जबलपुर। स्वास्थ्य विभाग के क्षेत्रीय संचालक ने संभाग के सभी जिला अस्पतालों को एक सप्ताह की मोहलत दी है. स्वास्थ्य विभाग के क्षेत्रीय संचालक डॉ संजय मिश्रा ने अपने आदेश में कहा है कि अस्पतालों में अग्नि हादसों की रोकथाम के लिए इलेक्ट्रिसिटी ऑडिट का होना बेहद जरूरी हैं. लिहाजा संभाग के सभी जिला अस्पताल जल्द से जल्द इलेक्ट्रिसिटी ऑडिट करा कर उसकी रिपोर्ट पेश करें. स्वास्थ्य महकमे का यह आदेश न केवल जिला चिकित्सालयों के लिए है बल्कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर भी लागू होगा और इन केंद्रों को भी इलेक्ट्रिसिटी ऑडिट कराना अनिवार्य कर दिया गया है.
शॉर्ट सर्किट से अग्नि हादसा : बता दें कि सोमवार रात कटनी जिला अस्पताल के प्रसूता वार्ड में अचानक वार्ड में शॉर्ट सर्किट से अग्नि हादसा हो गया था. जब वार्ड में धुंआ फैल गया और महिलाओं का दम घुटने लगा था चंद मिनट में मरीज व उनके परिजनों में हड़कंप मच गया। लोग यहां-वहां भागने लगे. अस्पताल में भर्ती प्रसूता और नवजात को तुरंत बाहर निकाला गया उनके साथ अस्पताल में मौजूद सभी परिजनों को सुरक्षित बाहर शिफ्ट किया गया. बता दें कि आग के समय ऑपरेशन थियेटर में दो महिलाएं और नर्स मौजूद थीं, जिन्हें दूसरी नर्स और सिक्योरिटी गार्ड की मदद से रेस्क्यू किया गया.
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नर्स व गार्ड के जज्बे को सलाम : जानकारी मिलने के बाद मौके पर पहुंचे फायर ब्रिगेड ने आग पर कड़ी मशक्कत के बाद काबू पाया. लेकिन पूरे मामले में सबसे खास बात यह है कि इस आगजनी की घटना में हॉस्पिटल में ड्यूटी कर रहीं दुर्गा सिस्टर और सिक्योरिटी गार्ड ने आग लगते ही भर्ती सभी मरीजों को बाहर निकालने में अहम भूमिका रही. इनकी सूझ-बूझ से किसी भी प्रकार की कोई जन हानि नहीं हुई. क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य सेवाएं डॉ. संजय मिश्रा के मुताबिक समय-समय पर अस्पताल के स्टाफ को आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण दिया जाता है, जिसके चलते ही कटनी में हुए अग्नि हादसे को समय पर अस्पताल के कर्मचारियों ने ही काबू में कर लिया जिसके चलते कोई बड़ी जनहानि नहीं हो पाई.