झाबुआ। नगर पालिका अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के निर्वाचन की प्रक्रिया सोमवार सुबह साढ़े 10 बजे से कलेक्टोरेट सभाकक्ष में प्रारंभ हुई. सबसे पहले युवक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. विक्रांत भूरिया और वरिष्ठ नेता प्रकाश रांका के साथ कांग्रेसी पार्षद धूमसिंह डामोर, करीम शेख, शाहीन कुरेशी, रोशन रशीद, विनय भाबर, शीला मकवाना और मालू डोडियार कलेक्टोरेट पहुंचे. इनके कुछ देर बाद ही अलग- अलग तीन वाहनों से भाजपा पार्षद रेखा शर्मा, कविता राठौर, विजय चौहान, लाखनसिंह सोलंकी, पंडित महेंद्र तिवारी, बसंती धनसिंह बारिया, कविता सिंगार, पर्वत मकवाना और नरेंद्र राठौरिया भी पहुंच गए.
भाजपा ने अंत तक नहीं किया नाम का खुलासा : निर्दलीय पार्षद घनश्याम भाटी और अनिला बेस सबसे आखिर में पहुंचे. हालांकि इस समय तक भी भाजपा ने ये खुलासा नहीं किया था कि अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के लिए उनका उम्मीदवार कौन होगा. इसमें पूरी गोपनीयता बरती गई थी, क्योंकि यदि पहले से नाम बताने से पार्टी में फूट पड़ने की आशंका थी. उधर, कांग्रेस की तरफ से अध्यक्ष पद के लिए केवल एक ही नाम वार्ड क्रमांक 11 के पार्षद धूमसिंह डामोर का था. जिस वक्त कलेक्टोरेट में अध्यक्ष पद के लिए नामांकन भरने की प्रक्रिया चल रही थी, उस वक्त हर कोई बाहर खड़ा अपने स्तर पर ये कयास लगा रहा था कि आखिर भाजपा ने किसे अपना प्रत्याशी घोषित किया है.
बीजेपी प्रत्याशी का खुलासा होते ही हड़कंप : कुछ देर में जब स्थिति स्पष्ट हुई कि भाजपा ने वार्ड क्रमांक 14 की पार्षद कविता सिंगार को अध्यक्ष पद का उम्मीदवार बनाया है तो इसके साथ ही ये भी खबर आई कि भाजपा पार्षद बसंती धनसिंह बारिया ने बगावत कर दी है. उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल किया है. उनकी प्रस्तावक बनी वार्ड क्रमांक चार से भाजपा पार्षद कविता राठौर. इस खबर ने भाजपा में खलबली मचा दी तो कांग्रेस के खेमे में उत्साह जगाने का काम किया. क्योंकि संख्याबल के लिहाज से भाजपा के पार्षदों की संख्या 9 थी और दो पार्षदों के खुली बगावत करने से सारा गणित गड़बड़ा गया था. उधर, कांग्रेसी पार्षद की संख्या 7 थी तो कांग्रेस को पूरी उम्मीद थी कि भाजपा की अंदरूनी लड़ाई का फायदा उन्हें मिलेगा. जबकि दो निर्दलीय पार्षद निर्णायक की भूमिका में आ गए थे. लेकिन जब अध्यक्ष पद के नतीजे आए तो वे काफी चौंकाने वाले निकले.
ये है नगरपालिका में संख्याबल : यदि संख्याबल देखें तो भाजपा पार्षदों की संख्या 9 थी. जबकि कांग्रेस पार्षद की संख्या 7 थी. दो पार्षद निर्दलीय हैं. अब प्रत्याशियों को मिले मत की स्थिति देखी जाए तो कांग्रेस प्रत्याशी धूमसिंह को 7 में से केवल 4 मत मिले. यानी तीन पार्षदों ने कांग्रेस का साथ नहीं दिया. वहीं भाजपा की बागी बसंती को पांच मत मिले. इसमें से एक मत स्वयं का है और एक उनकी प्रस्तावक कविता राठौर का. अन्य तीन मत किसने उन्हें दिए, ये अपने आप में एक बड़ा सवाल है. उधर दो पार्षदों के खुली बगावत करने के बावजूद कविता को पूरे 9 मत मिले. यहां भी यही सवाल उठता है कि ये दो पार्षद कौन से हैं जिन्होंने भाजपा को अपना समर्थन दिया. उपाध्यक्ष पद के लिए भाजपा ने लाखन सिंह सोलंकी को प्रत्याशी बनाया तो कांग्रेस की ओर से विनय भाबर ने नामांकन दाखिल किया. हालांकि विनय ने अपना नाम वापस ले लिया. इसकी वजह अध्यक्ष पद के लिए हुए मतदान के दौरान तीन कांग्रेस पार्षदों द्वारा समर्थन नहीं देना था. वैसे भी संख्याबल में कांग्रेस पिछड़ी हुई थी.
