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गेहूं खरीदी केंद्रों पर किसानों से खुली लूट, जिले के अधिकारी बेखबर - Farmers upset in procurement centers

जिले मे सालभर की मेहनत का परिणाम हासिल कर पाना भी अन्नदाता के लिए कठिन हो रहा है. सरकार ने फसल की खरीदी के लिए केंद्र तो खोल रखे हैं. लेकिन यह केंद्र किसानों के शोषण और लूट का अड्डा बनकर रह गए हैं. खरीदी केंद्रों में किसानों से तौलाई के नाम पर लूट हो रही है. मामले को लेकर जिले के अधिकारी बेखबर हैं.

Farmers are being rigged at procurement-centers in katni
गेहूं खरीदी केंद्रों में किसानों से खुली लूट, जिले के अधिकारी बेखबर
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Published : May 9, 2020, 8:10 PM IST

कटनी। गेहूं खरीदी केंद्रों में चल रही खुली लूट ने किसानों को परेशान कर दिया है. साल भर की मेहनत का परिणाम हासिल कर पाना भी अन्नदाता के लिए कठिन हो रहा है. सरकार ने फसल की खरीदी के लिए केंद्र तो खोल रखे हैं लेकिन यह केंद्र किसानों के शोषण और लूट का अड्डा बनकर रह गए हैं.

किसानों ने आरोप लगाते हुए बताया कि उनकी फसल की तौल में अधिक वजन और 10 रूपए पल्लेदार के पैसे केंद्र प्रभारी द्वारा लिए जा रहे हैं. मामला है कटनी शहर से महज 15 किलोमीटर दूर बिलहरी खरीदी केंद्र का. और दूसरे खरीदी केंद्र शहर से 35 किलोमीटर दूर विजयराघवगढ़ विधानसभा के केंद्रों में किसान लूटने को मजबूर हैं. हालांकि यह स्थिति सभी केंद्रों के हर कांटे में नाप तौल अलग-अलग निकल रही है. और किसानों की हर एक बोरी में 11 सौ ग्राम तक का वजन बताकर किसानों को हैरान परेशान किया जा रहा है. गेहूं की तौल में जबरदस्ती मनमानी चल रही है.

आलम यह है कि गेहूं खरीदी केंद्र प्रभारी अपनी जेब भरने के लालच में 12 से 13 साल के बच्चों से खरीदी केंद्रों में काम करवा रहे हैं. बाल श्रमिकों को 200 रूपए दिनभर की मजदूरी के स्वरूप में दिया जाता है. जबकि बाल श्रमिक से काम लेना कानूनन अपराध है.

इस पूरे मामले पर खरीदी केंद्र प्रभारी से बात की गई तो साहब कैमरा देखकर केंद्र छोड़कर ही भाग निकले, साथ ही जब इस संदर्भ में एसडीएम बलवीर रमन से जानकारी जाननी चाही गई तो उन्होंने जवाब दिया कि जांच के बाद ही आपको जानकारी मिल पाएगी. इन दोनों अधिकारियों के बयान से ये समझा जा सकता है कि जिले की खरीदी केंद्रों में लूट जोरों पर है.

कटनी। गेहूं खरीदी केंद्रों में चल रही खुली लूट ने किसानों को परेशान कर दिया है. साल भर की मेहनत का परिणाम हासिल कर पाना भी अन्नदाता के लिए कठिन हो रहा है. सरकार ने फसल की खरीदी के लिए केंद्र तो खोल रखे हैं लेकिन यह केंद्र किसानों के शोषण और लूट का अड्डा बनकर रह गए हैं.

किसानों ने आरोप लगाते हुए बताया कि उनकी फसल की तौल में अधिक वजन और 10 रूपए पल्लेदार के पैसे केंद्र प्रभारी द्वारा लिए जा रहे हैं. मामला है कटनी शहर से महज 15 किलोमीटर दूर बिलहरी खरीदी केंद्र का. और दूसरे खरीदी केंद्र शहर से 35 किलोमीटर दूर विजयराघवगढ़ विधानसभा के केंद्रों में किसान लूटने को मजबूर हैं. हालांकि यह स्थिति सभी केंद्रों के हर कांटे में नाप तौल अलग-अलग निकल रही है. और किसानों की हर एक बोरी में 11 सौ ग्राम तक का वजन बताकर किसानों को हैरान परेशान किया जा रहा है. गेहूं की तौल में जबरदस्ती मनमानी चल रही है.

आलम यह है कि गेहूं खरीदी केंद्र प्रभारी अपनी जेब भरने के लालच में 12 से 13 साल के बच्चों से खरीदी केंद्रों में काम करवा रहे हैं. बाल श्रमिकों को 200 रूपए दिनभर की मजदूरी के स्वरूप में दिया जाता है. जबकि बाल श्रमिक से काम लेना कानूनन अपराध है.

इस पूरे मामले पर खरीदी केंद्र प्रभारी से बात की गई तो साहब कैमरा देखकर केंद्र छोड़कर ही भाग निकले, साथ ही जब इस संदर्भ में एसडीएम बलवीर रमन से जानकारी जाननी चाही गई तो उन्होंने जवाब दिया कि जांच के बाद ही आपको जानकारी मिल पाएगी. इन दोनों अधिकारियों के बयान से ये समझा जा सकता है कि जिले की खरीदी केंद्रों में लूट जोरों पर है.

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