर रहे इंतजार

रोज़ाना केंद्र में ऐसी ही स्थिति देखने को मिलती है जिसके चलते 2 घंटे खरीदी रोजाना बंद रहती है और इस दौरान केंद्र सरकार राजा सलैया की ओर लगभग 2 से ढाई किलोमीटर तक कई ट्रैक्टर कतार में खड़े रहते हैं, किसानों का कहना था कि केंद्र में की जा रही धर्म कांटे से तुलाई में काफी अंतर आ रहा है. जिसके चलते उन्हें नुकसान हो रहा है. यही कारण है कि किसानों के हंगामे के कारण काम बंद हो जाता है. इस बीच किसानों ने बताया कि खरीदी चालू होने के बाद कई लोग ऐसे हैं. जो पिछले 2 दिनों से ट्रैक्टर लेकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे और बहुत से लोग अभी भी एक-दो दिन से अपनी उपज बेचने के लिए खड़े हुए हैं. केंद्र में बहोरीबंद के अलावा रीठी के भी सेंटरों को शामिल किया गया है और 50 से 60 किलोमीटर दूर से किसान ट्रैक्टर लेकर उपज बेचने पहुंच रहे हैं.

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इस पूरे मामले को लेकर केंद्र प्रभारी दीपचंद्र विश्वकर्मा का कहना था कि किसानों द्वारा वजन में अंतर आने की बात कहीं जा रही थी. जिसके चलते दोनों कांटों को अदल बदल किया गया है. उसके बाद भी कई किसान बात मानने को तैयार नहीं थे. जिसके चलते खरीदी प्रभावित हो रही है. उन्होंने बताया कि 9 केंद्रों के अंतर्गत 60 से 70 गांव के किसानों की खरीदी हो रही है. इस कारण से देर लग रही है. जिसके चलते किसानों को कतार में खड़े होना पड़ रहा है.

किसानों ने बताया कि गांव से अपनी उपज केंद्र तक लाने के लिए अधिकांश किसान किराए से ट्रैक्टर लेकर आ रहे हैं. जिसमें उन्हें दो दिन तक इंतजार करने के कारण ट्रैक्टर मालिकों को दो हजार ₹3000 तक का भुगतान करना पड़ रहा है. इसके चलते ट्रैक्टर मालिक और किसानों के बीच नोकझोंक भी यहां पर देखने को मिलती है. ट्रैक्टर लेकर कतार में खड़े किसान बेमौसम बारिश और धूप से भी परेशान हैं.

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