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रतलाम में लाइट कैमरा एक्शन, सेव और सोना के बाद बन रहा फिल्मीस्तान - RATLAM FILMISTAN

रतलाम अब सेव साड़ी के अलावा भी अलग पहचान बना रहा है. यहां फिल्मों की शूटिंग भी हो रही है.

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रतलाम में लाइट कैमरा एक्शन (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 21, 2025, 7:58 PM IST

Updated : Feb 21, 2025, 8:36 PM IST

रतलाम: सेव, सोना और साड़ी के लिए मशहूर रतलाम की पहचान अब रतलाम में बनी फिल्मों के लिए भी होगी. जी हां रतलाम में अब बड़े पर्दे की फिल्म स्थानीय फिल्म मेकर बना रहे हैं. बड़े परदे और ओटीटी पर रतलाम में बनी आधा दर्जन फिल्में रिलीज भी हो चुकी है. खास बात यह है कि इन फिल्मों को यहीं पर बनाया गया है. साथ ही इन फिल्मों में अधिकांश स्थानीय कलाकारों को मौका दिया गया है.

रतलाम के हरीश दर्शन शर्मा, राजा कटारिया, राजेंद्र सिंह राठौर जैसे अनुभवी फिल्म निर्माता के साथ युवा भी फिल्म मेकिंग में रतलाम का नाम रोशन कर रहे हैं. इन फिल्मों को यहीं पर जुटाए गए संसाधनों और रिकॉर्डिंग स्टूडियो में बनाया गया है.

रतलाम में बन रहीं फिल्में

बीते 20 सालों से रतलाम के अलग-अलग फिल्मकार फिल्म बनाकर रतलाम को फिल्मी दुनिया के नक्शे पर ला चुके हैं. जिसमें रतलाम के प्रमोद गुगालिया, राजा कटारिया, हरीश दर्शन शर्मा, राजेंद्र सिंह राठौर और युवा पीढ़ी के हिमांशु श्रीवास्तव, कमलेश पाटीदार, सुरेंद्र सिंह डोडिया एवं सुभाष पटेल शामिल हैं. जो रतलाम का अपना फिल्मीस्तान डेवलप कर रहे हैं. इन सभी फिल्मकारों की फिल्में दूरदर्शन, बड़े पर्दे और ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज़ हो चुकी है.

रतलाम में हो रही फिल्मों की शूटिंग (ETV Bharat)

रतलाम में बनीं ये फिल्में

मालवा मराठा, बेखबर, स्ट्रीट सिंगर, मेरी शान है वर्दी, थारो म्हारो प्रेम, अहमियत और टेक्निकल टीचर यह उन फिल्मों के नाम है, जो रतलाम में रतलाम के ही फिल्म निर्माताओं द्वारा बनाई गई है. इन फिल्मकारों ने न केवल यह साबित किया है कि छोटे शहरों में भी बड़े पर्दे की फिल्में बनाई जा सकती है. वहीं स्थानीय कलाकारों को एक प्लेटफार्म दिया है, जो बॉलीवुड में जाकर अपनी प्रतिभा नहीं दिखा पाए.

रतलाम में अलग-अलग निर्माताओं और संगीतकारों द्वारा रिकॉर्डिंग स्टूडियो और एडिटिंग स्टूडियो बनाए गए हैं. जहां फिल्मों की डबिंग से लेकर एडिटिंग और सभी तकनीकी कार्य किया जा रहे हैं.

स्थानीय कलाकारों को मिल रहा मौका

रतलाम के फिल्म डायरेक्टर स्थानीय कलाकारों के साथ रतलाम में ही बड़े पर्दे की फिल्में बना रहे हैं. रतलाम में बनी इन फिल्मों को न केवल प्रदेश में बल्कि देश और विदेश में भी सराहना मिल रही है. मालवा मराठा, स्ट्रीट डांसर और टेक्निकल टीचर जैसी बड़े पर्दे की फिल्म बनाने वाले हरिश दर्शन शर्मा ने ईटीवी भारत से चर्चा में बताया की रतलाम ही नहीं बल्कि छोटे-छोटे गांव में भी आज तकनीक और इंटरनेट की पहुंच की वजह से शॉर्ट फिल्म और बड़ी फिल्में बनाई जा रही हैं.

हरीश दर्शन शर्मा ने कहा कि "टेक्नोलॉजी इतनी मददगार साबित हो रही है कि अब मोबाइल से ही फिल्मों को शूट किया जाने लगा है. वहीं, स्थानीय गायक, लेखक, सिनेमैटोग्राफर और एडिटर की उपलब्धता की वजह से छोटे शहरों में भी फिल्म बनाना आसान हो गया है. अपनी फिल्म को दिखाने के लिए अब केवल सिनेमाघरों पर ही आश्रित नहीं रहना पड़ता, बल्कि ओटीटी प्लेटफॉर्म्स और यूट्यूब प्रदर्शन का बेहतर साधन बनकर उभर चुके हैं." बहरहाल रतलाम के एक नहीं बल्कि करीब एक दर्जन फिल्मकार रतलाम में फिल्म मेकिंग को बढ़ावा दे रहे हैं और यहां की प्रतिभाओं को भी मौका दे रहे हैं.