भाजपा जिलाध्यक्ष जमकर भड़के : जब ये खबर आई कि भाजपा पार्षद बसंती बारिया ने बगावत करते हुए निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल किया है तो भाजपाई स्तब्ध रह गए. भाजपा जिलाध्यक्ष लक्ष्मण सिंह नायक तो जमकर उखड़ गए. इस दौरान उनकी और बसंती के पति धनसिंह बारिया की जमकर बहस भी हो गई. धनसिंह ने खुले रूप से कह दिया कि पार्टी को जो करना है वह करे, अब उनकी पत्नी का नामांकन वापस नहीं होगा. भाजपा जिलाध्यक्ष नायक ने लगे हाथ वार्ड क्रमांक चार की पार्षद कविता राठौर के पति नाना राठौर की भी क्लास ले ली. कविता भाजपा की बागी बसंती की प्रस्तावक बनी थी और बाहर खड़ा नाना इस तरह से अनजान बन रहा था, जैसे उसे इस घटनाक्रम की कोई जानकारी ही नहीं हो.
धनसिंह ने भाजपा संगठन पर लगाए आरोप : अध्यक्ष पद के लिए अपनी पत्नी बसंती को उम्मीदवार नहीं बनाए जाने से नाराज पूर्व नपा अध्यक्ष धनसिंह बारिया ने भाजपा संगठन पर बेहद गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कल तक टिकट क्लियर था. फिर अचानक रात में तीसरी बार पर्यवेक्षक आते हैं. वे कहते हैं एक बार फिर मैं सभी पार्षदों से वन टू वन चर्चा करूंगा, वो भी वोटिंग के एक घंटा पूर्व. मेघनगर में सुबह सभी पार्षदों को बुलाया जाता है और पैसा लेकर टिकट चेंज कर दिया जाता है. ईमानदार और गरीब भाजपा कार्यकर्ता की छाती पर इन्होंने मूंग दले हैं. धनसिंह ने आरोप लगाया की 50 लाख से एक करोड़ रुपए तक का लेनदेन कर टिकट बदला गया है.
चुनाव परिणाम के बाद नेताओं के बयान :
सभी को साथ लेकर नगर का विकास करना ही मेरा एक मात्र लक्ष्य रहेगा, हमने जो भी वादे जनता से किए हैं, उन्हें एक-एक कर पूरा करेंगे. जिसने भी मुझ पर विश्वास जताया. मैं उन सभी की आभारी हूं.
- कविता सिंगार, नवनिर्वाचित नपाध्यक्ष, झाबुआ
जिन कांग्रेस पार्षदों ने भितरघात किया है, उनके नाम सामने आ जाएंगे. उन सभी के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.
- डॉ. विक्रांत भूरिया, प्रदेश अध्यक्ष, युवक कांग्रेस
मेरे साथ मेरी ही पार्टी के तीन पार्षदों ने बगावत की है. पूरे समय मेरे साथ रहे और मतदान के समय धोखा दे दिया.
- धूमसिंह डामोर, कांग्रेस प्रत्याशी हार के बाद
ये संगठन की जीत है. विपरीत परिस्थितियों के बावजूद हमने बेहतर प्रदर्शन किया. जिन लोगों ने बगावत की है, उन सभी को पार्टी से निष्कासित किया जाएगा.
- लक्ष्मण सिंह नायक, जिलाध्यक्ष, भाजपा.
(Jhabua municipal election) (BJP won municipal chairman) (Congress defeated Bhurias stronghold)