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सरकारी कर्मचारी घोषित करने की मांग को लेकर हड़ताल

मध्य प्रदेश सहकारिता समिति कर्मचारी संघ के बैनर तले जिले की 46 समितियों में काम करने वाले सैकड़ों कर्मचारियों ने हड़ताल की. जिसके तहत उन्होंने सरकार से सरकारी कर्मचारी बनाने की मांग की है.

Strike to demand to make government employees
सरकारी कर्मचारी बनाने की मांग को लेकर हड़ताल
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Published : Feb 16, 2021, 8:11 PM IST

झाबुआ। मध्य प्रदेश सहकारिता समिति कर्मचारी संघ के बैनर तले जिले की 46 समितियों में कार्य करने वाले सैकड़ों कर्मचारी अपनी लंबित मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे हैं. बीते सोमवार को इन समितियों के राशन दुकान सेल्समेनों ने पीओएस मशीन प्रशासन को जमा कर विरोध किया था, हालांकि प्रशासन ने पीओएस मशीन में डाटा होने का हवाला देकर मशीन लेने से मना कर दिया था.

हड़ताल के चलते जिले की अधिकांश राशन दुकानों पर तालाबंदी नजर आई. तालाबंदी के चलते सरकारी उचित मूल्य पर मिलने वाला खाद्यान गरीब हितग्रहियों तो नहीं मिल पाया. समय रहते इन कर्मचारी और संस्थाओं की हड़ताल खत्म नहीं हुई, तो आने वाले महीनों में होने वाली गेहूं खरीदी के पंजीयन और खरीदी में भारी परेशानियों का सामना प्रशासन को करना पड़ सकता है.

शासकीय कर्मचारी घोषित करने की मांग

हड़ताल के दौरान सहकारिता समिति कर्मचारी संघ के सदस्यों ने सहकारी समिति के प्रबंधक, सहायक प्रबंधक, विक्रेता सेल्समैन, लेखापाल, लिपिक, कंप्यूटर ऑपरेटर, भृत्य, चौकीदार को शासकीय कर्मचारी घोषित करने की मांग की है. साथ ही मध्य प्रदेश सरकार के अन्य कर्मचारियों की भांति वेतन, भत्ते, बीमा सहित अन्य सुविधा का लाभ दिए जाने की भी मांग की गई है.

लंबित कमीशन देने की मांग

दरअसल जिले की राशन दुकानों से पीडीएस का अनाज हितग्राहियों तक पहुंचाने में इन सहकारी समितियों का महत्वपूर्ण योगदान होता है. कर्मचारियों का कहना है कि लंबे समय से सरकार ने उन्हें पीडीएस कमीशन का भुगतान नहीं किया, जिसके चलते संस्था का कामकाज करने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इसलिए सहकारी समितियों के कर्मचारियों पर दर्ज किए गए विभिन्न मामलों को वापस लिया जाए. साथ ही गेहूं, चना, सरसों, धान, ज्वार, बाजरा, मक्का आदि उपार्जन कार्य का कमीशन भी वर्षों से भुगतान नहीं किया गया है, जिसका कमीशन सरकार को देना चाहिए.

इस मामले में वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि सहकारी कर्मचारियों की मांग को शासन स्तर पर भेजा जाएगा, लेकिन उसका हल कब निकलेगा इसके बारे में कुछ भी नहीं कहा जा सकता.

पीओएस मशीन सुरक्षित रखने पर विचार

सोमवार को जिले की राशन दुकानों के सेल्समैनों ने अपनी पीओएस मशीन जिला खाद्य अधिकारी, सहकारिता उपायुक्त और सीसीबी बैंक के महाप्रबंधक को दे रहे थे, लेकिन इन अधिकारियों ने कर्मचारी की पीओएस मशीन लेने से मना कर दिया था. अब हड़ताली कर्मचारी अपने स्तर पर इन पीओएस मशीन को सुरक्षित स्थान पर रखने की बात कह रहे हैं.

झाबुआ। मध्य प्रदेश सहकारिता समिति कर्मचारी संघ के बैनर तले जिले की 46 समितियों में कार्य करने वाले सैकड़ों कर्मचारी अपनी लंबित मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे हैं. बीते सोमवार को इन समितियों के राशन दुकान सेल्समेनों ने पीओएस मशीन प्रशासन को जमा कर विरोध किया था, हालांकि प्रशासन ने पीओएस मशीन में डाटा होने का हवाला देकर मशीन लेने से मना कर दिया था.

हड़ताल के चलते जिले की अधिकांश राशन दुकानों पर तालाबंदी नजर आई. तालाबंदी के चलते सरकारी उचित मूल्य पर मिलने वाला खाद्यान गरीब हितग्रहियों तो नहीं मिल पाया. समय रहते इन कर्मचारी और संस्थाओं की हड़ताल खत्म नहीं हुई, तो आने वाले महीनों में होने वाली गेहूं खरीदी के पंजीयन और खरीदी में भारी परेशानियों का सामना प्रशासन को करना पड़ सकता है.

शासकीय कर्मचारी घोषित करने की मांग

हड़ताल के दौरान सहकारिता समिति कर्मचारी संघ के सदस्यों ने सहकारी समिति के प्रबंधक, सहायक प्रबंधक, विक्रेता सेल्समैन, लेखापाल, लिपिक, कंप्यूटर ऑपरेटर, भृत्य, चौकीदार को शासकीय कर्मचारी घोषित करने की मांग की है. साथ ही मध्य प्रदेश सरकार के अन्य कर्मचारियों की भांति वेतन, भत्ते, बीमा सहित अन्य सुविधा का लाभ दिए जाने की भी मांग की गई है.

लंबित कमीशन देने की मांग

दरअसल जिले की राशन दुकानों से पीडीएस का अनाज हितग्राहियों तक पहुंचाने में इन सहकारी समितियों का महत्वपूर्ण योगदान होता है. कर्मचारियों का कहना है कि लंबे समय से सरकार ने उन्हें पीडीएस कमीशन का भुगतान नहीं किया, जिसके चलते संस्था का कामकाज करने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इसलिए सहकारी समितियों के कर्मचारियों पर दर्ज किए गए विभिन्न मामलों को वापस लिया जाए. साथ ही गेहूं, चना, सरसों, धान, ज्वार, बाजरा, मक्का आदि उपार्जन कार्य का कमीशन भी वर्षों से भुगतान नहीं किया गया है, जिसका कमीशन सरकार को देना चाहिए.

इस मामले में वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि सहकारी कर्मचारियों की मांग को शासन स्तर पर भेजा जाएगा, लेकिन उसका हल कब निकलेगा इसके बारे में कुछ भी नहीं कहा जा सकता.

पीओएस मशीन सुरक्षित रखने पर विचार

सोमवार को जिले की राशन दुकानों के सेल्समैनों ने अपनी पीओएस मशीन जिला खाद्य अधिकारी, सहकारिता उपायुक्त और सीसीबी बैंक के महाप्रबंधक को दे रहे थे, लेकिन इन अधिकारियों ने कर्मचारी की पीओएस मशीन लेने से मना कर दिया था. अब हड़ताली कर्मचारी अपने स्तर पर इन पीओएस मशीन को सुरक्षित स्थान पर रखने की बात कह रहे हैं.

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