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झाबुआ की जनता ने सुना पीएम मोदी के मन की बात का 100वां एपिसोड, सांसद ने बताया दुनिया का बेहतर कार्यक्रम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रेडियो कार्यक्रम मन की बात का 100वें एपिसोड संपन्न हो गया. यह आकाशवाणी पर प्रसारित होने वाला कार्यक्रम है. झाबुआवासियों ने पीएम मोदी के मन की बात सुनी. इस कार्यक्रम को सुनने के लिए अधिकारी-कर्मचारी से लेकर विद्यार्थी तक जुटे.

pm modi man ki baat
झाबुआवासियों ने सुनी पीएम मोदी के मन की बात
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Published : Apr 30, 2023, 3:29 PM IST

मन की बात सुनते झाबुआ वासी

झाबुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रेडियो कार्यक्रम मन की बात के 100वें एपिसोड को सुनने के लिए रविवार को जनप्रतिनिधियों के साथ अधिकारी-कर्मचारी तक जुटे रहे. सांसद गुमान सिंह डामोर ने सभी की अगवानी की. 30 मिनट तक चले इस कार्यक्रम को सभी ने पूरी गंभीरता के साथ सुना. आयोजन में पूर्व विधायक शांतिलाल बिलवाल, कलेक्टर तन्वी हुड्डा, एसपी अगम जैन, जिला पंचायत सीईओ अमन वैष्णव, सीएमएचओ डॉ. जेपीएस ठाकुर के साथ ही सभी विभागों के प्रमुख मौजूद थे. निर्धारित समय सुबह 11 बजे कार्यक्रम की शुरुआत हुई. हालांकि दो बार कुछ देर के लिए नेटवर्क की वजह से प्रसारण में दिक्कत भी आई.

मन की बात में कभी राजनीति की बात नहीं हुई: 30 अप्रैल 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात का 100वां एपिसोड था. जिसको लेकर देश में तैयारियां की गई थी. इस क्रम में झाबुआवासियों ने मोदी के मन की बात सुनी. कार्यक्रम के समापन के बाद सांसद गुमान सिंह डामोर ने कहा कि "आज देशभर में 4 लाख से अधिक स्थानों पर करोड़ों देशवासियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात को सुना. मन की बात एक ऐसा प्लेटफार्म है, जहां देश में हो रहे अच्छे कामों को बताया गया. दुनिया का यह श्रेष्ठतम कार्यक्रम है, जो राजनीति से परे है.

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एक बार झाबुआ की हलमा परंपरा का भी जिक्र कर चुके हैं मोदी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के 88वें एपिसोड में जल संरक्षण के लिए पश्चिमी मप्र के आदिवासी अंचल झाबुआ की हलमा परंपरा का खास तौर पर जिक्र किया था. भील जनजाति ने अपनी एक ऐतिहासिक परंपरा हलमा को जल संरक्षण के लिए इस्तेमाल किया. इस परंपरा के तहत जनजाति के लोग पानी से जुड़ी समस्या का उपाय ढूंढने के लिए एक जगह पर एकत्रित होते हैं. हलमा परंपरा से इस क्षेत्र में पानी का संकट कम हुआ है और भू जल स्तर भी बढ़ रहा है. पीएम मोदी ने कहा था ऐसे ही कर्तव्य का भाव सबके मन में आ जाए तो जल संकट से जुड़ी बड़ी से बड़ी चुनौती का समाधान हो सकता है.

मन की बात सुनते झाबुआ वासी

झाबुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रेडियो कार्यक्रम मन की बात के 100वें एपिसोड को सुनने के लिए रविवार को जनप्रतिनिधियों के साथ अधिकारी-कर्मचारी तक जुटे रहे. सांसद गुमान सिंह डामोर ने सभी की अगवानी की. 30 मिनट तक चले इस कार्यक्रम को सभी ने पूरी गंभीरता के साथ सुना. आयोजन में पूर्व विधायक शांतिलाल बिलवाल, कलेक्टर तन्वी हुड्डा, एसपी अगम जैन, जिला पंचायत सीईओ अमन वैष्णव, सीएमएचओ डॉ. जेपीएस ठाकुर के साथ ही सभी विभागों के प्रमुख मौजूद थे. निर्धारित समय सुबह 11 बजे कार्यक्रम की शुरुआत हुई. हालांकि दो बार कुछ देर के लिए नेटवर्क की वजह से प्रसारण में दिक्कत भी आई.

मन की बात में कभी राजनीति की बात नहीं हुई: 30 अप्रैल 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात का 100वां एपिसोड था. जिसको लेकर देश में तैयारियां की गई थी. इस क्रम में झाबुआवासियों ने मोदी के मन की बात सुनी. कार्यक्रम के समापन के बाद सांसद गुमान सिंह डामोर ने कहा कि "आज देशभर में 4 लाख से अधिक स्थानों पर करोड़ों देशवासियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात को सुना. मन की बात एक ऐसा प्लेटफार्म है, जहां देश में हो रहे अच्छे कामों को बताया गया. दुनिया का यह श्रेष्ठतम कार्यक्रम है, जो राजनीति से परे है.

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एक बार झाबुआ की हलमा परंपरा का भी जिक्र कर चुके हैं मोदी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के 88वें एपिसोड में जल संरक्षण के लिए पश्चिमी मप्र के आदिवासी अंचल झाबुआ की हलमा परंपरा का खास तौर पर जिक्र किया था. भील जनजाति ने अपनी एक ऐतिहासिक परंपरा हलमा को जल संरक्षण के लिए इस्तेमाल किया. इस परंपरा के तहत जनजाति के लोग पानी से जुड़ी समस्या का उपाय ढूंढने के लिए एक जगह पर एकत्रित होते हैं. हलमा परंपरा से इस क्षेत्र में पानी का संकट कम हुआ है और भू जल स्तर भी बढ़ रहा है. पीएम मोदी ने कहा था ऐसे ही कर्तव्य का भाव सबके मन में आ जाए तो जल संकट से जुड़ी बड़ी से बड़ी चुनौती का समाधान हो सकता है.

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