रतलाम: सेव, सोना और साड़ी के लिए मशहूर रतलाम की पहचान अब रतलाम में बनी फिल्मों के लिए भी होगी. जी हां रतलाम में अब बड़े पर्दे की फिल्म स्थानीय फिल्म मेकर बना रहे हैं. बड़े परदे और ओटीटी पर रतलाम में बनी आधा दर्जन फिल्में रिलीज भी हो चुकी है. खास बात यह है कि इन फिल्मों को यहीं पर बनाया गया है. साथ ही इन फिल्मों में अधिकांश स्थानीय कलाकारों को मौका दिया गया है.

रतलाम के हरीश दर्शन शर्मा, राजा कटारिया, राजेंद्र सिंह राठौर जैसे अनुभवी फिल्म निर्माता के साथ युवा भी फिल्म मेकिंग में रतलाम का नाम रोशन कर रहे हैं. इन फिल्मों को यहीं पर जुटाए गए संसाधनों और रिकॉर्डिंग स्टूडियो में बनाया गया है.

रतलाम में बन रहीं फिल्में

बीते 20 सालों से रतलाम के अलग-अलग फिल्मकार फिल्म बनाकर रतलाम को फिल्मी दुनिया के नक्शे पर ला चुके हैं. जिसमें रतलाम के प्रमोद गुगालिया, राजा कटारिया, हरीश दर्शन शर्मा, राजेंद्र सिंह राठौर और युवा पीढ़ी के हिमांशु श्रीवास्तव, कमलेश पाटीदार, सुरेंद्र सिंह डोडिया एवं सुभाष पटेल शामिल हैं. जो रतलाम का अपना फिल्मीस्तान डेवलप कर रहे हैं. इन सभी फिल्मकारों की फिल्में दूरदर्शन, बड़े पर्दे और ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज़ हो चुकी है.

रतलाम में हो रही फिल्मों की शूटिंग (ETV Bharat)

रतलाम में बनीं ये फिल्में

मालवा मराठा, बेखबर, स्ट्रीट सिंगर, मेरी शान है वर्दी, थारो म्हारो प्रेम, अहमियत और टेक्निकल टीचर यह उन फिल्मों के नाम है, जो रतलाम में रतलाम के ही फिल्म निर्माताओं द्वारा बनाई गई है. इन फिल्मकारों ने न केवल यह साबित किया है कि छोटे शहरों में भी बड़े पर्दे की फिल्में बनाई जा सकती है. वहीं स्थानीय कलाकारों को एक प्लेटफार्म दिया है, जो बॉलीवुड में जाकर अपनी प्रतिभा नहीं दिखा पाए.

रतलाम में अलग-अलग निर्माताओं और संगीतकारों द्वारा रिकॉर्डिंग स्टूडियो और एडिटिंग स्टूडियो बनाए गए हैं. जहां फिल्मों की डबिंग से लेकर एडिटिंग और सभी तकनीकी कार्य किया जा रहे हैं.

स्थानीय कलाकारों को मिल रहा मौका

रतलाम के फिल्म डायरेक्टर स्थानीय कलाकारों के साथ रतलाम में ही बड़े पर्दे की फिल्में बना रहे हैं. रतलाम में बनी इन फिल्मों को न केवल प्रदेश में बल्कि देश और विदेश में भी सराहना मिल रही है. मालवा मराठा, स्ट्रीट डांसर और टेक्निकल टीचर जैसी बड़े पर्दे की फिल्म बनाने वाले हरिश दर्शन शर्मा ने ईटीवी भारत से चर्चा में बताया की रतलाम ही नहीं बल्कि छोटे-छोटे गांव में भी आज तकनीक और इंटरनेट की पहुंच की वजह से शॉर्ट फिल्म और बड़ी फिल्में बनाई जा रही हैं.

हरीश दर्शन शर्मा ने कहा कि "टेक्नोलॉजी इतनी मददगार साबित हो रही है कि अब मोबाइल से ही फिल्मों को शूट किया जाने लगा है. वहीं, स्थानीय गायक, लेखक, सिनेमैटोग्राफर और एडिटर की उपलब्धता की वजह से छोटे शहरों में भी फिल्म बनाना आसान हो गया है. अपनी फिल्म को दिखाने के लिए अब केवल सिनेमाघरों पर ही आश्रित नहीं रहना पड़ता, बल्कि ओटीटी प्लेटफॉर्म्स और यूट्यूब प्रदर्शन का बेहतर साधन बनकर उभर चुके हैं." बहरहाल रतलाम के एक नहीं बल्कि करीब एक दर्जन फिल्मकार रतलाम में फिल्म मेकिंग को बढ़ावा दे रहे हैं और यहां की प्रतिभाओं को भी मौका दे रहे हैं.

Last Updated : Feb 21, 2025, 8:36 PM IST
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