ETV Bharat / state

MP Panchayat Election: मध्य प्रदेश में नगरीय और पंचायत है विधानसभा चुनाव का लिटमस टेस्ट

MP में निकाय और पंचायत चुनाव का रास्ता साफ होने के साथ ही बीजेपी और कांग्रेस के बीच सत्ता का सेमीफाइनल शुरु हो चुका है. भले ही अभी मुकाबला सीधा ना हो. ना ही इसमें पार्टी के झंड़े तले इलेक्शन होगा. मगर जमीनी स्तर पर नगर-नगर और गांव-गांव किसकी कितनी पकड़ है का पता चल जाएगा. यही नहीं इस चुनाव के परिणाम के साथ एक दिशा भी तय होगी की स्थानीय मुद्दे 2023 के विधानसभा चुनाव में कितना असर डालेंगे. (panchayat politics of mp) (mp panchayat local body election)

MP Panchayat Election
मध्य प्रदेश में नगरीय और पंचायत है विधानसभा
author img

By

Published : May 21, 2022, 12:34 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश में आगामी समय में नगरीय निकाय और पंचायत के चुनाव होने वाले हैं, इन चुनावों को वर्ष 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले के लिटमस टेस्ट के तौर पर देखा जा रहा है. इसकी वजह है क्योंकि निकाय और विधानसभा के चुनाव में ज्यादा अंतर नहीं रहने वाला है. राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग को नगरीय और पंचायत चुनाव में आरक्षण दिए जाने का मामले को लेकर काफी अरसे तक खींचतान चली और आखिर में सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर आरक्षण के साथ अब चुनाव होना है. दोनों ही राजनीतिक दल अब तैयारियों में जुट गए हैं.

क्या है एमपी में निकाय, पंचायतों की स्थिति: राज्य में निकायों की स्थिति पर गौर करें तो कुल 16 नगर निगम हैं, जबकि 100 नगर पालिकाएं और 264 नगर पंचायतें हैं तो वहीं, ग्राम पंचायतों की संख्या 23 हजार से ज्यादा हैं. वर्ष 2014 में हुए चुनाव में भाजपा ने सभी 16 नगर निगमों भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, सागर, रीवा, उज्जैन, खंडवा, बुरहानपुर, रतलाम, देवास, सिंगरोली, कटनी, सतना, छिंदवाड़ा और मुरैना में जीत हासिल की थी. इसी तरह नगर पालिका, नगर पंचायत में भी भाजपा का दबदबा रहा था.

बिना झंड़े के होंगे चुनाव: पंचायतों के चुनाव गैर दलीय आधार पर होते है, इसलिए जो जीतता है उसे दोनों दल अपनी-अपनी सुविधा के अनुसार बताते और प्रचारित करते हैं. पिछले नगरीय निकाय और पंचायत के चुनाव में लगभग चार माह का अंतर था, मगर इस बार इस बात की संभावना है कि यह अंतर कम रहेगा. वहीं विधानसभा चुनाव और निकाय चुनाव में अंतर लगभग डेढ साल ही रहने वाला है. विधानसभा चुनाव वर्ष 2023 में होंगे.

राज्य निर्वाचन आयोग की तैयारियां: सर्वोच्च न्यायालय द्वारा ओबीसी को आरक्षण देने के साथ चुनाव कराए जाने के फैसले के बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने तैयारियां शुरू कर दी है, अधिसूचना जारी किए जाने के साथ आरक्षण की प्रक्रिया शुरु करने के निर्देश दिए जा चुके है. वहीं भाजपा और कांग्रेस ने भी इन चुनावों के लिए कमर कस ली है. कांग्रेस ने पंचायत प्रकोष्ठ की बैठक बुलाई. इस बैठक में प्रदेश अध्यक्ष कमल नाथ, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के अलावा पार्टी के तमाम दिग्गज शामिल हुए. नेताओं ने कांग्रेस के ग्रामीण इलाकों में मजबूत होने का दावा करते हुए पंचायत प्रकोष्ठ के पदाधिकारियों से इन चुनाव को पूरी ताकत से लड़ने का आह्वान किया.

पार्टियों की तैयारी: दूसरी ओर भाजपा ने भी पंचायत चुनाव की तैयारियों में तेजी ला दी है. पार्टी ने संभाग और जिले के प्रभारियों की नियुक्ति कर दी है. आगामी दिनों में यह प्रभारी बैठकें भी करेंगे. प्रभारी की जिम्मेदारी राज्य सरकार के मंत्रियों, विधायकों और वरिष्ठ नेताओं को सौंपी गई है.

