भोपाल: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जनता दरबार लगाने जा रहे हैं. इसके लिए तैयारियां अंतिम चरण में है. दरअसल, सीधे जनता दरबार लगाने से बहुत अधिक भीड़ पहुंचने की संभावना है. ऐसे में क्राउड मैनेजमेंट के लिए सीएम सचिवालय ने नया फार्मेट तैयार किया है. सभी शिकायत करने वालों को मुख्यमंत्री से मिलने की अनुमति नहीं होगी. पहले अधिकारी जनता की शिकायतें सुनेंगें, जो समस्या उनसे हल हो सकेगी उसे वहीं निपटा दिया जाएगा, बाकी शिकायतकर्ताओं को मुख्यमंत्री से मिलने का मौका दिया जाएगा.
सीएम हेल्पलाइन से कनेक्ट रहेगा पोर्टल
सचिवालय के अधिकारियों ने बताया कि जनता दरबार लगाने के लिए एक पोर्टल तैयार किया जा रहा है. इसे सीएम हेल्पलाइन नंबर 181 से कनेक्ट किया जाएगा. इस हेल्पलाइन पर जो भी शिकायतें आएंगी उनमें से जनता दरबार में मुख्यमंत्री से मिलकर उन्हें अपनी समस्या बताने की इच्छा रखने वाले आवेदकों के आवेदन इस सिंगल विंडों के माध्यम से लिए जाएंगे.
इन आवेदनों की स्क्रूटनी के दौरान शिकायत की प्रकृति देखी जाएगी. गंभीर प्रकृति की शिकायतों को लेकर पहले संबंधित आवेदकों से फोन पर चर्चा की जाएगी. यदि समस्या का समाधान स्थानीय स्तर पर हो सकता है, तो ऐसी शिकायतों को अधिकारियों के स्तर पर ही निपटा दिया जाएगा.
फरवरी माह से लग सकता है जनता दरबार
दरअसल, मुख्यमंत्री द्वारा जनता दरबार लगाने की योजना इस साल जनवरी महीने से ही थी. पहला जनता दरबार 6 जनवरी को लगाया जाना था. इस दिन अपनी समस्याएं लेकर प्रदेश भर से बड़ी संख्या में लोग सीएम आवास पहुंचे भी थे, लेकिन डॉ. यादव के व्यस्त कार्यक्रमों की वजह से जनता दरबार का आयोजन नहीं हो पाया और लोगों को निराश घर लौटना पड़ा था.
अधिकारिक सूत्रों का कहना है कि जनता दरबार के लिए जरूरी तैयारियां पूरी नहीं हुई थी. इसलिए समय सीमा में बदलाव किया गया है. जल्द ही नई तारीख घोषित की जाएगी. फरवरी महीने से इसकी शुरुआत होने की संभावना जताई जा रही हैं.
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जनता दरबार तक पहुंचेंगी सिर्फ जरूरी शिकायतें
अधिकारियों का कहना है कि जनता दरबार में भारी भीड़ उमड़ने का अनुमान है. प्रदेश भर से लोग छोटी-बड़ी समस्या लेकर सीएम से मिलने भोपाल पहुंचेंगे. इससे लोगों की भी परेशानी बढ़ेगी. भोपाल आने-जाने में उनके समय और पैसे की बर्बादी होगी, जबकि इनमें से कई समस्याएं ऐसी होंगी, जिनका समाधान जिला स्तर पर ही हो सकता है.
ऐसी स्थिति में वे लोग सीएम से मिलकर उन्हें अपनी समस्या बताने से वंचित रह जाएंगे. इससे जनता दरबार शुरू करने का मकसद पूरा नहीं होगा. क्राउड मैनेजमेंट के लिए और वाजिब शिकायतों के समाधान के लिए जनता दरबार का नया फार्मेट तैयार किया गया है.