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इस लापरवाही जिम्मेदार कौन ? लॉकडाउन का नहीं हो रहा पालन, ऑटो से चल रही दुकानदारी - कोरोना पर लापरवाही एमपी

सोशल डिस्टेंसिंग बनाये रखने के लिए देशभर में 14 अप्रैल तक लॉकडाउन किया गया है। आदिवासी बाहुल्य झाबुआ जिले में जिला प्रशासन ने 10 अप्रैल तक संपूर्ण लॉकडाउन की घोषणा कर रखी है.

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इस लापरवाही का कौन जिम्मेदार
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Published : Apr 6, 2020, 5:35 PM IST

झाबुआ। सोशल डिस्टेंसिंग बनाये रखने के लिए देशभर में 14 अप्रैल तक लॉकडाउन किया गया है। आदिवासी बहुल झाबुआ जिले में जिला प्रशासन ने 10 अप्रैल तक संपूर्ण लॉकडाउन की घोषणा कर रखी है, बावजूद इसके शहर में दुकानदारों ने दुकानदारी का नया उपाय खोज लिया है. बड़ी संख्या में वाहनों में सब्जी के साथ-साथ किराना का सामान भरकर गली मोहल्लों में फेरी लगाई जा रही है. इस दौरान महामारी से बचाव के लिए दिये गए निर्देशों का भी पालन नहीं किया जा रहा है.

इस लापरवाही का कौन जिम्मेदार

हैरानी की बात यह है कि प्रशासन ने जिन व्यापारियों को जरूरी सामान की होम डिलीवरी करने के लिए अधिकृत किया था, उनसे कहीं अधिक संख्या में लोग शहर में अपने-अपने वाहनों में समान भरकर दुकान लगा रहे हैं झाबुआ शहर में कोई ठेला गाड़ी पर तो कोई अपनी बाइक पर सामान बेचता नजर आ रहा है. शहर में जीप, टेंपो, लोडिंग रिक्शा ,ऑटो रिक्शा में भी जरूरी सामानों की आपूर्ति के नाम पर दुकानदारी चलाई जा रही है.

लिहाजा अब बड़ा सवाल यह है कि जिन वाहनों से इन सामग्रियों का परिवहन किया जा रहा है, क्या इन वाहनों को सेनिटाइज किया गया था ? साथ ही साथ जो लोग इन वाहनों के साथ चल रहे हैं फिर भी सुरक्षा मानकों का पालन नहीं कर रहे हैं, इसकी जांच होनी चहिए.

सरकार ने देशभर में जो लॉकडाउन किया है उसका उद्देश्य केवल सोशल डिस्टेंसिंग कायम रखना है, मगर इन फेरी वालों के चलते गली मोहल्लों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो रहा है. लोग सामान खरीदने की जल्दबाजी में इसका पालन नहीं कर पा रहे हैं. फिलहाल जिले में एक भी कोरोना संक्रमण का मामला नहीं आया है. लेकिन यदि इसी तरह वाहनों से दुकानदारी चलती रही तो कोरोना के खतरे का भय हमेशा बना रहेगा.

झाबुआ। सोशल डिस्टेंसिंग बनाये रखने के लिए देशभर में 14 अप्रैल तक लॉकडाउन किया गया है। आदिवासी बहुल झाबुआ जिले में जिला प्रशासन ने 10 अप्रैल तक संपूर्ण लॉकडाउन की घोषणा कर रखी है, बावजूद इसके शहर में दुकानदारों ने दुकानदारी का नया उपाय खोज लिया है. बड़ी संख्या में वाहनों में सब्जी के साथ-साथ किराना का सामान भरकर गली मोहल्लों में फेरी लगाई जा रही है. इस दौरान महामारी से बचाव के लिए दिये गए निर्देशों का भी पालन नहीं किया जा रहा है.

इस लापरवाही का कौन जिम्मेदार

हैरानी की बात यह है कि प्रशासन ने जिन व्यापारियों को जरूरी सामान की होम डिलीवरी करने के लिए अधिकृत किया था, उनसे कहीं अधिक संख्या में लोग शहर में अपने-अपने वाहनों में समान भरकर दुकान लगा रहे हैं झाबुआ शहर में कोई ठेला गाड़ी पर तो कोई अपनी बाइक पर सामान बेचता नजर आ रहा है. शहर में जीप, टेंपो, लोडिंग रिक्शा ,ऑटो रिक्शा में भी जरूरी सामानों की आपूर्ति के नाम पर दुकानदारी चलाई जा रही है.

लिहाजा अब बड़ा सवाल यह है कि जिन वाहनों से इन सामग्रियों का परिवहन किया जा रहा है, क्या इन वाहनों को सेनिटाइज किया गया था ? साथ ही साथ जो लोग इन वाहनों के साथ चल रहे हैं फिर भी सुरक्षा मानकों का पालन नहीं कर रहे हैं, इसकी जांच होनी चहिए.

सरकार ने देशभर में जो लॉकडाउन किया है उसका उद्देश्य केवल सोशल डिस्टेंसिंग कायम रखना है, मगर इन फेरी वालों के चलते गली मोहल्लों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो रहा है. लोग सामान खरीदने की जल्दबाजी में इसका पालन नहीं कर पा रहे हैं. फिलहाल जिले में एक भी कोरोना संक्रमण का मामला नहीं आया है. लेकिन यदि इसी तरह वाहनों से दुकानदारी चलती रही तो कोरोना के खतरे का भय हमेशा बना रहेगा.

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