कैसे है लिटमस टेस्ट: राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि पंचायत और नगरीय निकाय के ऐसे चुनाव है जिनमें राज्य के ग्रामीण और शहरी दोनों हिस्सों के मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग करते है, इसका अर्थ है सभी मतदाता हिस्सा लेंगे. यह चुनाव विधानसभा चुनाव से पहले हो रहे हैं, इसलिए इनका काफी महत्व है. इसे विधानसभा चुनाव से पहले का लिटमस टेस्ट भी माना जा सकता है. इन चुनावों के नतीजों से राज्य में विधानसभा चुनाव के लिए सियासी माहौल बनना तय है.

भोपाल। मध्य प्रदेश में आगामी समय में नगरीय निकाय और पंचायत के चुनाव होने वाले हैं, इन चुनावों को वर्ष 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले के लिटमस टेस्ट के तौर पर देखा जा रहा है. इसकी वजह है क्योंकि निकाय और विधानसभा के चुनाव में ज्यादा अंतर नहीं रहने वाला है. राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग को नगरीय और पंचायत चुनाव में आरक्षण दिए जाने का मामले को लेकर काफी अरसे तक खींचतान चली और आखिर में सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर आरक्षण के साथ अब चुनाव होना है. दोनों ही राजनीतिक दल अब तैयारियों में जुट गए हैं.

क्या है एमपी में निकाय, पंचायतों की स्थिति: राज्य में निकायों की स्थिति पर गौर करें तो कुल 16 नगर निगम हैं, जबकि 100 नगर पालिकाएं और 264 नगर पंचायतें हैं तो वहीं, ग्राम पंचायतों की संख्या 23 हजार से ज्यादा हैं. वर्ष 2014 में हुए चुनाव में भाजपा ने सभी 16 नगर निगमों भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, सागर, रीवा, उज्जैन, खंडवा, बुरहानपुर, रतलाम, देवास, सिंगरोली, कटनी, सतना, छिंदवाड़ा और मुरैना में जीत हासिल की थी. इसी तरह नगर पालिका, नगर पंचायत में भी भाजपा का दबदबा रहा था.

बिना झंड़े के होंगे चुनाव: पंचायतों के चुनाव गैर दलीय आधार पर होते है, इसलिए जो जीतता है उसे दोनों दल अपनी-अपनी सुविधा के अनुसार बताते और प्रचारित करते हैं. पिछले नगरीय निकाय और पंचायत के चुनाव में लगभग चार माह का अंतर था, मगर इस बार इस बात की संभावना है कि यह अंतर कम रहेगा. वहीं विधानसभा चुनाव और निकाय चुनाव में अंतर लगभग डेढ साल ही रहने वाला है. विधानसभा चुनाव वर्ष 2023 में होंगे.

राज्य निर्वाचन आयोग की तैयारियां: सर्वोच्च न्यायालय द्वारा ओबीसी को आरक्षण देने के साथ चुनाव कराए जाने के फैसले के बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने तैयारियां शुरू कर दी है, अधिसूचना जारी किए जाने के साथ आरक्षण की प्रक्रिया शुरु करने के निर्देश दिए जा चुके है. वहीं भाजपा और कांग्रेस ने भी इन चुनावों के लिए कमर कस ली है. कांग्रेस ने पंचायत प्रकोष्ठ की बैठक बुलाई. इस बैठक में प्रदेश अध्यक्ष कमल नाथ, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के अलावा पार्टी के तमाम दिग्गज शामिल हुए. नेताओं ने कांग्रेस के ग्रामीण इलाकों में मजबूत होने का दावा करते हुए पंचायत प्रकोष्ठ के पदाधिकारियों से इन चुनाव को पूरी ताकत से लड़ने का आह्वान किया.

पार्टियों की तैयारी: दूसरी ओर भाजपा ने भी पंचायत चुनाव की तैयारियों में तेजी ला दी है. पार्टी ने संभाग और जिले के प्रभारियों की नियुक्ति कर दी है. आगामी दिनों में यह प्रभारी बैठकें भी करेंगे. प्रभारी की जिम्मेदारी राज्य सरकार के मंत्रियों, विधायकों और वरिष्ठ नेताओं को सौंपी गई है.

कैसे है लिटमस टेस्ट: राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि पंचायत और नगरीय निकाय के ऐसे चुनाव है जिनमें राज्य के ग्रामीण और शहरी दोनों हिस्सों के मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग करते है, इसका अर्थ है सभी मतदाता हिस्सा लेंगे. यह चुनाव विधानसभा चुनाव से पहले हो रहे हैं, इसलिए इनका काफी महत्व है. इसे विधानसभा चुनाव से पहले का लिटमस टेस्ट भी माना जा सकता है. इन चुनावों के नतीजों से राज्य में विधानसभा चुनाव के लिए सियासी माहौल बनना तय है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.